इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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भारत का जोर प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता मात्र होना नहीं है, बल्कि उत्पादक और भरोसेमंद तकनीकी साथी बनने पर हैः राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर


भारत की व्यापार सुगमता की रैंकिंग ऊपर जा सकती है अगर सभी राज्य सरकारें अतीत के अवशेषों से चिपके न रहकर उद्यमिता व निवेश को समर्थन दें: श्री राजीव चंद्रशेखर

डिजिटल अब कोई बाहरी चीज नहीं रही, बल्कि वह अवसरों में गहरे से निहित हो चुकी हैः श्री राजीव चंद्रशेखर

Posted On: 17 FEB 2023 8:01PM by PIB Delhi

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास और उद्यमिता राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि केंद्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार प्रौद्योगिकी की शक्ति में विश्वास करती है और “डिजिटल” को किसी बाहरी चीज की तरह नहीं देखती, बल्कि वह उसे अवसरों में गहरी पैठ की तरह देखती है।

कोच्चि, केरल में आज “टेक्सपेक्टेशंस डिजिटल समिट” को सम्बोधित करते हुये श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “आज हम आजाद भारत के इतिहास के ऐसे सबसे समृद्ध समय में जी रहे हैं, जहां अवसर ही अवसर हैं। हम ऐसे मोड़ पर पहुंच गये हैं, जहां हमारी अर्थव्यवस्था के विकास की जबरदस्त संभावनायें मौजूद हैं। भारत के युवाओं को सपने देखने और उनके सपनों को साकार करने करने के लिये सरकार प्रेक का काम कर रही है।”

यह शिखर सम्मेलन मनोरमा ऑनलाइन द्वारा अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। मलयालम मनोरमा समाचार पत्र वर्ष 1888 में शुरू हुआ था और इसका ऑनलाइन प्लेटफॉर्म गूगल के आने से एक साल पहले 1997 में लॉन्च किया गया था।

श्री चंद्रशेखर ने कहा कि यदि सभी राज्य सरकारें केंद्र के साथ मिलकर काम करें तो भारत व्यापार सुगमता रैंकिंग में आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, “सभी राज्य सरकारें पारदर्शिता और उद्यमिता तथा निवेश को समर्थन के समान स्तर पर काम नहीं कर रही हैं और अतीत के अवशेषों से चिपकी पड़ी हैं। यदि उनमें से प्रत्येक ने केंद्र के साथ मिलकर काम किया, तो भारत वर्तमान के 63वें स्थान से पहले स्थान पर पहुंच सकता है।

उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने प्रौद्योगिकी के संबंध में भारत के लक्ष्यों को फिर से परिभाषित किया है और पश्चिमी प्रौद्योगिकी के मामूली उपभोक्ता से प्रौद्योगिकी का उत्पादक और विश्व के लिए भरोसेमंद तकनीकी साथी बनने की ओर कदम बढ़ा दिये हैं।

श्री चंद्रशेखन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ऐसी प्रौद्योगिकी की परिकल्पना की है जो आम नागरिकों के जीवन में बदलाव लाये और शासन तथा लोकतंत्र पर प्रभाव डाले। उन्होंने कहा, “आज जब कोई सब्सिडी सरकारी खजाने से बाहर जाती है, तो वह बिना किसी लीकेज या भ्रष्टाचार के लाभार्थी के खाते में पहुंचती है। नागरिकों के जीवन को परिवर्तित करने के लिए प्रौद्योगिकी ने यही किया है।”

नगालैंड के एक शहर जुन्हेबोटो की अपनी हालिया यात्रा का उदाहरण देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि भारत के सुदूरवर्ती हिस्से में भी प्रौद्योगिकी बिना किसी मुश्किल के लाभों के हस्तांतरण को सक्षम बना रही है। इससे सरकार के प्रति विश्वास पैदा हो रहा है।

इसके बाद श्री राजीव चंद्रशेखर सेंट टेरेसा कॉलेज, एर्नाकुलम गए, जहां उन्होंने छात्रों के साथ बातचीत की और प्रोफेसर ई बालगुरुस्वामी पर एक पुस्तक का विमोचन किया, जिसका शीर्षक ‘प्रोफेसर बालागुरुसामी- सत्यहिंते पाथाइल थुदारुन यात्रा’  है। पुस्तक प्रो. बालगुरुसामी के जीवन और समय को बताती है, जो अन्ना विश्वविद्यालय के कुलपति और संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य भी थे।

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि प्रो. बालागुरुसामी से मिलना उनके लिए सम्मान की बात है और उनके कार्य ने तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाली कई पीढ़ियों के तकनीकी कौशल को आकार देने में काफी मदद की है।

बाद में, श्री राजीव चंद्रशेखर ने केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस मणि कुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली, न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार, ए मोहम्मद मुश्ताक, पी बी सुरेश कुमार और राजा विजयराघवन वी. से मुलाकात की। बाद में वे अदालत परिसर में केरल उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के कार्यक्रम में शरीक हुये। मंत्री महोदय ने इस कार्यक्रम में “मॉडर्न टेक्नोलॉजी एंड जुडीशियल डिस्पेनसेशन सिस्टम’ पर अपने विचार रखे,  जिसमें न्याय देने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में ई-न्यायालयों की क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया गया।

श्री चंद्रशेखन ने अमृता विश्व विद्यापीठम, कोच्चि परिसर में ‘न्यू इंडिया फॉर यंग इंडियन्सः अ टेकएड ऑफ अपॉरट्यूनिटीज’ विषय पर छात्रों के साथ एक संवाद-सत्र में भाग लिया।

छात्रों ने उनसे उनके जीवन, छात्र दिनों, करियर और कई अन्य विषयों के बारे में कई सवाल पूछे। उन्होंने युवा छात्रों से आग्रह किया कि वे कभी भी कड़ी मेहनत से न डरें, शॉर्टकट न अपनाएं और हमेशा करियर या जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण में राष्ट्र को पहले रखें। उन्होंने रोजगार और उद्यमिता के लिए भविष्य के लिए तैयार होने के लिए डिजिटल कौशल सीखने के लिए भी कहा।

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