मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने तिरूवनंतपुरम में 29 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों और केन्द्रीयकृत कॉल सेंटर का उद्घाटन किया

Posted On: 05 JAN 2023 5:23PM by PIB Delhi

1962 डायल करके पूर्ण रूप से सुसज्जित पशु चिकित्सा सुविधाएं सिर्फ एक कॉल की दूरी पर उपलब्ध

यह योजना डेयरी क्षेत्र को जीविका-आधारित कृषि आजीविका को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य उद्यम में बदलने में सहायता प्रदान करेगा, जिसके परिणामस्वरूप केरल के युवाओं को लाभप्रद रोजगार मिलेगा: श्री रूपाला

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरषोत्तम रूपाला ने आज तिरुवनंतपुरम में 29 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों और केंद्रीकृत कॉल सेंटर का उद्घाटन किया, जो कि केरल के पशुधन किसानों के फायदे के लिए एक उल्लेखनीय कार्य है।

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इन एमवीयू को यूनिफार्म हेल्पलाइन नंबर 1962 के साथ एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर द्वारा संचालित किया जाएगा। इनमें पशुपालक/पशुधन मालिकों से कॉल प्राप्त किए जाएंगे और पशु चिकित्सक आपातकालीन स्थिति के आधार पर मामलों की प्राथमिकता तय करेंगे और उन्हें किसान के घर तक पहुंचने के लिए निकटतम एमवीयू में भेजेंगे।

केरल के विभिन्न जिलों में 50 एमवीयू खोला जा रहा है। 1962 डायल करके पूर्ण रूप से सुसज्जित पशु चिकित्सा सुविधाएं सिर्फ एक कॉल की दूरी पर उपलब्ध होगा। ये वाहन रोग निदान उपचार, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, मामूली शल्य चिकित्सा मध्यवर्तन, ऑडियो-विज़ुअल सहायता और आवश्यक दवाओं से लैस होंगे।

मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस मध्यवर्तन से डेयरी प्रजनकों में उच्च उत्पादकता वाले डेयरी पशुओं को पालने के विश्वास को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि अधिकांश प्रजनक अपने पशुधन का उपचार कराने के लिए पशु चिकित्सा अस्पताल जाने के लिए अनिच्छुक होते हैं और आमतौर पर सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी के लिए नीम हकीमों को बुलाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एमवीयू में एक योग्य पशु चिकित्सक और एक पशुमित्र होगा जो पशुधन किसानों को विशेष सेवाएं प्रदान करेगा।

योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए मंत्री ने रेखांकित किया कि यह योजना भरोसेमंद है और केरल के युवाओं को लाभप्रद रोजगार देकर डेयरी क्षेत्र के जीविका आधारित कृषि आजीविका को व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक उद्यम में तब्दील करेगा।

एमवीयू दूर-दराज के इलाकों में किसानों/पशुधन मालिकों को उनके घर पर रोग निदान उपचार, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, मामूली शल्य चिकित्सा मध्यवर्तन, ऑडियो-विज़ुअल सहायता और सेवाएं प्रदान करेंगे।

एमवीयू पशु चिकित्सा मुद्दों का समाधान करेंगे और देश के दूरदराज इलाकों में सूचना के प्रसार के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करेंगे।

चालू वित्त वर्ष में, पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), एमओएफएएचडी, भारत सरकार ने पूरे देश में 4332 एमवीयू को मंजूरी प्रदान की है।

इस कार्यक्रम में विदेश और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री वी मुरलीधर, केरल की पशुपालन मंत्री श्रीमती जे चिंचू रानी, सांसद बिनॉय विश्वम, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सुरेश कुमार डी, केरल के पशुपालन विभाग के निदेशक, आईएएस डॉ ए कावशिगन और अन्य अधिकारी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

पृष्ठभूमि:

पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण - मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां (ईएसवीएचडी-एमवीयू), पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण (एलएच एंड डीसी) योजना के अंतर्गत एक घटक है जो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 1 लाख पशुधन आबादी पर 1 एमवीयू प्रदान करते हुए पशुधन किसानों को उनके घर पर पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

यह योजना खरीद पर गैर-आवर्ती व्यय (16.00 लाख रुपये/1 एमवीयू की दर से) के लिए 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करता है और किसानों के घर पर पशु चिकित्सा सेवाओं की डिलीवरी करने के लिए इन एमवीयू के संचालन पर आवर्ती व्यय (18.72 लाख रुपये/1 एमवीयू की दर से) के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) और केंद्रीय हिस्सेदारी (केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100 प्रतिशत, उत्तर पूर्व और पहाड़ी राज्यों के लिए 90 प्रतिशत और अन्य सभी राज्यों के लिए 60 प्रतिशत) का अनुकूलन करता है।

इन एमवीयू में पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए एक पशु चिकित्सक, एक पशुमित्र और एक चालक-सह-परिचर होगा।

पशु चिकित्सक का वेतन संशोधित करके 56,100 प्रति महीना कर दिया गया है। 2021-22 में, केंद्र सरकार द्वारा 4,332 एमवीयू की खरीद के लिए 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 681.57 करोड़ रुपया जारी किया गया है।

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