जल शक्ति मंत्रालय
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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की 10वीं अधिकारिता कार्य बल बैठक की अध्यक्षता की

Posted On: 09 DEC 2022 5:48PM by PIB Delhi

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 8 दिसंबर, 2022 को केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों तथा राज्य सरकारों सहित राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन  ( एनएमसीजी ) की 10वीं अधिकारिता कार्य बल बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय मंत्री ने नमामी गंगे कार्यक्रम के विभिन्न घटकों की प्रगति की समीक्षा की। केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्यों ने हाल में हुए घटनाक्रमों पर अपडेट उपलब्ध कराया तथा उनकी भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा का मानचित्रण किया। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को गंगा नदी के समग्र कायाकल्प के लिए किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। श्री शेखावत ने राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों से समयबद्ध तरीके से लक्ष्य अर्जित करने का आग्रह किया।

- पर्यटन मंत्रालय अर्थ गंगा के अनुरुप पर्यटन सर्किट के विकास के लिए एक व्यापक योजना पर काम कर रहा है

- आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में गंगा नदी के किनारे 75 शहरों में प्रदर्शनियों और मेलों की योजना बनाई गई

- बिजली मंत्रालय क्लस्टर दृष्टिकोण अपनाने के जरिये थर्मल पावर प्लांटों के उपचारित अपशिष्ट जल का फिर से उपयोग करेगा

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय गंगा नदी के किनारे जैविक खेती और प्राकृतिक खेती गलियारों के निर्माण के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय गंगा नदी के किनारे बसे गांवों में जल-उपयोग दक्षता में सुधार लाने के प्रयासों के अतिरिक्त पर्यावरण- कृषि को बढ़ावा दे रहा है

- आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय एसबीएम 2.0 तथा अमृत 2.0 के तहत गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में शहरी नालों के मानचित्रण तथा अपशिष्ट एवं तरल कचरे के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है

- पर्यावरण एवं वन मंत्रालय गंगा बेल्ट में वनीकरण कार्यकलापों को बढ़ाने तथाप्रोजेक्ट डॉल्फिनको आगे बढ़ाने के लिए एक विस्तृत योजना पर विचार कर रहा है 

श्री जी अशोक कुमार ने अर्थ गंगा के तहत महत्वपूर्ण क्षेत्रों और पिछले कुछ महीनों में अर्थ गंगा के छह कार्यक्षेत्रों में आरंभ किए गए कार्यकलापों पर प्रस्तुति दी जिनमें शामिल हैं :

) शून्य बजट प्राकृतिक खेती जिसमें किसानों के लिए ‘‘ प्रति बूंद, अधिक शुद्ध आय ‘‘ , ‘ गोबर धनपैदा करने वाली रसायन मुक्त खेती शामिल है

) कीचड़ तथा अपशिष्ट जल का मुद्रीकरण और पुनः उपयोग जिसमें सिंचाई और औद्योगिक उद्वेश्यों के लिए उपचारित जल का फिर से उपयोग तथा यूएलबी के लिए राजस्व सृजन की परिकल्पना की गई है

) आजीविका सृजन के अवसर जैसेघाट में हाट ‘, स्थानीय उत्पादों का संवर्धन, आयुर्वेद, चिकित्सकीय पौधे, गंगा प्रहरियों, गंगा दूतों जैसे स्वयंसेवकों का क्षमता निर्माण

) हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक भागीदारी

) सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन जिसमें सामुदायिक घाटों के माध्यम से नौका पर्यटन लागू करने, योग का संवर्धन, रोमांचक पर्यटन आदि की शुरुआत करने की योजना बनाई जा रही है

) बेहतर विकेंद्रित जल शासन के लिए स्थानीय क्षमताओं को बढ़ाने के द्वारा संस्थागत निर्माण

श्री अशोक कुमार ने बताया कि सहकार भारती के साथ एमओयू होने के बाद शिरडी, बुलंदशहर, सोनीपत, हरिद्वार तथा मेरठ में कई किसानों के लिए ज्ञानवर्द्धक कार्यशालाओं तथा यात्राओं का आयोजन किया गया है। किसानों को प्राकृतिक खेती में शिफ्ट करने के लिए प्रेरित और संवेदनशील बनाया जा रहा है और 75 ‘ सहकार गंगा ग्रामोंका विकास किया जाएगा। अन्य कार्यकलापों के अतिरिक्त गंगा बेसिन में अर्थ गंगा के तहत घट में हाट पहल भी आरंभ की गई है। जलज आजीविका मॉडल 26 स्थानों पर लांच किया गया है तथा 31 दिसंबर तक 15 और मॉडल लांच कर दिए जाएंगे।

  केंद्रीय मंत्रालयों के बीच, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने सूचित किया है कि गंगा नदी के किनारे जैविक खेती और प्राकृतिक खेती गलियारों के निर्माण के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं और गंगा नदी के किनारे बसे गांवों में जल-उपयोग दक्षता में सुधार लाने के प्रयासों के अतिरिक्त पर्यावरण- कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

पर्यटन मंत्रालय ने सूचित किया है कि अर्थ गंगा के अनुरुप गंगा नदी के किनारे पर्यटन सर्किट के विकास के लिए एक व्यापक योजना पर काम किया जा रहा है इसके अतिरिक्त, आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में गंगा नदी के किनारे 75 शहरों में प्रदर्शनियों और मेलों की योजना बनाई जा रही है।  दूसरी तरफ, संस्कृति मंत्रालय संग्रहालयों में समर्पित गंगा दीर्घाओं के साथ साथ संस्कृति यात्राओं की योजना बना रहा है।

बिजली मंत्रालय क्लस्टर दृष्टिकोण अपनाने के जरिये थर्मल पावर प्लांटों के उपचारित अपशिष्ट जल का फिर से उपयोग करने की दिशा में कदम उठा रहा है जबकि ग्रामीण विकास मंत्रालय छोटी नदियों के कायाकल्प तथा पारंपरिक जल निकायों की सुरक्षा के लिए मनरेगा के तहत कार्यकलापों के संयोजन की दिशा में सक्रियतापूर्वक काम करने की योजना बना रहा है।

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने सूचित किया है कि वह गंगा बेल्ट में वनीकरण कार्यकलापों को बढ़ाने तथाप्रोजेक्ट डॉल्फिनको आगे बढ़ाने के लिए एक विस्तृत योजना पर भी विचार कर रहा है। अन्य प्रयासों के बीच दलदली भूमियों की एक व्यापक सूची भी तैयार की जा रही है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने सूचित किया है कि एसबीएम 2.0 तथा अमृत 2.0 के तहत गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में शहरी नालों के मानचित्रण तथा गाद एवं तरल कचरे के प्रबंधन के अतिरिक्त नदी शहरों के लिए योजना ढांचे के प्रचालन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

राज्यों में, नमामि गंगे मिशन I से नमामि गंगे मिशन II की ओर रूपांतरण में फोकस परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने, गंगा की सहायक नदियों के शहरों में परियोजनाओं के लिए विश्वसनीय डीपीआर तैयार करने, देरी में कमी लाने पर है। राज्यों ने सूचित किया कि छोटी नदियों और दलदली भूमियों के पुनरुद्धार पर भी बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। भविष्य के लिए प्रत्येक गंगा जिले को कम से कम 10 दलदली भूमियों के लिए वैज्ञानिक योजना तैयार करना तथा स्वास्थ्य कार्ड विकसित करना है और उपचारित जल तथा अन्य उप-उत्पादों के पुनःउपयोग के लिए नीतियों का अंगीकरण करना है।

राज्यों/मंत्रालयों से एक दूसरे के समन्वयन के साथ छह कार्यक्षेत्रों के अनुरुप अर्थ गंगा पर कार्यकलापों को कार्यान्वित करने का आग्रह किया गया। यह भी सूचना दी गई कि कुल 139 जिला गंगा समितियों का गठन किया गया है जिसमें से 52 नदी की मुख्य धारा पर हैं तथा 87 सहायक नदियों पर हैं। अब डीजीसी की नियमित, निगरानी वाली, अधिदेशित, मासिक और कार्यवृत्त बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।

बैठक में जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर तुडु, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा कायाकल्प विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव श्रीमती विनी महाजन, बिहार के मुख्य सचिव श्री आमिर सुभानी, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार  तथा एनएमसीजी, केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। 

 

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर तुडु तथा एनएमसीजी के डीजी श्री जी अशोक कुमार के साथ एनएमसीजी की 10वीं ईटीएफ बैठक की अध्यक्षता करते हुए

 

 

एमजी/एएम/एसकेजे



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