स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने संयुक्त रूप से सफदरजंग अस्पताल में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के एकीकृत चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन किया


विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों को प्रतिस्पर्धा नहीं करनी चाहिए बल्कि एक दूसरे की पूरक होना चाहिए; तभी हम अपने नागरिकों की भलाई सुनिश्चित कर सकते हैं: डॉ. मनसुख मांडविया

"1.56 लाख से अधिक एचडब्ल्यूसी स्वास्थ्य और कल्याण सेवाएं, विशेष रूप से योग और अन्य स्वास्थ्य प्रणालियां प्रदान करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहे हैं"

सरकार ने देश के सभी सरकारी चिकित्सा प्रतिष्ठानों और विशेष रूप से सभी एम्स में इस तरह के एकीकृत चिकित्सा केंद्र खोलने का फैसला किया है: डॉ. मनसुख मांडविया

गर्व का विषय है कि भारत समग्र स्वास्थ्य सेवा और एकीकृत चिकित्सा की ओर बढ़ रहा है, इस लक्ष्य की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है: श्री सर्बानंद सोनोवाल

प्रोत्साहक, निवारक, उपचारात्मक और पुनर्वास चिकित्सा प्रदान करने में ऐसे केंद्र महत्वपूर्ण हैं: डॉ. भारती प्रविण पवार

Posted On: 07 FEB 2023 7:08PM by PIB Delhi

"एलोपैथी में आधुनिक प्रगति का उपयोग करने के साथ-साथ एकीकृत चिकित्सा का उद्देश्य भारत की समृद्ध विरासत और चिकित्सा ज्ञान क्षमता का उपयोग करना है। पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियां दोनों ही स्वास्थ्य और कल्याण के बेहतर अवसर प्रदान करने में मदद करेंगी। इस प्रकार, यह समय की मांग है कि विभिन्न चिकित्सा प्रणालियाँ प्रतिस्पर्धा न करें बल्कि एक दूसरे की पूरक हों, तभी हम अपने नागरिकों की भलाई सुनिश्चित कर सकते हैं और सभी के लिए स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।” केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के एकीकृत चिकित्सा विभाग के एकीकृत चिकित्सा केंद्र का संयुक्त रूप से उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में यह विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार और केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई कालूभाई भी उपस्थित थे।

 

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इस नए केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर डॉ. मांडविया ने भारत की विकास गाथा में समग्र स्वास्थ्य सेवा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, देश ने अंततः स्वास्थ्य को अपनी विकास गाथा से जोड़ा है और नागरिकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए जिसका महत्व धन सृजन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक देश तभी विकसित हो सकता है जब उसके नागरिक स्वस्थ हों। स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर और अंतिम छोर तक पहुंचाने के सरकार के समर्पण को दोहराते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि देश भर में 1,56,000 से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) में स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने 31 दिसंबर 2022 से पहले 1.56 लाख से अधिक एचडब्ल्यूसी खोलने की उपलब्धि हासिल की है जो हमारे नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से कल्याण के लिए, इन एचडब्ल्यूसी में नियमित रूप से योग और अन्य अभ्यास भी आयोजित किए जा रहे हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने देश के सभी सरकारी चिकित्सा प्रतिष्ठानों, विशेष रूप से सभी एम्स में इस तरह के एकीकृत चिकित्सा केंद्र खोलने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे केंद्र खोलने से भारतीय प्रणाली और आधुनिक चिकित्सा के चिकित्सकों के सह-स्थलों का शुभारंभ करने में मदद मिलेगी, इस प्रकार दोनों चिकित्सा प्रणालियों में सामंजस्य स्थापित होगा और रोगियों को संयुक्त बहु-विषयक देखभाल प्रदान की जाएगी।

इस एकीकृत दृष्टिकोण के महत्व पर जोर देते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ, निजी चिकित्सा क्षेत्र जैसे हितधारक भी इस एकीकृत चिकित्सा दृष्टिकोण के लिए आगे बढ़ रहे हैं। पारंपरिक चिकित्सा प्रथाओं को लोकप्रिय बनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने भारत के एकीकृत दृष्टिकोण की वैश्विक स्वीकृति पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि आज विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अन्य वैश्विक समकक्ष संस्थान विभिन्न औषधीय प्रणालियों को मुख्यधारा में लाने और सुव्यवस्थित करने में भारत के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया है कि हम अपने नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के इरादे से कैसे सहयोग कर सकते हैं और स्वास्थ्य एवं कल्याण पहलों के लिए इसे विश्व स्तर पर पहचाना जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी हितधारकों के अथक प्रयास हमारे नागरिकों और देश के लिए स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करेंगे।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस नए केंद्र के लिए अस्पताल को बधाई दी और उम्मीद जताई कि कर्मचारी पूरी लगन से अपना काम करेंगे। संस्थान द्वारा तेजी से उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि देश समग्र स्वास्थ्य सेवा की ओर बढ़ रहा है और इस लक्ष्य में एकीकृत चिकित्सा एक महत्वपूर्ण कदम है।

डॉ. भारती प्रविण पवार ने सभी को योग, आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्धा और यूनानी चिकित्सा प्रणालियों के महत्व के बारे में जानकारी दी  जो विशेष रूप से गैर-संचारी रोगों (एनसीडी), बहु-दवा प्रतिरोधी रोगों, जीवन शैली संबंधी विकारों, दीर्घकालिक रोगों की चुनौतियों से निपटने के लिए विकसित हुए हैं। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। परिणामस्वरूप आज इस केंद्र का उद्घाटन किया जा रहा है जो रोगियों की देखभाल करेगा और समग्र देखभाल प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे केंद्र पंचकर्म चिकित्सा और सहवर्ती दवाएं जैसी सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण होंगे जो एक प्रोत्साहक, निवारक, उपचारात्मक और पुनर्वास चिकित्सा प्रदान करेंगे। रोगी देखभाल के एकीकृत मानक प्रोटोकॉल विकसित करने और स्वस्थ जीवन शैली के बारे में रोगियों के बीच जागरूकता फैलाने में यह केंद्र महत्वपूर्ण होगा। केंद्र में विशेष रूप से ओपीडी, पंचकर्म थेरेपी, निशुल्क आयुर्वेदिक दवा औषधालय और आहार परामर्श जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने सफदरजंग अस्पताल के प्रयासों की भी सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि इस एकीकृत चिकित्सा केंद्र के साथ, यह ऐसे अन्य केंद्रों के अनुसरण के लिए एक उदाहरण के रूप में कार्य करेगा।

इस अवसर पर श्री वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव (आयुष), डॉ. अतुल गोयल, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, प्रो. तनुजा नेसारी, निदेशक एआईआईए, डॉ. बी एल शेरवाल, चिकित्सा अधीक्षक, सफदरजंग अस्पताल, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण, सफदरजंग के संकाय और कर्मचारियों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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