जल शक्ति मंत्रालय
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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने पुणे में आयोजित धारा-2023 के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की


विजन@2047 और भारत के विकास के लिए जल की उपलब्धता एक प्रमुख आधार है- श्री गजेंद्र सिंह शेखावत

प्रविष्टि तिथि: 13 FEB 2023 7:32PM by PIB Delhi

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज पुणे में आयोजित धारा-2023 (शहरी नदियों के लिए समग्र अभियान) के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। इसका आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) ने किया। धारा, नदी शहर गठबंधन (आरसीए) के सदस्यों की वार्षिक बैठक है। यह स्थानीय जल संसाधनों के प्रबंधन के समाधानों पर सह-शिक्षण व समाधानों पर चर्चा करने के लिए भारत के 100 से अधिक सदस्य शहरों के आयुक्तों, अपर आयुक्तों, मुख्य अभियंता और वरिष्ठ योजनाकार सहित वरिष्ठ अधिकारियों के लिए एक मंच प्रदान करता है।

इस अवसर पर एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार, पुणे के नगर आयुक्त श्री विक्रम कुमार और एनआईयूए के निदेशक श्री हितेश वैद्य भी उपस्थित थे। इसके अलावा उद्घाटन सत्र में अयोध्या व औरंगाबाद के लिए शहरी नदी प्रबंधन योजना की शुरुआत की गई। साथ ही, एक संग्रह '75 नदी पहल' का विमोचन भी किया गया। केंद्रीय मंत्री ने जल कलश में हिस्सा लेने वाले 52 शहरों से एकत्र किए गए जल को मिलाकर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नदियां सभ्यताओं की पर्याय हैं और अपने अस्तित्व के लिए नदियों का उपयोग करने के कई दशकों के बाद हमने नदियों को जो वापस दिया है, उस पर हमें चिंतन करना चाहिए, नहीं तो हमारी आने वाली पीढ़ी जल की कमी का नुकसान उठाएगी। उन्होंने इस बात पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि आज के समारोह में 40 से अधिक नगर आयुक्त उपस्थित हैं और उन्होंने जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन में विकेंद्रीकृत योजना के महत्व पर विचार किया है। उन्होंने आगे कहा, "यह योजना स्थानीय निकायों के स्तर पर सबसे अच्छी तरह से कार्यान्वित की जा सकती है और यही कारण है कि यहां उनकी उपस्थिति का काफी अधिक महत्व है" उन्होंने कहा, "स्थानीय निकायों के माध्यम से हम सीधे लोगों से जुड़ सकते हैं, जो जल से संबंधित किसी भी कार्यक्रम की सफलता के लिए काफी जरूरी है।"

श्री शेखावत ने कहा कि देश एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है और आजादी के 75 साल पूरे कर चुका है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से आने वाले परिवर्तन, जिसे पिछले कुछ दशकों में देखा गया है, यह हम सभी के लिए हमारे माननीय प्रधानमंत्री की परिकल्पित 'विकसित भारत' को साकार करने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के लिए और अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "हमारे विकास के कारण विश्व हमें देख रहा है, विशेषकर जब से भारत को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी गई है" श्री शेखावत ने आगे कहा, भोपाल में एक कार्यक्रम- विजन@2047 के दौरान मैंने इस बात पर जोर दिया कि हमने विकसित भारत की चुनौती को स्वीकार कर लिया है और यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई कि इस कार्यक्रम में 25 राज्यों ने हिस्सा लिया और जल से संबंधित मुद्दों के लिए अपनी योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं।जल मंत्री ने कहा कि जल की उपलब्धता, विजन@2027 के लक्ष्य को सफल बनाने का आधार है और यह हमारा दृढ़ विश्वास है कि जल की आवश्यकता का अर्थव्यवस्था के विकास से सीधा संबंध है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी अपनानी होगी कि नदियों पर हमारे कार्यक्रम बुनियादी ढांचे के विकास तक ही सीमित न रहें, बल्कि हमें एक मजबूत जन-नदी संपर्क स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, "जल के लिए सम्मान को फिर से स्थापित करना जरूरी है, जो हमारे पूर्वजों के पारंपरिक ज्ञान के एक हिस्से तहत पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ता चला आया था।" उन्होंने आगे कहा, "यह समय है कि हम सोशल मीडिया, जो आज के समय में एक शक्तिशाली उपकरण है, का उपयोग करके युवा पीढ़ी में उस भावना को उत्पन्न करें।"

उन्होंने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय हर घर को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने, भूजल प्रबंधन व रिचार्ज, एक्विफर मैपिंग और नदियों के कायाकल्प के लिए समग्र रूप से काम कर रहा है। इसके साथ ही भारत, जल क्षेत्र के लिए सबसे बड़े वित्तीय आवंटन वाले देशों में से एक है। श्री शेखावत ने कहा, हमें दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना है और हम निश्चित रूप से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।

उन्होंने नदी शहर गठबंधन के सदस्यों की संख्या 23 से 107 तक बढ़ने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक क्षेत्र के रूप में जल निम्न स्तर से ऊपर उठ रहा है। उन्होंने कहा, "अगर आरसीए के सभी 107 सदस्य एक कदम आगे बढ़ाएगा, तो हम 107 कदम आगे बढ़ेंगे और यह इस समय की जरूरत है।"

एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने अपने उद्घाटन भाषण में अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने आगे कहा कि गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के कायाकल्प के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि नगर निगम के आयुक्तों के लिए जल मुश्किल से प्राथमिकता थी, लेकिन नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत उन्हें अपने मुख्य एजेंडे में जल को शामिल करने का अनुरोध किया गया और हम ऐसा करने में सफल रहे हैं। श्री कुमार ने कहा, "नमामि गंगे को 160 से अधिक देशों ने विश्व के शीर्ष 10 प्रमुख कार्यक्रमों में से एक के रूप में चुना है, जो नमामि गंगे कार्यक्रम की सफलता का एक प्रमाण है।"

उन्होंने 30 दिसंबर, 2022 को आयोजित दूसरी राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक का उल्लेख किया। श्री कुमार ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि कैसे नदियां आर्थिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कारक हैं और उन्होंने स्वच्छ नदियों व देश की जीडीपी व विकास के बीच सीधे संबंध पर जोर दिया। एनएमसीजी के महानिदेशक ने आगे कहा, माननीय प्रधानमंत्री ने नदी घाटियों के किनारे रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पहली एनजीसी बैठक में अर्थ गंगा की अवधारणा की पैरवी की। जल के लिए सम्मान को वापस लाने में माननीय प्रधानमंत्री जी का योगदान अद्वितीय है। श्री कुमार ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निर्धारित स्वच्छ भारत मिशन की सोच ने शहरी प्रबंधन के दृष्टिकोण में एक आदर्श परिवर्तन की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया है, जिसे कई बेहतर स्वास्थ्य संकेतकों में देखा जा सकता है।

श्री कुमार ने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि नदी शहर गठबंधन के सदस्यों ने 100 का आंकड़ा पार कर लिया है और शहरी जल मुद्दों को अब समग्र रूप से संबोधित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, जल को हमेशा प्राथमिकता में नीचे रखा गया है, इसे कई इकाइयों में विभाजित किया गया था। 2019 में जल शक्ति मंत्रालय का निर्माण, संभवत: उन साइलो को तोड़ने का पहला प्रयास था।महानिदेशक ने आगे कहा, "एक अन्य महत्वपूर्ण कारक हमारे जल निकायों का अतिक्रमण है, जो जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के पारंपरिक ज्ञान का आधार हैं।"

श्री कुमार ने नगर आयुक्तों से अनुरोध किया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था व समग्र कल्याण में शानदार विकास प्राप्त करने और अपने शहर की समृद्धि के लिए अपने जल संसाधनों का अच्छी तरह से प्रबंधन करें। उन्होंने आगे कहा, "एनएमसीजी ने विकास संसाधन के रूप में जल के लिए मॉडल विकसित करने के लिए शहरी नदी प्रबंधन योजना का निर्माण और निबंध (थीसिस) प्रतियोगिता आदि जैसी कई पहलें की हैं और आरसीए, निश्चित रूप से प्रभावी शहरी जल प्रबंधन की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है।" श्री कुमार ने कहा, "जल क्षेत्र एक विशिष्ट क्षेत्र है और इसमें किया गया अच्छा काम एक कुशल जल प्रबंधन की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा व जल के मामले में भारत को सुरक्षित बनाएगा।" उन्होंने इस उम्मीद पर अपने संबोधन को समाप्त किया कि इस विचार-विमर्श में प्रस्तुत अद्वितीय विचारों और समाधानों का उपयोग शहर के योजनाकार करेंगे, जिसमें धारा के वर्षा की धारा बनने से भारत को एक नदी के अनुकूल देश बनाने में सहायता मिल सकती है।

धारा- 2023 के पहले दिन 'भारत में नदी प्रबंधन के अभिनव उदाहरण', 'नदी प्रबंधन के लिए अभिनव अंतरराष्ट्रीय केस स्टडीज', 'शहर नदी प्रबंधन के लिए एजेंडा को मजबूत करना', 'नदियों के लिए युवा', 'अंतरराष्ट्रीय नदी शहरों से अनुभव' विषयवस्तुओं पर सत्र आयोजित किए गए।

इन सत्रों के पैनलिस्टों में एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक श्री हिमांशु बडोनी, बायोम सॉल्यूशन्स के निदेशक श्री एस. विश्वनाथ, पॉन्डमैन ऑफ इंडिया श्री रामवीर तंवर, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट में शहरी विकास विशेषज्ञ डॉ. कार्तिकी नाइक, स्वच्छता पुकारे- जमशेदपुर के श्री गौरव आनंद, एनआईयूए के मुख्य सलाहकार श्री राजीव रंजन मिश्रा, अमेरिका के मिसिसिपी नदी आयोग के सचिव कर्नल एंडी पन्नियर, जर्मनी के जीआईजेड की कार्यक्रम निदेशक मार्टिना बुकार्ड, ऑस्ट्रेलिया के एल्लुवियम कंसल्टिंग के शहरी जल प्रमुख डॉ. हैरी विरहसावमी, डेनमार्क दूतावास स्थित जल व शहरी विकास सलाहकार डॉ. अनीता शर्मा, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च स्थित जल शक्ति मंत्रालय प्रोफेशनल चेयर के डॉ. श्रीनिवास चोक्ककुला, सी गंगा के संस्थापक प्रमुख प्रोफेसर श्री विनोद तारे और एनएमसीजी के उप सचिव श्री धीरज जोशी शामिल थे।

 

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत पुणे में धारा- 2023 के उद्घाटन सत्र में सभा को संबोधित करने के दौरान

 

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जल कलश में हिस्सा लेने वाले 52 शहरों से जमा जल को मिलाकर धारा- 2023 का उद्घाटन किया

 

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