सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
उत्तरी क्षेत्र के राज्यों के दिव्यांग बच्चों और युवाओं ने ‘दिव्य कला शक्तिः विटनेसिंग एबिलिटीज इन डिसएबिलिटीज’ के अंतर्गत अपनी कला का प्रदर्शन किया
दिल्ली में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिव्यांग युवाओं ने अपनी प्रतिभा को दर्शाया
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पहली बार दिव्यांगजनों के लिए उत्तरी क्षेत्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया
Posted On:
10 DEC 2022 7:32PM by PIB Delhi
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज (10 दिसंबर 2022) को दिल्ली स्थित आकाशवाणी भवन के रंग भवन सभागार में ‘दिव्य कला शक्ति’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने अपने विभागीय प्रशासनिक क्षेत्राधिकार के तहत आने वाले एक राष्ट्रीय संस्थान पीडीयूएनआईपीपीडी के सहयोग से ‘दिव्य कला शक्तिः विटनेसिंग एबिलिटीज इन डिसएबिलिटीज’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों और युवाओं द्वारा किए गए असाधारण प्रदर्शन को दिव्यांगता के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न गैर-सरकारी संगठन और विभाग के हितधारकों ने देखा।
18 अप्रैल 2019 और 23 जुलाई 2019 को राष्ट्रपति भवन एवं बालयोगी सभागार में आयोजित दो राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बाद दिव्य कला शक्ति को पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद निर्देशन में क्षेत्रीय स्तर पर ले जाया जा रहा है। तदनुसार तीन क्षेत्रीय "दिव्य कला शक्ति" कार्यक्रम पहले ही मुंबई, अरुणाचल और चेन्नई में विभिन्न स्थानों यानी पश्चिमी क्षेत्र, उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र में आयोजित किए जा चुके हैं। इस बार दिल्ली में पहली बार उत्तरी क्षेत्रीय दिव्य कला शक्ति का आयोजन किया गया, जहां उत्तरी क्षेत्रों के विभिन्न राज्यों, सांस्कृतिक समाजों, संस्थानों, नागरिक समाजों से लगभग 100 कलाकारों को वास्तव में उत्तरी क्षेत्रीय भावना पैदा करने के लिए तैयार किया गया है। विभाग ने कोरियोग्राफर के साथ उनके पूर्वाभ्यास और अभ्यास सत्र की व्यवस्था की तथा ऐसे बच्चों के बीच अनुशासन और समय व प्रदर्शन की सटीकता उनकी बौद्धिक, रचनात्मक और उनकी अव्यक्त क्षमता का सबसे बड़ा उदाहरण है जिसे उनके अधिकतम आत्म-बोध के लिए उपयोग करने की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, रचनात्मक व्यक्तित्वों, शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, दिव्यांगजनों के कल्याण की हिमायत करने वाले विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों आदि सहित लगभग 300 गणमान्य लोगों ने देखा।
शारीरिक, दृश्य, श्रवण, बौद्धिक, ऑटिज्म से लेकर बहु-विकलांगता और कद का कम रहना जैसी दिव्यांगता से ग्रसित बच्चों और युवाओं ने अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया। वे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हैं, चाहे वह कला, संस्कृति, खेल या कुछ और भी हो। दिव्यांग बच्चे और दर्शक प्रधानमंत्री द्वारा कहे गए प्रेरक शब्दों को हमेशा याद रखेंगे “दिव्यांग प्रतिभाशाली इंसान हैं, हम अपने दिव्यांग बहनों और भाइयों के लिए एक समावेशी, सुलभ और न्यायसंगत भविष्य सुनिश्चित करने के लिए समर्पण के साथ काम कर रहे हैं। उनका धैर्य और विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हम सभी को प्रेरित करती हैं।”
राष्ट्रपति ने भी ठीक ही कहा था कि दिव्यांगजन को किसी सहानुभूति की आवश्यकता नहीं है, केवल समानुभूति और एक सुविधाजनक एवं अनुकूल वातावरण की आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम में कई राज्य विशिष्ट प्रदर्शनों का समावेश था जिसने शाम को जीवंत बना दिया। पूर्वी क्षेत्र से एक कैंसर सर्वाइवर और लोकोमोटर दिव्यांग अनीता गुप्ता द्वारा दुर्गा नृत्य वास्तव में लोगों को जागरूक करने वाला एक प्रदर्शन था। वास्तव में इन दिव्यांगजनों द्वारा बहुत सारे मनमोहक प्रदर्शन सभी को प्रेरित कर सकते हैं।
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