पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
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वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट

Posted On: 13 JAN 2023 10:59PM by PIB Delhi

आज विश्व 3 'एफ' अर्थात 'खाद्य, ईंधन और उर्वरक' के अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है । इसका सबसे तीखा प्रभाव ग्लोबल साउथ में अनुभव किया जा रहा है। वैश्विक दक्षिण के स्वरों को प्रतिध्वनित करने के लिए जी 20 के अध्यक्ष  पद का उपयोग करना ही हमारा प्रयास है

                                             श्री हरदीप एस पुरी

 

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा आवासन और शहरी मामलों के मंत्री श्री  हरदीप एस पुरी ने "वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट-2023" के ऊर्जा मंत्रियों के सत्र को संबोधित कियाI इसकी विषयवस्तु  "ऊर्जा सुरक्षा और विकास : समृद्धि का रोडमैप" थी।

इस सत्र ने ऐसी ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने के लिए विकासशील देशों से विचार उत्पन्न करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया जो कि सस्ती, सुलभ और दीर्घकालीन है।

इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री द्वारा विगत 12 जनवरी 2023 को राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरण, सांस्कृतिक और तकनीकी विषयों पर सहयोग करने के लिए राष्ट्रों के एक महत्वपूर्ण समूह के रूप में किया गया था।

सत्र में इराक के उप प्रधान मंत्री, अल्जीरिया, बहरीन, बेलारूस, इक्वेटोरियल गिनी, लीबिया, नामीबिया, सोमालिया, सीरिया, वानुअतु, वेनेजुएला के ऊर्जा/पेट्रोलियम मंत्रियों और अज़रबैजान के उप मंत्री का प्रतिनिधित्व था।

सत्र में अपने सम्बोधन में माननीय मंत्री ने रेखांकित किया कि, भारत का जी 20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक है और यह कि भारत वैश्विक दक्षिण के स्वरों पर ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा न्याय, सतत ऊर्जा संक्रमण की सामान्य चिंताओं को प्रतिध्वनित करने तथा इसे उजागर करने के लिए जी 20 की  अध्यक्षता का उपयोग करने का प्रयास करेगा ताकि सभी विकासशील देश विश्वसनीय और स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त कर सकें।

सभी ऊर्जा मंत्रियों ने ग्लोबल साउथ की चिंताओं को उठाने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की और कहा कि आर्थिक विकास की गति को जारी रखने के लिए विश्व को संपूर्ण ऊर्जा इको सिस्टम का गठन करने वाले अधिक दीर्घकालीन ऊर्जा मॉडल की आवश्यकता है ।

मंत्री महोदय ने 'खाद्य, ईंधन और उर्वरक' (फूड, फ्यूल एंड फ़र्टिलाइजर) वाले  3एफ के अभूतपूर्व संकट की चिंता भी जताई, और भारत द्वारा घरेलू उत्पादन पर ध्यान देने के साथ-साथ जैव ईंधन, इथेनॉल, कंप्रेस्ड बायो गैस(सीबीजी), बढ़ते ई एंड पी पदचिह्न; और इलेक्ट्रिक वाहनऔर हाइड्रोजन के माध्यम से ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के साथ ही आपूर्ति के विविधीकरण, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की वृद्धि सहित अत्यधिक मूल्य अस्थिरता से बचाने के लिए उठाए गए कई कदमों की गणना की ।

भारत ने ऊर्जा सुरक्षा, संक्रमण और साझा विकास लक्ष्यों को सुनिश्चित करने के लिए अंतः परिसरीय सौर पाककला प्रणाली ( इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम ) की पेटेंट तकनीक सहित जैव ईंधन, हाइड्रोजन, सौर के क्षेत्र में अनुभवों, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हुए अत्याधुनिक तकनीक प्रदान करके वैश्विक दक्षिण में भागीदारों का समर्थन करने की इच्छा व्यक्त की।

मंत्री महोदय ने जैव ईंधन, सौर, वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड(ओएसओडब्ल्यूओजी) पहल के संबद्ध लाभों को रेखांकित किया और जी 20 के अंतर्गत  "वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन" बनाने त्तथा नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में सम्मिलित  होने के लिए ग्लोबल साउथ के भागीदारों से समर्थन मांगा ।

वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का उद्देश्य "विचारों की एकता, उद्देश्य की एकता" को प्राप्त करना है और यह जी 20 देशों एवं  वैश्विक दक्षिण के सदस्यों के साथ परामर्श के माध्यम से एक सकारात्मक जी 20 एजेंडा को आकार देने के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के सर्वथा अनुरूप है ।

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