संस्‍कृति मंत्रालय

जी-20 के संस्कृति कार्य समूह के चार मुख्य विषयों पर जी-20 सदस्य देशों, अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच आम सहमति बनी : संस्कृति सचिव श्री गोविंद मोहन


जी-20 के सांस्‍कृतिक कार्य समूह का उद्घाटन सत्र भारत की अध्‍यक्षता की चार प्राथमिकताओं के बारे में चर्चा पर केंद्रित रहा, जो संस्कृति को वैश्विक निरंतरता के लिए संबल के रूप में बढ़ावा देती हैं

Posted On: 24 FEB 2023 6:53PM by PIB Delhi

खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में आज सांस्कृतिक कार्यसमूह की प्रथम बैठक के तीसरे और चौथे कार्यसमूह सत्र का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्य प्रक्रिया के साथ-साथ ज्ञान साझेदार यूनेस्को द्वारा प्रस्तुतियां पेश की गईं।

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संस्कृति सचिव श्री गोविंद मोहन ने अपने समापन भाषण में कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता में संस्कृति कार्यसमूह की पहली बैठक आज संपन्‍न हो गई। बैठक में चार महत्‍वपूर्ण सत्रों में भारत द्वारा तय की गई प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। श्री गोविंद मोहन ने कहा कि भारत ने इस बैठक के लिए चार मुख्य विषय रखे थे। इनमें सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और पुनर्निर्माण; सतत भविष्य की जीवंत विरासत का उपयोग करना; सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्‍साहन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना शामिल हैं।

दो दिवसीय विचार मंथन के दौरान जी-20 के सदस्य देशों, अतिथि देशों और बैठक में भाग लेने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच इन विषयों को मजबूती से आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि सभी देशों ने हमारे प्रस्ताव का समर्थन किया

श्री गोविंद मोहन ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि विशेषज्ञ अब वेबिनार के माध्यम से सूक्ष्म स्तर की विस्‍तृत काम करेंगे, ताकि अगस्त तक हम एक नई पहल की घोषणा कर सकें और उसके आधार पर एक नया रास्ता तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि बैठक में ब्रिटेन, मॉरीशस, जापान, सिंगापुर, अमरीका सहित कई देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई।

आज शाम जी-20 के प्रतिनिधियों ने खजुराहो में आदिवर्त जनजातीय एवं लोक कला संग्रहालय का भी दौरा किया। संग्रहालय में प्रदेश के पांच सांस्कृतिक क्षेत्रों - बघेलखण्ड, बुन्देलखण्ड, मालवा, निमाड़ और चंबल के साथ ही साथ सातों प्रमुख जनजातियों गोंड, बैगा, भील, भैरा, कोरकू, कोल एवं सहरिया के प्रतिनिधि आवास एवं दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं को बनाया और संग्रह किया गया है ।

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इससे पहले कल, सांस्‍कृतिक कार्य समूह की प्रथम बैठक का उद्घाटन सत्र भारत की अध्‍यक्षता की चार प्राथमिकताओं के बारे में चर्चा पर केंद्रित रहा, जो आने वाले प्रतिनिधियों के साथ संस्कृति को वैश्विक निरंतरता और विकास हेतु संबल के रूप में बढ़ावा देती हैं। त्रोइका के सदस्‍यों इंडोनेशिया और ब्राजील ने उद्घाटन भाषण दिए। इंडोनेशिया ने अपने भाषण में इस बात पर बल दिया कि संस्‍कृति और रचनात्‍मकता निरंतरता के संबंध में सबसे महत्‍वपूर्ण हैं। इंडोनेशिया के भाषण के बाद, ब्राजील ने अपनी आगामी जी-20 अध्‍यक्षता के दौरान इन प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। यूनेस्को में सहायक महानिदेशक, संस्कृति श्री अर्नेस्टो ओटोन आर ने इस बारे में चर्चा की कि कैसे भारत की अध्‍यक्षता के तहत जी-20 सीडब्‍ल्‍यूजी के परिणाम 2030 के बाद के एजेंडे में संस्कृति को मजबूती देने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। सत्र के दूसरे भाग के दौरान सभी 17 सदस्यों ने अपने राष्ट्रीय वक्तव्य दिए।

सत्र का आयोजन कल खजुराहो में महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में किया गया। सत्र का आरंभ केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार और उनके बाद संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी के स्वागत भाषणों से हुआ।

इसके बाद, सचिव, संस्कृति मंत्रालय और जी-20 की भारत की अध्यक्षता के अंतर्गत संस्कृति कार्य समूह के अध्‍यक्ष श्री गोविंद मोहन ने अपने आरंभिक भाषण में वैश्विक रचनात्मक और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को नए सिरे से आकार देने के लिए दुनिया भर में संस्कृति के संरक्षण को फिर से मजबूत बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीमती लिली पांडेया ने उन चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताया जो बैठकों के दौरान चर्चा का केंद्र रहेंगे।

23 फरवरी, 2023 की शाम जी-20 के प्रतिनिधियों ने मंदिरों के पश्चिमी समूह का दौरा किया और इस दौरान उन्‍हें वहां के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई । खजुराहो में मंदिरों के पश्चिमी समूह में जी-20 के प्रतिनिधियों ने मलेशिया की श्री रामली के नेतृत्‍व वाली सूत्रा फाउंडेशन द्वारा निर्देशित आकर्षक और जीवंत प्रस्‍तुतियों का भी आनंद लिया।

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