विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
शोधकर्ताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए युवा शोधकर्ताओं के भारत-जर्मन सप्ताह 2022 का उद्घाटन किया गया
Posted On:
07 NOV 2022 6:06PM by PIB Delhi
युवा शोधकर्ताओं (यंग रिसर्चर्स 2022) के भारत–जर्मन सप्ताह, जिसका आज उद्घाटन हुआ है , से अपने शोध हितों को साझा करने और दीर्घकालिक अनुसंधान साझेदारी बनाने के लिए दोनों देशों के युवा शोधकर्ता अब एक साथ आ गए हैं।
सपताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के सचिव एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने बताया कि "जर्मनी, भारत के साथ सहयोग के अपने लंबे इतिहास के साथ, विज्ञान में देश के शीर्ष अनुसंधान सहयोगियों में से एक है और पिछले दशक में जर्मनी जाने वाले भारतीय शोध छात्रों और युवा वैज्ञानिकों में चार गुना वृद्धि हुई है"।
भारत के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी तथा जर्मन रिसर्च फाउंडेशन (डीएफजी) की संयुक्त पहल के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान भारत और जर्मनी के 30 होनहार युवा शोधकर्ता रासायनिक विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न समकालीन विषयों पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे।
वैश्विक महामारी के बाद की दुनिया में दो देशों के शोधकर्ताओं के बीच यह अपनी तरह का पहला संवाद होगा। प्रत्येक प्रतिभागी एक शोध व्याख्यान देगा और उसे अन्य प्रतिभागियों के साथ निकटता से बातचीत करने का अवसर भी प्राप्त होगा। इस विचार–विमर्श का मुख्य लक्ष्य प्रारंभिक एवं कैरियर के मध्य में पहुंचे हुए (मिड–कैरियर) शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के बीच ऐसे सहयोग को बढ़ावा देना है जिससे निकट भविष्य में वैज्ञानिक सहयोग का एजेंडा निर्धारित होगा। कॉन्क्लेव का नेतृत्व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के प्रोफेसर विनोद के सिंह और जर्मनी के रेगेन्सबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बुर्कहार्ड कोनिग ने किया है।
इस कार्यक्रम को आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर विनोद के सिंह और रेगेन्सबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बुर्कहार्ड कोनिग ने भी संबोधित किया तथा डीएसटी / एसईआरबी से डॉ. प्रवीण कुमार सोमसुंदरम और डीएफजी से डॉ. डैनियल पर्सचे द्वारा एक सिंहावलोकन दिया गया।
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(Release ID: 1874354)
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