संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
ट्राई ने अप्रैल-जून 2022 तिमाही के लिए "भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन सूचक रिपोर्ट" जारी की
Posted On:
23 NOV 2022 8:12PM by PIB Delhi
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज यहां 30 जून, 2022 को समाप्त तिमाही के लिए "भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन सूचक रिपोर्ट" जारी की है। यह रिपोर्ट भारत में दूरसंचार सेवाओं की एक व्यापक तस्वीर प्रदान करती है और 1 अप्रैल, 2022 से 30 जून, 2022 तक की अवधि के लिए मुख्य रूप से सेवा प्रदाताओं द्वारा दी गई जानकारियों के आधार पर भारत में दूरसंचार सेवाओं के साथ-साथ केबल टीवी, डीटीएच और रेडियो प्रसारण सेवाओं के प्रमुख मापदंडों और विकास के रुझान को प्रस्तुत करती है ।
रिपोर्ट का मुख्य सारांश संलग्न है। पूरी रिपोर्ट ट्राई की वेबसाइट (www.trai.gov.in और लिंक http://www.trai.gov.in/release-publication/reports/performance-indicator-reports) पर उपलब्ध है। इस रिपोर्ट से संबंधित किसी सुझाव या स्पष्टीकरण के लिए श्री अमित शर्मा, सलाहकार (एफ एंड ईए), ट्राई से दूरभाष +91-11-23234367 और ई-मेल: advfea2@trai.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है।
भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन सूचक
अप्रैल-जून, 2022
मुख्य सारांश
भारत में टेलीफोन सब्सक्राइबर की संख्या मार्च 2022 के अंत में 116.693 करोड़ से बढ़कर जून 2022 के अंत तक 117.296 करोड़ हो गई, इसमें पिछली तिमाही की तुलना में 0.52% की वृद्धि दर्ज हुई है। यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) 2.46 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। भारत का कुल टेली-घनत्व मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में 84.88% से बढ़कर जून-22 को समाप्त तिमाही में 85.13 प्रतिशत हो गया।
भारत में टेलीफोन सब्सक्राइबर और टेली-घनत्व के रुझान
शहरी क्षेत्रों में टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च 2022 के अंत में 64.711 करोड़ से बढ़कर जून 2022 के अंत तक 64.909 करोड़ हो गई, हालांकि इसी अवधि के दौरान शहरों का टेलीफोन-घनत्व 134.94 प्रतिशत से घटकर 134.72 प्रतिशत हो गया।
ग्रामीण क्षेत्रों के टेलीफोन सब्सक्राइबर मार्च 2022 के अंत के 51.982 करोड़ से बढ़कर जून 2022 के अंत में 52.327 करोड़ हो गए और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन-घनत्व भी 58.07 प्रतिशत से बढ़कर 58.46 प्रतिशत हो गया।
कुल सब्सक्रिप्शन में से, ग्रामीण क्षेत्रों के सब्सक्राइबर की हिस्सेदारी मार्च 2022 के अंत के 44.55 प्रतिशत से बढ़कर जून 2022 के अंत तक 44.66% हो गई।
टेलीफोन सब्सक्राइबर में हिस्सेदारी
तिमाही के दौरान 53 लाख ग्राहकों की शुद्ध वृद्धि के साथ, कुल वायरलेस ग्राहकों की संख्या मार्च 2022 के अंत में 114.209 करोड़ से बढ़कर जून 2022 के अंत तक 114.739 करोड़ हो गई, जिसमें पिछली तिमाही की तुलना में 0.46% की वृद्धि दर्ज हुई है। पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले वायरलेस सब्सक्रिप्शन 2.83 प्रतिशत की दर से घटी है।
वायरलेस टेलीफोन-घनत्व 0.24 प्रतिशत की तिमाही वृद्धि दर के साथ मार्च 2022 के अंत के 83.07 प्रतिशत से बढ़कर जून 2022 के अंत में 83.27 प्रतिशत हो गया।
वायरलाइन सब्सक्राइबर 2.92 प्रतिशत की तिमाही वृद्धि दर के साथ मार्च 2022 के अंत के 2.484 करोड़ से बढ़कर जून 2022 के अंत में 2.557 करोड़ हो गए, साथ ही साल दर साल के आधार पर भी 2022 की जून तिमाही के खत्म होने तक वायरलाइन सब्सक्रिप्शन में 17.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।
वायरलाइन टेलीफोन-घनत्व 2.69 प्रतिशत की तिमाही वृद्धि दर के साथ मार्च 2022 के अंत में 1.81 प्रतिशत से बढ़कर जून 2022 के अंत में 1.86 प्रतिशत हो गया।
इंटरनेट ग्राहकों की कुल संख्या मार्च 2022 के अंत में 82.489 करोड़ से बढ़कर जून 2022 के अंत में 83.686 करोड़ हो गई, इसमें 1.45 प्रतिशत की तिमाही वृद्धि दर दर्ज हुई है। 83.686 करोड़ इंटरनेट ग्राहकों में से, वायर से जुड़े इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 2.873 करोड़ है और वायरलेस इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 80.813 करोड़ है।
इंटरनेट सब्सक्रिप्शन में हिस्सेदारी
इंटरनेट सब्सक्राइबर संख्या में शामिल 80.094 करोड़ ग्राहकों के पास ब्रॉडबैंड इंटरनेट और 3.592 करोड़ ग्राहकों के पास नैरोबैंड इंटरनेट है।
ब्रॉडबैंड इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 1.60 प्रतिशत की बढ़त के साथ मार्च 2022 के अंत के 78.830 करोड़ से बढ़कर 22 जून के अंत में 80.094 करोड़ हो गई। नैरोबैंड इंटरनेट सब्सक्राइबर की संख्या मार्च 2022 के अंत के 3.659 करोड़ से 1.84 प्रतिशत की कमी के साथ जून 2022 के अंत में 3.592 करोड़ पर आ गई।
वायरलेस सेवाओं के लिए प्रति उपयोगकर्ता मासिक औसत राजस्व (एआरपीयू) मार्च 2022 को समाप्त तिमाही के 127.17 रुपये से 5.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ जून 2022 के अंत तक 133.55 रुपये पर पहुंच गया। पिछले साल के मुकाबले इस तिमाही में वायरलेस सेवा के लिए मासिक एआरपीयू में 27.61 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।
मार्च 2022 के अंत में प्रीपेड एआरपीयू प्रति माह 121.91 रुपये से बढ़कर जून तिमाही के अंत में 28.61 रुपये हो गया, हालांकि प्रति माह का पोस्टपेड एआरपीयू मार्च 2022 तिमाही के अंत में 200.56 रुपये से घटकर जून 2022 तिमाही के अंत तक 197.55 रुपये पर आ गया।
अखिल भारतीय औसत पर, प्रति माह प्रति ग्राहक का कुल एमओयू मार्च 2022 के अंत में 955 से घटकर जून 2022 में 914 हो गया इसमें 4.38 प्रतिशत की गिरावट रही है।
प्रीपेड एमओयू प्रति ग्राहक प्रति माह मार्च 2022 को समाप्त तिमाही के 972 से घटकर जून 2022 को समाप्त तिमाही में 936 हो गया। पोस्टपेड एमओयू प्रति ग्राहक प्रति माह भी मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में 721 से घटकर जून 2022 को समाप्त तिमाही में 621 हो गया है।
जून 2022 में खत्म हुई तिमाही में दूरसंचार सेवा क्षेत्र का सकल राजस्व (जीआर) और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) क्रमशः 76,408 करोड़ रुपये एवं 60,530 करोड़ रुपये रहा है। पिछली तिमाही की तुलना में जून 2022 को खत्म हुई तिमाही में जीआर 0.01 प्रतिशत घटा है और एजीआर में 2.79 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
जून 2022 में खत्म हुई तिमाही में पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में जीआर और एजीआर की साल-दर-साल वृद्धि क्रमश: 17.91 प्रतिशत और 17.91 प्रतिशत रही है।
पास-थ्रू शुल्क में 1.12 प्रतिशत की तिमाही गिरावट दर्ज हुई और ये मार्च 2022 को समाप्त हुई तिमाही में 13,568 करोड़ रुपये से घटकर जून 2022 तिमाही में 13,415 करोड़ रुपये हो गया। जून 2022 में खत्म हुई तिमाही के लिए पास-थ्रू शुल्कों में पिछले साल के मुकाबले 0.38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
लाइसेंस शुल्क मार्च 2022 को खत्म हुई तिमाही के 4,712 करोड़ रुपये से बढ़ाकर जून 2022 को खत्म हुई तिमाही में 4,844 करोड़ रुपये हो गया है। इस तिमाही के दौरान लाइसेंस शुल्क में पिछली तिमाही और पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में क्रमश: 2.79 प्रतिशत और 18.05 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।
समायोजित सकल राजस्व में सेवा-वार हिस्सेदारी
दूरसंचार सेवाओं के कुल समायोजित सकल राजस्व में एक्सेस सेवाओं का योगदान 80.95 प्रतिशत है। जून 2022 में खत्म हुई तिमाही में एक्सेस सेवाओं, सकल राजस्व (जीआर), समायोजित सकल राजस्व (एजीआर), लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) और पास-थ्रू शुल्क में बढ़ोतरी क्रमश: 1.67%, 5.55%, 5.53%, 3.82% और -3.41% रही है।
क्यूओएस के संदर्भ में वायरलाइन सेवा प्रदाताओं का इस तिमाही के दौरान प्रदर्शन पिछली तिमाही की तुलना में नीचे दिया गया है:-
क्यूओएस के जिन मापदंडों में सुधार है
|
क्यूओएस के जिन मापदंडों में गिरावट है
|
- 90 सेकंड के भीतर ऑपरेटरों (वॉयस टू वॉइस) द्वारा उत्तर दिए गए कॉल का प्रतिशत ≥ 95%
|
- जून 2022 को खत्म हुई तिमाही में किसी मापदंड पर गिरावट नहीं दर्ज हुई
|
सेवा की गुणवत्ता के मामले में सेल्युलर मोबाइल सेवा प्रदाताओं का प्रदर्शन सभी मापदंडों में समान रहा है यानी पिछली तिमाही की तुलना में इस तिमाही में न तो प्रदर्शन में सुधार हुआ है और न ही गिरावट आई है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) द्वारा केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दोनों के लिए कुल लगभग 892 निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को अनुमति दी गई है।
दिनांक 3 मार्च 2017 के संशोधित टैरिफ आदेश के अनुसरण में प्रसारकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध 879 अनुमति प्राप्त सैटेलाइट टीवी चैनलों में से 30 जून 2022 तक 347 सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं। 347 पे चैनल में से 249 एसडी सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं और 98 एचडी सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं।
वर्ष 2003 में डीटीएच क्षेत्र की शुरुआत के बाद से, भारतीय डीटीएच (डायरेक्ट-टू-होम) सेवाओं ने अभूतपूर्व वृद्धि प्रदर्शित की है। 30 जून 2022 को खत्म हुई तिमाही के दौरान, देश में 4 पे डीटीएच सेवा प्रदाता थे।
30 जून 2022 को खत्म हुई तिमाही में पे डीटीएच के लगभग 6.704 करोड़ का कुल सक्रिय ग्राहक हैं। यह डीडी फ्री डिश (दूरदर्शन की मुफ्त डीटीएच सेवाएं) के ग्राहकों के अतिरिक्त है।
ऑल इंडिया रेडियो - एक पब्लिक ब्रॉडकास्टर द्वारा संचालित रेडियो चैनलों के अलावा, एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा ट्राई को दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 30 जून 2022 तक, 36 निजी एफएम रेडियो संचालकों के द्वारा 113 शहरों में 388 निजी एफएम रेडियो चैनल संचालित हैं।
388 निजी एफएम रेडियो चैनलों के संबंध में 30 जून 2022 को समाप्त तिमाही के दौरान एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा दर्ज किया गया विज्ञापन राजस्व 345.12 करोड़ रुपये है जो कि पिछली तिमाही यानी 31 मार्च 2022 के लिए 386 निजी एफएम रेडियो चैनलों के संबंध में 362.63 करोड़ रुपये था।
30 जून 2022 तक, 366 सामुदायिक रेडियो स्टेशन कार्यरत हैं।
स्नैपशॉट
(30 जून 2022 को खत्म हुई तिमाही तक के आंकड़ें)
|
|
टेलीकॉम सब्सक्राइबर (वायरलैस+वायरलाइन )
|
|
कुल सब्सक्राइबर
|
1,172.96 Million
|
|
पिछली तिमाही के मुकाबले % में बदलाव
|
0.52%
|
|
शहरी सब्सक्राइबर
|
649.09 Million
|
|
ग्रामीण सब्सक्राइबर
|
523.87 Million
|
|
निजी ऑपरेटरों की बाजार में हिस्सेदारी
|
89.38%
|
|
पीएसयू ऑपरेटरों की बाजार में हिस्सेदारी
|
10.62%
|
|
टेलीफोन-घनत्व
|
85.13%
|
|
शहरी टेली-घनत्व
|
134.72%
|
|
ग्रामीण टेली-घनत्व
|
58.46%
|
|
वायरलैस सब्सक्राइबर
|
|
कुल वायरलैस सब्सक्राइबर
|
1,147.39 Million
|
|
पिछली तिमाही के मुकाबले % में बदलाव
|
0.46%
|
|
शहरी सब्सक्राइबर
|
625.49 Million
|
|
ग्रामीण सब्सक्राइबर
|
521.90 Million
|
|
निजी ऑपरेटरों की बाजार में हिस्सेदारी
|
90%
|
|
पीएसयू ऑपरेटरों की बाजार में हिस्सेदारी
|
10%
|
|
टेली-घनत्व
|
83.27%
|
|
शहरी टेली-घनत्व
|
129.82%
|
|
ग्रामीण टेली-घनत्व
|
58.24%
|
|
तिमाही के दौरान कुल वायरलेस डेटा खपत
|
37,626 PB
|
|
पब्लिक मोबाइल रेडियो ट्रंक सर्विसेज (पीएमआरटीएस) की संख्या
|
66,048
|
|
वेरी स्मॉल ऐपर्चर टर्मिनल्स (वीसैट) की संख्या
|
2,76,971
|
|
वायरलाइन सब्सक्राइबर
|
|
कुल वायरलाइन सब्सक्राइबर
|
25.57 Million
|
|
पिछली तिमाही के मुकाबले % में बदलाव
|
2.92%
|
|
शहरी सब्सक्राइबर
|
23.60 Million
|
|
ग्रामीण सब्सक्राइबर
|
1.97 Million
|
|
निजी ऑपरेटरों की बाजार में हिस्सेदारी
|
38.47%
|
|
पीएसयू ऑपरेटरों की बाजार में हिस्सेदारी
|
61.53%
|
|
टेली-घनत्व
|
1.86%
|
|
ग्रामीण टेली-घनत्व
|
0.22%
|
|
शहरी टेली-घनत्व
|
4.90%
|
|
ग्राम सार्वजनिक टेलीफोनों की संख्या (वीपीटी)
|
68,606
|
|
पब्लिक कॉल ऑफिस (पीसीओ) की संख्या
|
61,427
|
|
दूरसंचार के वित्तीय आंकड़े
|
तिमाही के दौरान सकल राजस्व (जीआर)
|
Rs.76,408 Crore
|
पिछली तिमाही के मुकाबले जीआर में % में बदलाव
|
-0.01%
|
तिमाही के दौरान समायोजित सकल राजस्व (एजीआर)
|
Rs.60,530 Crore
|
पिछली तिमाही के मुकाबले एजीआर में % में बदलाव
|
2.79%
|
एक्सेस एजीआर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का हिस्सा
|
4.88%
|
इंटरनेट/ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर
|
कुल इंटरनेट सब्सक्राइबर
|
836.86 Million
|
पिछली तिमाही के मुकाबले % में बदलाव
|
1.45%
|
नैरोबैंड सब्सक्राइबर
|
35.92 Million
|
ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर
|
800.94 Million
|
वायर्ड इंटरनेट सब्सक्राइबर
|
28.73 Million
|
वायरलैस इंटरनेट सब्सक्राइबर
|
808.13 Million
|
शहरी इंटरनेट सब्सक्राइबर
|
497.56 Million
|
ग्रामीण इंटरनेट सब्सक्राइबर
|
339.30 Million
M
|
प्रति 100 लोगों में कुल इंटरनेट सब्सक्राइबर
|
60.73
|
प्रति 100 लोगों में शहरी इंटरनेट सब्सक्राइबर
|
103.27
|
प्रति 100 लोगों में ग्रामीण इंटरनेट सब्सक्राइबर
|
37.86
|
पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट की संख्या
|
1,00,206
|
कुल डेटा खपत (जीबी)
|
1,42,16,743
|
प्रसारण और केबल सेवाएं
|
केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दोनों के लिए आईएंडबी मंत्रालय द्वारा अनुमति प्राप्त निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों की संख्या
|
892
|
ब्रॉडकास्टर्स के द्वारा बताए गए पे टीवी चैनलों की संख्या
|
347
|
निजी एफएम रेडियो स्टेशनों की संख्या (ऑल इंडिया रेडियो को छोड़कर)
|
388
|
पे डीटीएच ऑपरेटरों के साथ कुल सक्रिय सब्सक्राइबर की संख्या
|
67.04 Million
|
कार्यरत सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या
|
366
|
पे डीटीएच ऑपरेटरों की संख्या
|
4
|
वायरलेस सेवा का मासिक एआरपीयू
|
वायरलेस सेवा का मासिक एआरपीयू
|
Rs.133.55
|
प्रति ग्राहक प्रति माह उपयोग के मिनट (एमओयू) - वायरलेस सेवा
|
914 Minutes
|
इंटरनेट टेलीफोन के उपयोग के कुल आउटगोइंग मिनट
|
98.31 Million
|
वायरलेस डेटा खपत
|
औसत वायरलेस डेटा खपत प्रति वायरलेस डेटा सब्सक्राइबर प्रति माह
|
16.40 GB
|
तिमाही के दौरान प्रति ग्राहक प्रति जीबी वायरलेस डेटा औसत राजस्व प्राप्ति
|
Rs.10.29
|
***
एमजी/एएम/एसएस/वाईबी
(Release ID: 1878675)
Visitor Counter : 200