पंचायती राज मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

पंचायतों में स्थानीयकरण (एलएसडीजी) पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कल से भुवनेश्वर में


ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल की उपस्थिति में इस कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे

पंचायतों में एसडीजी स्थानीयकरण पर ओडिशा राज्य रोडमैप जारी किया जाएगा

Posted On: 16 FEB 2023 4:11PM by PIB Delhi

पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर), भारत सरकार ओडिशा सरकार के पंचायती राज और पेयजल विभाग तथा राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडी एंड पीआर), ओडिशा के साथ घनिष्ठ सहयोग में  थीम 3: चाइल्ड फ्रेंडली विलेज और थीम 9: वीमेन फ्रेंडली विलेज पर विषयगत दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण करने पर ओडिशा के भुवनेश्वर में 17-19 फरवरी, 2023 को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक कल इस तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। 

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री, श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल इसके उद्घाटन सत्र में हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर ओडिशा सरकार के पंचायती राज और पेयजल, वन और पर्यावरण, सूचना और जनसंपर्क मंत्री, श्री प्रदीप कुमार अमात और ओडिशा सरकार की महिला और बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्रीमती बसंती हेम्ब्राम भी उपस्थित रहेंगी।

राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के सचिव, श्री सुनील कुमार, डॉ. चन्द्र शेखर कुमार, अपर सचिव, एमओपीआर, श्री आलोक प्रेम नागर, संयुक्त सचिव, एमओपीआर, श्री सुशील कुमार लोहानी, प्रधान सचिव, पंचायती राज और पेयजल विभाग, ओडिशा, श्रीमती शुभा शर्मा, आयुक्त-सह-सचिव, महिला और बाल विकास विभाग, ओडिशा, सुश्री अश्वथी एस, आयुक्त-सह-सचिव, स्कूल और जन शिक्षा विभाग, ओडिशा, श्रीमती गुहा पूनम तापस कुमार, सीईओ, ओआरएमएएस, श्री सुरेंद्र कुमार मीणा, निदेशक, एसआईआरडी एंड पीआर, ओडिशा और अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और स्थानीय जन प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया जाएगा। इस अवसर पर भारत सरकार और राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों, संयुक्त राष्ट्र/अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधियों और पूरे देश की पंचायती राज संस्थाओं के लगभग 1,400 निर्वाचित प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है।

राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के दौरान, 'पंचायतों में एसडीजी स्थानीयकरण पर ओडिशा राज्य रोडमैप' - ओडिशा राज्य द्वारा एलएसडीजी पर राज्य रोडमैप जारी किया जाएगा।

थीम 3: चाइल्ड फ्रेंडली विलेज और थीम 9: वीमेन फ्रेंडली विलेज पर एक विजन दस्तावेज के अलावा ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना: पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से अवसर का निर्माण करना पर एक कॉफी टेबल बुक जारी किया जाएगा। पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए स्थायी पहचानपत्र भी डिजिटल रूप से जारी किया जाएगा।

पूरे देश और ओडिशा राज्य के पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधि और कार्यकर्ता राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेंगे। विषयगत क्षेत्रों में पहल करने वाली पंचायतों को कार्यशाला में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया गया है। राष्ट्रीय कार्यशाला में लगभग 1,400 प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है।

प्रतिभागियों में पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि और कार्यकर्ता, प्रमुख हितधारक, डोमेन विशेषज्ञ और एजेंसियां शामिल होंगी, जो महिलाओं और बच्चों का सशक्तिकरण करने और सुरक्षा के लिए अनुकरणीय काम कर रही हैं और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित कर रही है। राज्य पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग, महिला और बाल विकास तथा अन्य विभागों, एनआईआरडी और पीआर, एसआईआरडी और पीआर, पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थानों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के चयनित ग्राम पंचायत और कार्यकर्ता विभिन्न तकनीकी सत्रों/पैनल चर्चाओं के दौरान 3 से 4 मिनट की वीडियो फिल्म प्रस्तुत करते हुए प्रासंगिक विषयगत क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा करेंगे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002E45K.jpghttps://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003PYIA.jpg

राष्ट्रीय कार्यशाला में 34 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हिस्सा ले रहे हैं। पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधि और पदाधिकारी, बीडीओ, राज्य के संबंधित विभागों के अधिकारी और  संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां इस कार्यशाला में हिस्सा लेंगे। ग्राम पंचायतें, जिनके पास विभिन्न कार्यों के माध्यम से चाइल्ड फ्रेंडली और वीमेन फ्रेंडली विलेज की प्राप्ति के लिए अनुकरणीय प्रथाएं हैं, वे अपने अनुभवों, अभिनव मॉडल, रणनीतियों, दृष्टिकोणों को प्रदर्शित और साझा करेंगे।

जिन ग्राम पंचायतों ने थीम 3 और 9 पर संकल्प को चुना है, वे विषयों के संबंधित पहलुओं पर अपनी कहानियों को साझा करने के लिए कार्यशाला में हिस्सा लेंगे। पंचायतों के प्रतिनिधियों को अन्य ग्राम पंचायतों द्वारा अपनाई गई और कार्यान्वित की गई अच्छी प्रथाओं से अवगत कराया जाएगा। कार्यशाला/कार्यक्रम के तीसरे दिन फील्ड विजिट का आयोजन किया जाएगा जिससे जानकारी के आदान-प्रदान का अवसर प्राप्त हो सके।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण में अनुकरणीय रणनीतियों, दृष्टिकोणों, अभिसरण कार्यों और अभिनव मॉडलों का प्रदर्शन करना है; सर्वोत्तम अभ्यास; ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) में एसडीजी के विषयों की निगरानी रूपरेखा, प्रोत्साहन और परावर्तन।

भुवनेश्वर कार्यशाला, पंचायतों को विभिन्न मॉडलों पर सीखने के लिए एक मंच प्रदान करेगा जिससे जमीनी स्तर पर स्पष्ट विषयगत दृष्टिकोण के माध्यम से एलएसडीजी की प्रक्रिया को संस्थागत बनाया जा सके।

तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करेगी:

  • विचारों का आदान-प्रदान और अन्य राज्यों के साथ अनुभव साझा करके ग्राम पंचायतों के लिए सहकर्मी-शिक्षण के लिए जमीन तैयार करना
  • पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और नीति निर्माताओं, नागरिक समाज संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, डोमेन विशेषज्ञों के बीच बातचीत की सुविधा प्रदान करना
  • थीम 3: चाइल्ड फ्रेंडली विलेज और थीम 9: वीमेन फ्रेंडली विलेज पर कार्यान्वयन रणनीति को मजबूत करना
  • थीम 3: चाइल्ड फ्रेंडली विलेज और थीम 9: वीमेन फ्रेंडली विलेज पर विचार-विमर्श और अभिनव विचारों का प्रचार-प्रसार करना

राष्ट्रीय कार्यशाला, ग्राम पंचायतों के लिए विचारशील कार्रवाई और अनुभवात्मक शिक्षा के लिए एक उपयुक्त मंच के रूप में काम करेगा। यह भागीदारी और अन्वेषणात्मक होगा जो तीन-स्तरीय प्रक्रियाओं को अपनाएगा:

  1. वीडियो प्रस्तुतियां: पंचायतों और डोमेन विशेषज्ञों द्वारा पिछले कुछ वर्षों से किए जा रहे अनुकरणीय कार्यों पर तैयार किए गए वीडियो को दिखाकर प्रस्तुतियां दी जाएंगी। वे अपने द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया और अपने संबंधित ग्राम पंचायतों या मध्यवर्त के क्षेत्र में उत्पन्न प्रभावों का प्रदर्शन करेंगे। 
  2. समूह/पैनल चर्चा: पंचायत प्रतिनिधियों, डोमेन विशेषज्ञों, गैर-सरकारी संगठनों के साथ-साथ संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के पैनलों का गठन किया गया है, जिनकी अध्यक्षता भारत सरकार और राज्य सरकार के संबंधित विभाग के संबंधित सचिव करेंगे। वीडियो प्रस्तुतियों के आधार पर, पैनल द्वारा वीडियो में दिखाए गए विषय पर चर्चा किया जाएगा, जिसे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सुगम और सुविधाजनक बनाया जाएगा। प्रतिभागियों से प्रश्न लिए जाएंगे और इसमें शामिल होने वाले ग्राम पंचायतों और विशेषज्ञों द्वारा उसे संबोधित किया जाएगा।
  3. फील्ड विजिट: कार्यशाला स्थल की चारदीवारी में विचार-विमर्श और चर्चाएं नहीं होगी, बल्कि यह अन्य राज्यों के प्रतिभागियों को ओडिशा की ग्राम पंचायतों में लेकर जाएगा जिससे ओडिशा में ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए कार्यों का प्रदर्शन किया जा सके। राज्य के प्रतिनिधि सौंपे गए ग्राम पंचायतों की यात्रा करेंगे और उनके द्वारा किए गए कार्यों और प्रभावों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करेंगे। इससे प्रतिभागियों को ओडिशा में ग्राम पंचायतों द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं को समझने में सहायता मिलेगी। भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के साथ पंचायती राज और पेयजल विभाग, ओडिशा सरकार और राज्य ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज (एसआईआरडी एंड पीआर), ओडिशा द्वारा फील्ड विजिट की सुविधा प्रदान की जाएगी और उसका समन्वय किया जाएगा।  

पृष्ठभूमि:

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य को 1 जनवरी, 2016 से लागू किया गया। पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार ने एसडीजी के लिए विषयगत दृष्टिकोण अपनाया है - यह 'वैश्विक योजना' की प्राप्ति के लिए 'स्थानीय कार्रवाई' सुनिश्चित करने वाला दृष्टिकोण है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य 17 'लक्ष्यों' को '9 थीम्स' में मिलाकर पंचायती राज संस्थाओं, विशेष रूप से ग्राम पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीजी का स्थानीयकरण करना है। उपयुक्त नीतिगत निर्णयों और संशोधनों के माध्यम से राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) और ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) दिशा-निर्देशों में सुधार किया गया है, जो ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण की प्रक्रिया को सुचारू बनाता है।

पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण वाले एजेंडों का पालन करने में, भारत सरकार का पंचायत राज मंत्रालय, पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) द्वारा संतृप्त किए गए 9 थीम्स पर आधारित सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण पर विषयगत कार्यशालाओं/सम्मेलनों की एक श्रृंखला का आयोजन, विभिन्न स्थानों पर राज्य/केंद्र् शासित प्रदेश के पंचायती राज विभागों, राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडी एंड पीआर), संबंधित मंत्रालय/विभाग और अन्य हितधारकों के साथ निकट सहयोग से करता है।

एलएसडीजी का सफल और प्रभावी कार्यान्वयन केवल तभी संभव हो सकता है जब इसकी अवधारणा और इसकी प्रक्रिया को त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) द्वारा ठीक से समझा, आत्मसात और कार्यान्वित किया जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पीछे न छूट जाए।

एलएसडीजी की थीम 3 - चाइल्ड फ्रेंडली विलेज का दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चे जीवन, विकास, भागीदारी और संरक्षण के लिए प्राप्त अपने अधिकारों का लाभ उठाने में सक्षम बनें। ग्राम पंचायतों को सभी बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण प्रदान करने की आवश्यकता है, जिसमें प्रत्येक बच्चे की भलाई के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और संरक्षित वातावरण जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को सुनिश्चित किया जाए जिससे प्रत्येक बच्चा अपनी पूरी क्षमता के साथ विकास कर सके।

एलएसडीजी की थीम 9 - वीमेन फ्रेंडली विलेज का दृष्टिकोण लैंगिक समानता, समान अवसर, समान अधिकार, सशक्तिकरण का समान अवसर और महिलाओं की भलाई के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण की समुचित सुविधाएं प्रदान करना है। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी लाना, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करना, सतत विकास के लिए निर्णय लेने वाली प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी में सुधार करना और समान काम के लिए समान वेतन प्रदान करना आदि है।

*****

एमजी/एएम/एके/एजे


(Release ID: 1900027)
Read this release in: English , Urdu , Odia