गृह मंत्रालय

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज झारखंड के देवघर में रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ में विद्यार्थियों के साथ संवाद किया


100 साल से रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण का काम कर रही है

राम कृष्ण परमहंस जी के उपदेशों को स्वामी विवेकानंद जी ने पूरे विश्व में प्रचारित, प्रसारित और स्वीकृति दिलाने का काम किया, उनके आदर्शों पर बनी रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ भारत निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे रही है

परिश्रम ही सफलता का एकमात्र विकल्प है और अगर सफलता प्राप्त करने का उद्देश्य समाज का कल्याण हो तो ईश्वर का आशीर्वाद भी मिलता है

प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा लाई हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की नींव स्वामी विवेकानंद जी के संदेश हैं

जो शिक्षा आम नागरिक को जीवन के संघर्ष के लिए समर्थ नहीं बनाती, विद्यार्थियों में चरित्र निर्माण नहीं करती, बच्चों में परोपकार का भाव निर्मित नहीं करती और सिंह जैसा साहस पैदा नहीं करती, वह शिक्षा अधूरी और उद्देश्यविहीन है

भारतीय समाज, विशेषकर युवाओं को, भाषा की लघुता ग्रंथी से बाहर आना चाहिए, सबसे महान भाषाएं अगर कहीं हैं, तो भारत में हैं

मोदी सरकार भारतीय संस्कारों, इतिहास और संस्कृति के गौरव के साथ विश्वभर की हर क्षेत्र की आधुनिक से आधुनिक शिक्षा भारत में उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है

Posted On: 04 FEB 2023 8:25PM by PIB Delhi

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज झारखंड के देवघर में रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ में विद्यार्थियों के साथ संवाद किया।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि कोई भी संस्था 100 वर्षों तक चलती है तो ये निश्चित हो जाता है कि इसे चलाने वाले इसे समाज के लिए चलाते हैं। उन्होंने कहा कि जो संस्थाएं समाज, देश और दूसरों के लिए नहीं चलती हैं, वो 100 सालों तक कार्यशील नहीं रहती हैं और सातत्यपूर्ण तरीके से काम नहीं कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि 100 साल से इस संस्था का चलते रहना रामकृष्ण मिशन और इसे चलाने वाले लोगों की तपस्या का ही सुफल है कि 100 सालों से ये संस्था चरित्र निर्माण का काम कर रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राम कृष्ण परमहंस जी के उपदेशों को स्वामी विवेकानंद जी ने पूरे विश्व में प्रचारित, प्रसारित और स्वीकृति दिलाने का काम किया और उनके आदर्शों पर बनी रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ भारत निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के पूरे ब्रह्मांड के कल्याण के विचार को विवेकानंद जी ने आगे पहुंचाने का काम किया। श्री शाह ने कहा कि 1922 से अब तक इस विद्यालय ने एक बहुत कठिन लेकिन यशस्वी यात्रा पूरी की है। उन्होंने कहा कि निष्काम कर्म के बिना इतनी ख्याति और सुगंध समाज में प्रसारित नहीं होती है। उन्होंने कहा कि देश और समाज के लिए रामकृष्ण परमहंस जी का समाज कल्याण का रास्ता ही सत्य है।

श्री अमित शाह ने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता और इससे ही सफलता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि परिश्रम ही सफलता का एकमात्र विकल्प है और अगर सफलता प्राप्त करने का उद्देश्य समाज का कल्याण हो तो ईश्वर का आशीर्वाद भी मिलता है। अगर हम तय कर लेंगे कि हमारे परिवार के कल्याण के बाद भी पूरे समाज और देश के उत्थान में मैं योगदान दूंगा, निश्चित ही ईश्वर का आशीर्वाद जरूर मिलेगा और हम स्वयं को सफलता की ऊंचाई पर पाएंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है। देश को आजाद हुए 75 साल हो गए है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव को जोर-शोर के साथ मनाने का निर्णय लिया है और इसके तीन उद्देश्य प्रधानमंत्री जी ने हमारे सामने रखे। पहला, 1857 से 1947 तक आजादी के आंदोलन में लाखों-करोड़ों लोगों ने अलग-अलग प्रकार से योगदान और बलिदान दिया। आजादी के संग्राम में लड़ने वाले उन सभी जाने-अनजाने शहीदों के बारे में हमारी नई पीढ़ी को जानना चाहिए। दूसरा उद्देश्य है, आज़ादी के 75 सालों में हमने हर क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, उन उपलब्धियों की यात्रा को भी युवाओं को समझना चाहिए। तीसरा उद्देश्य है कि 75 साल पूरे होने पर युवा पीढ़ी को संकल्प करना है कि जब आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी तब भारत हर क्षेत्र में दुनिया में सबसे पहले स्थान पर होगा। श्री शाह ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव सिर्फ उत्सव मनाने और गौरवगान करने का महोत्सव नहीं है, बल्कि  संकल्प लेने का वर्ष है। आजादी का अमृत काल, 75 से 100 साल तक के 25 वर्ष, उस संकल्प को सिद्ध करने के लिए पराक्रम की पराकाष्ठा करने के 25 साल हैं और यह जिम्मेदारी हमारे साथ साथ बच्चों की सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि महान भारत की रचना सिर्फ समृद्धि से नहीं होगी, इसका मतलब है विवेकानंद जी की कल्पना का भारत बने, पूरे संसार में हमारे मूल विचार और भारतीय संस्कृति के सार तत्व को पहुंचा कर विश्व के के सोचने का तरीका बदल दे। उन्होंने कहा कि महान भारत की रचना का काम युवा ही कर सकते हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि देश आजाद हो चुका है और अब देश के लिए शहीद होने की जरूरत नहीं है, परंतु देश के लिए जीने से हमें कोई नहीं रोक सकता और हमें देश के लिए जीने का संकल्प लेना है। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में भारत को महान बनाने का उद्देश्य लेकर निकलते हैं तो भारत को हर क्षेत्र में महान बनने से कोई नहीं रोक सकता।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने बच्चों से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2020 में लाई गई नई शिक्षा नीति को वे ज़रूर पढ़ें। उन्होंने कहा कि इस नई शिक्षा नीति की नींव स्वामी विवेकानंद जी के संदेश हैं। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था जो शिक्षा आम नागरिक को जीवन के संघर्ष के लिए समर्थ नहीं बनाती है, विद्यार्थियों में चरित्र निर्माण नहीं करती, बच्चों में परोपकार का भाव निर्मित नहीं करती और सिंह जैसा साहस पैदा नहीं करती, वह शिक्षा अधूरी और उद्देश्यविहीन है। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था में स्वामी जी द्वारा हमारे लिए रखे हुए लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए मोदी जी नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं जिसमें हमारी भाषा, संस्कृति और इतिहास पर गर्व करते हुए विश्व के आधुनिक से आधुनिक ज्ञान को प्राप्त करने की सुविधा है। श्री शाह ने कहा कि भारतीय समाज, विशेषकर भारत के युवाओं को, भाषा की यह लघुता ग्रंथी से बाहर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबसे महान भाषाएं अगर कहीं हैं, तो इस देश में हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भाषा सीखने में कोई बुराई नहीं है परंतु अपनी भाषा को संजोकर रखना और सीखना चाहिए क्योंकि हर व्यक्ति मातृभाषा में ही सोच सकता है। श्री शाह ने कहा कि हमारी सोचने, विश्लेषण, तार्किकी और निर्णय लेने की सबसे अच्छी क्षमता सिर्फ मातृभाषा में है। उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति से शिक्षा का हमारा पूरा खाका परिवर्तित होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कारों, इतिहास और संस्कृति के गौरव के साथ विश्वभर की हर क्षेत्र की आधुनिक से आधुनिक शिक्षा भारत में उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार काम कर रही है।

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आरके / एसएम / आरआर



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