विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
ग्राफीन-स्थिर ट्यून करने योग्य फोटोनिक क्रिस्टल अधिक टिकाऊ और बेहतर परावर्तक डिस्प्ले और लेजर डिवाइस बना सकता है
Posted On:
15 NOV 2022 4:39PM by PIB Delhi
शोधकर्ताओं द्वारा विकसित बेहतर थर्मल स्थिरता और ऑप्टिकल शुद्धता के साथ एक नरम ट्यून करने योग्य फोटोनिक क्रिस्टल जो दृश्यमान स्पेक्ट्रम में स्पष्ट रंगों को दर्शाता है, के द्वारा अधिक टिकाऊ और बेहतर परावर्तक डिस्प्ले और लेजर डिवाइस बनाए जा सकते हैं।
फोटोनिक क्रिस्टल ऑप्टिकल नैनोस्ट्रक्चर होते हैं जिनके अपवर्तक सूचकांक समय-समय पर बदलते रहते हैं। यह प्रकाश के प्रसार को उसी तरह प्रभावित करता है जैसे प्राकृतिक क्रिस्टल की संरचना एक्स-रे विवर्तन को बढ़ाती है और सेमीकंडक्टकर के एटॉमिक लैटिस (क्रिस्टल संरचना) इलेक्ट्रॉनों की चालकता को प्रभावित करते हैं। फोटोनिक क्रिस्टल प्रकृति में स्ट्रक्चर कलरेशन और एनिमल रिफ्लेक्टर के रूप में पाए जाते हैं। प्रकृति में पाए जाने वाले उदाहरणों में दूधिया पत्थर, तितली के पंख, मोर के पंख आदि शामिल हैं, जो अलग-अलग इंद्रधनुषी रंगों का प्रदर्शन करते हैं।
जब कृत्रिम रूप से प्रयोगशालाओं में इन्हें उत्पादित या तैयार किया जाता है, तो फोटोनिक क्रिस्टल रिफ्लेक्शन कोटिंग से लेकर ऑप्टिकल कंप्यूटरों तक के अनुप्रयोगों की एक श्रृंखला में उपयोगी होते हैं। वे पीसी को दृश्यमान वर्णक्रमीय व्यवस्था में संरचनात्मक रंगों को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाते हैं। जब से शोधकर्ताओं ने सीखा है कि फोटोनिक क्रिस्टल को कैसे गढ़ना है, वे निर्माण के बाद मिले गुणों को इस्तेमाल की जगह पर ट्यून करने के लिए निरंतर खोज कर रहे हैं। बाहर से किए गए उद्दीपन के जवाब में सेल्फ- ऑर्गेनाइजेशन, फेज ट्रांजिशन और आणविक अभिविन्यास व्यवहार प्रदर्शित करने वाली लिक्विड क्रिस्टलाइन (एलसी) सामग्री उन्नत फोटोनिक सामग्री और उपकरणों के ट्यूनिंग के लिए महत्वपूर्ण ढंग से ध्यान आकर्षित कर रही है।
ब्लू फेज (बीपी), तरल क्रिस्टल का एक अनूठा थर्मोडायनामिक चरण, एक क्यूब लैटिस संरचना और तरलता के संयोजन के आधार पर एक 3डी फोटोनिक क्रिस्टल है। कुछ सौ नैनोमीटर की लैटिस दूरी के साथ, क्यूब बीपी दृश्यमान स्पेक्ट्रम में रंगों के चयनात्मक प्रतिबिंब को प्रदर्शित करता है। बीपी की नरम उद्दीपन प्रतिक्रिया के कारण, फोटोनिक बैंक गैप (पीबीजी) (घटना जो किसी मैटेरियल में कुछ आवृत्तियों या तरंग दैर्ध्य के प्रकाश को एक, दो, या किसी भी संख्या में ध्रुवीकरण दिशाओं में फैलने से रोकती है) को अपेक्षाकृत कम परिमाण के थर्मल बिजली और ऑप्टिकल क्षेत्र के साथ कुशलता से ट्यून किया जा सकता है।
हालांकि, बीपी की कमियों को देखते हुए उपकरणों का निर्माण अभी भी एक चुनौती है, जिससे परिचालन संबंधी कठिनाइयां पैदा होती हैं। कम तापीय स्थिरता और पॉलीक्रिस्टलाइन प्रकृति से उपकरण अनुप्रयोगों के लिए एक बड़े क्षेत्र में स्पष्ट रंग प्राप्त करने की क्षमता सीमित होती है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट साइंसेज (सीईएनएस) की एक शोध टीम ने इन दो चुनौतियों को पार कर लिया है और एक बीपी प्रणाली विकसित की है जो उच्च ऑप्टिकल शुद्धता और बेहतर थर्मल स्थिरता के साथ दृश्यमान स्पेक्ट्रम में संचालित होती है।
जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलुरु के निदेशक प्रो. जी यू कुलकर्णी और उनका दल जो कि इस कार्य के सहयोगी है, के द्वारा विकसित एक आसान तकनीक का उपयोग करके डॉ. गीता नायर के नेतृत्व वाली टीम ने ग्रेफीन सबस्ट्रेट्स की एक जोड़ी के बीच बीपी को सीमित करके यह उपलब्धि हासिल की है। ग्राफीन और लिक्विड क्रिस्टल अणुओं के कार्बन परमाणुओं की हेक्सागोनल 2-डी व्यवस्था के बीच गैर-सहसंयोजक संपर्क और बेहतर वेटबिलिटी ने थर्मल स्थिरता और ऑप्टिकल शुद्धता में सुधार करने में मदद की।
कार्य का महत्व इस तथ्य में निहित है कि बीपी के ऑप्टिकल और थर्मल गुणों में दर्ज की गई बढ़त को आसानी से लागत प्रभावी तकनीक का उपयोग करके प्राप्त किया गया है, जिस वजह से ये प्रक्रिया बड़े पैमाने पर अनुप्रयोगों के लिए अत्यधिक उपयुक्त है । सिस्टम में यूवी-लाइट-सेंसिटिव डाई को शामिल करके रंगों को ट्यून करने की क्षमता में एक अतिरिक्त आयाम जोड़ा गया है। परियोजना पर काम करने वाली पीएचडी की छात्रा सुश्री नूरजहाँ खातून ने कहा, "प्रयोगशाला स्तर पर विकसित प्रोटोटाइप डिवाइस कमरे के तापमान पर छह महीने से अधिक समय तक स्थिर रहता है।"
पब्लिकेशन लिंक:
https://doi.org/10.1016/j.molliq.2020.115059
पेटेंट की जानकारी:
https://uspto.report/patent/app/20190352184
और जानकारी के लिए डॉ गीता जी नायर से संपर्क करें (ggnair[at]cens[dot]res[dot]in).
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एमजी/एएम/एसएस/वाईबी
(Release ID: 1893650)
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