कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की मजबूत नींव रखी, जो सभी प्रकार के घरेलू और वैश्विक उथल पुथलों का सामना कर सकती है और फिर भी विश्‍व की प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍थाओं के बीच ‘उज्‍ज्‍वल स्‍थान’ के रूप में आईएमएफ का खिताब हासिल कर सकती है


बुधवार को संसद में प्रस्तु्त ‘भविष्योन्मुखी बजट’ के बारे में रांची में मीडिया को जानकारी देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, मई 2014 से किए गए क्रांतिकारी उपायों और रूपांतरकारी सुधारों ने भारत के वृहद् आर्थिक दृष्टिकोण को चट्टान की तरह मजबूत बना दिया है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बजट में झारखंड विशिष्ट पैकेज का उल्लेख किया, जैसे जनजातीय बच्चों के लिए 7 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के अतिरिक्त, पीएम के रूप में चिन्हित 705 अनुसूचित जनजातियों में से 75 विशेष रूप से निर्बल जनजाति समूह में से 9 झारखंड के हैं

Posted On: 04 FEB 2023 6:03PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), पृथ्‍वी विज्ञान राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की मजबूत नींव रखी थी, जो सभी प्रकार के घरेलू और वैश्विक उथल पुथलों का सामना कर सकती थी और फिर भी विश्‍व की प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍थाओं के बीच ‘उज्‍ज्‍वल स्‍थान’ के रूप में आईएमएफ का खिताब हासिल कर सकती है।

बुधवार को संसद में प्रस्‍तुत ‘भविष्‍योन्‍मुखी बजट’ के बारे में रांची में मीडिया को जानकारी देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, मई 2014 से किए गए क्रांतिकारी उपायों और रूपांतरकारी सुधारों ने भारत के वृहद आर्थिक दृष्टिकोण को चट्टान की तरह मजबूत बना दिया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चट्टान की तरह मजबूत इस नींव पर 2023-24 का यह बजट अगले 25 वर्षों में भारत के अजेय भविष्‍य के निर्माण का वादा करता है। उन्‍होंने कहा कि आज विश्‍व भारत की ओर देख रहा है क्‍योंकि इसने वैश्विक नवोन्‍मेषण सूचकांक पर 40 स्‍थान ऊपर की ओर छलांग लगा दी है। 

इस बजट को एक ऐसे बजट के रूप में परिभषित करते हुए जो समाज के प्रत्‍येक वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करता है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मध्‍य वर्ग से लेकर बड़े उद्योग तक, महिलाओं से लेकर युवाओं तक, किसानों से लेकर स्‍टार्ट अप्‍स तक, यह सभी के लिए एक समावेशी बजट है। इसके साथ ही, हरित विकास जैसी प्राथमिकताएं 21वीं सदी के वैश्विक मानदंडों को लक्षित करती हैं।  

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 1 जुलाई, 2017 की मध्‍य रात्रि से लागू हुआ वस्‍तु एवं सेवा कर पहला प्रमुख आर्थिक सुधार नवीन भारत के लिए एक पथ प्रदर्शक कानून था जिसके कारण एक राष्‍ट्र, एक कर और एक बाजार का मार्ग प्रशस्‍त हुआ और वास्‍तव में इसके जरिये ‘एक भारत - श्रेष्‍ठ भारत’ बनाने का सरदार पटेल का सपना साकार हुआ। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसके अतिरिक्त, पिछले 9 वर्षों में, श्री मोदी द्वारा कई व्‍यवसाय उन्‍मुखी सुधार आरंभ किए गए जैसा कि अनुपालन आवश्‍यकताओं में कमी, पूर्वव्‍यापी कराधान को हटाया जाना, कंपनी कर दर संरचना का सरलीकरण, दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) आदि से भारत की ‘व्‍यवसाय करने में सुगमता’ का रैंक विश्‍व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के 142वें स्‍थान से सुधर कर 2022 में 63वें स्‍थान पर आ गया।

 

समस्‍त देश एवं सभी राज्‍यों के लिए समग्र बजट दृष्टिकोण पर विचार करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बजट में झारखंड राज्‍य के लिए विशिष्‍ट पैकेज है जैसे जनजातीय बच्‍चों के लिए 7 एकलव्‍य मॉडल आवासीय स्‍कूलों के अतिरिक्‍त, पीएम के रूप में चिन्हित 705 अनुसूचित जनजातियों में से 75 विशेष रूप से निर्बल जनजाति समूह में से 9 झारखंड के हैं। उन्‍होंने कहा कि इन परिवारों को आवास, पीने का साफ पानी और स्‍वच्‍छता, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य तथा पोषक तत्‍वों जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।

740 एकलव्‍य मॉडल आवासीय स्‍कूलों का उल्‍लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसे 7 स्‍कूल झारखंड में प्रचालनगत हैं और बताया कि आम बजट ने 3.5 लाख जनजातीय छात्रों की सेवा करने वाले एकलव्‍य मॉडल स्‍कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों तथा सहायक कर्मचारियों की भर्ती करने का प्रस्‍ताव रखा है। उन्‍होंने यह भी रेखांकित किया कि आकांक्षी ब्‍लॉकों के रूप में चुने गए कुल 500 ब्‍लॉकों में से 34 झारखंड में हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य, पोषण, शिक्षा, कृषि,जल संसाधन, वित्‍तीय समावेशन, कौशल विकास तथा मूलभूत अवसंरचना जैसे कई कार्य क्षेत्रों में अनिवार्य सेवाएं पूरी तरह उपलब्‍ध हैं। भारत के अमृत काल में पहले बजट का उल्‍लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह बजट समाज के सभी वर्गों के लिए है और सभी क्षेत्रों की चिंताओं पर ध्‍यान देता है, लेकिन कुल मिला कर यह ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित तथा निर्बल वर्ग के लोगों को प्राथमिकता देता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के वक्‍तव्‍य का सविस्‍तार व्‍याख्‍यान करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा ‘’शहरों में रहने वाली महिलाओं से लेकर गांवों तक, नौकरीपेशा महिलाओं से लेकर गृहिणियों तक, सरकार ने जल जीवन मिशन, उज्‍ज्‍वला योजना तथा पीएम आवास योजना आदि जैसे महत्‍वपूर्ण कदम उठाये हैं जिससे महिलाओं के कल्‍याण को और सशक्‍त बनाया जाएगा।‘’

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सहकारिता के नए मंत्रालय के सृजन करने के बाद, बजट में सहकारिता क्षेत्र के लिए कई महत्‍वपूूर्ण घोषणाएं की गई हैं जो ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था के विकास की आधारशिला हैं और बताया कि सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण स्‍कीम बनाई है। उन्‍होंने यह भी जानकारी दी कि बजट में नई प्राथमिक सहकारी समितियों के गठन के लिए एक रूपांतरकारी नई स्‍कीम की भी घोषणा की गई है जो दूध और मछली उत्‍पादन के क्षेत्र का विस्‍तार करेगी और कृषि, किसानों, पशुपालन तथा मछुआरों सभी के लिए लाभदायक साबित होगी।

जलवायु संबंधी चिंताओं पर भारत की अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिबद्धताओं और 2070 तक नेट जीरो कार्बन अर्जित करने के इसके संकल्‍प का उल्‍लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बजट हरित विकास, हरित अर्थव्‍यवस्‍था, हरित अवसंरचना और टिकाऊ भविष्‍य के लिए हरित रोजगारों को एक अभूतपूर्व विस्‍तार प्रदान करता है।

एमएसएमई को बढ़ने में सहायता करने के लिए प्रकल्पित कर की सीमा बढ़ाने के अतिरिक्‍त, यह बजट मध्‍य आय वर्ग के चेहरे पर मुस्कान भी लाता है क्‍योंकि कर दरों में कमी के साथ साथ सरलीककरण, पारदर्शिता तथा फाइलिंग प्रक्रियाओं में तेजी आ गई है।

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