विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने छात्र-वैज्ञानिक सम्पर्क कार्यक्रम का आयोजन किया

Posted On: 04 NOV 2022 3:33PM by PIB Delhi

वैज्ञानिक अनुसंधान मानवता की सेवा के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। विज्ञान की कोई सीमा नहीं है और वैज्ञानिक बनने के लिए जुनून एक शर्त है। अग्रणी खोजों और आविष्कारों के माध्यम से, वैज्ञानिक आम जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च) की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल ने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर द्वारा आयोजित छात्र-वैज्ञानिक सम्पर्क कार्यक्रम में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान अपने इन विचारों को साझा किया। यह कार्यक्रम वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद (सीएसआईआर) के जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया गया था जिसमें जयपुर, राजस्थान के 33 स्कूली छात्रों ने कल 3 नवंबर, 2022 को राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसन्धान संस्थान (एनआईएससीपीआर), पूसा परिसर, नई दिल्ली का दौरा किया।

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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल ने छात्रों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया

छात्रों के साथ बातचीत करते हुए प्रो. अग्रवाल ने मौलिक विज्ञान में करियर बनाने के महत्व पर जोर दिया और छात्रों को अपने स्वयं के वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक कैरियर के अनुभवों से मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे स्वदेशी समाधान विकसित करके देश की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने आने वाले छात्रों को भी इसके बारे में संवेदनशील होने के लिए प्रोत्साहित किया। आगे अपने संबोधन में प्रो. अग्रवाल ने कुछ प्रमुख उदाहरणों का हवाला दिया कि कैसे सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर संचार-नीति अनुसंधान के एक अद्वितीय मंच के रूप में वैज्ञानिक घटनाओं में जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और इसी तरह के आधार पर उन्होंने छात्रों से संस्थान द्वारा आयोजित किए जा रहे वर्तमान एवं भविष्य के कार्यक्रमों में भाग लेने का आग्रह किया।

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सीएसआईआर की जिज्ञासा पहल के छात्र-वैज्ञानिक सम्पर्क कार्यक्रम के दौरान सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के पूसा परिसर में राजधानी स्कूल, कंवरपुरा, जयपुर के अपने शिक्षकों के साथ विज्ञान के छात्रों (कक्षा 11-12वीं) की मेजबानी की गई। छात्रों को सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के योगदान और प्रौद्योगिकियों से परिचित कराया गया जो हमारे दैनिक जीवन की गतिविधियों का एक हिस्सा हैं और उन्हें इस तरह के एस एंड टी नवाचारों का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया जो राष्ट्र निर्माण में योगदान करते हैं।

वैज्ञानिक एवं  औद्योगिक अनुसंधान परिषदराष्ट्रीय परियोजना विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआरएनआईएससीपीआर) में जिज्ञासा कार्यक्रम के प्रमुख श्री सी. बी. सिंह ने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के प्रशिक्षण और मानव संसाधन प्रभाग ने जिज्ञासु के छात्र-वैज्ञानिक संपर्क कार्यक्रम के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि कैसे जिज्ञासु कार्यक्रम पूरे देश में विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के सहयोग से व्याख्यान, वेबिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों के बीच वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने में योगदान देता है। श्री सिंह ने हाल ही में लॉन्च किए गए सीएसआईआर ऑनलाइन वर्चुअल लैबोरेटरी पोर्टल के महत्व पर जोर दिया जो मानव जीवन की रोजमर्रा की गतिविधियों को संचालित करने वाली वैज्ञानिक प्रक्रियाओं और अनुप्रयोगों की सरल व्याख्या करता है।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में मुख्य वैज्ञानिक श्री आर.एस. जयसोमु ने विज्ञान संचार में करियर से संबंधित अपनी बहुमूल्य वार्ता के साथ चर्चा को और आगे बढ़ाया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर समाज को वैज्ञानिक ज्ञान प्रदान करने के लिए काम करता है और इस प्रकार यह ऐसा एक अद्वितीय सीएसआईआर संस्थान है जो देश में सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित शीर्ष संगठनों में से एक है। उनके भाषण ने छात्रों को सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर पत्रिकाओं 'विज्ञान प्रगति' और 'विज्ञान रिपोर्टर' से भी परिचित कराया। श्री जयसोमु ने छात्रों को उस 'वेल्थ ऑफ इंडिया' विश्वकोश श्रृंखला के बारे में भी जानकारी दी जो भारत की वनस्पतियों, जीवों और खनिज भंडार के विशाल ढेर से संबंधित प्रामाणिक ज्ञान प्रदान करता है।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन रे आने वाले छात्रों को अयूर वाटिका के पौधों के औषधीय मूल्यों के बारे में समझाते हुए

 

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की एमेरिट्स वैज्ञानिक डॉ. सुनीता गर्ग संस्थान की वनस्पतियों (हर्बेरियम) की मुख्य विशेषताएं बताती हुईं

छात्र सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के लोकप्रिय विज्ञान प्रभाग में भी गए जहां से लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाएं विज्ञान रिपोर्टर और विज्ञान प्रगति लंबे समय से प्रकाशित होती हैं

डॉ. सुमन रे, प्रधान वैज्ञानिक और पीआई-जिज्ञासा, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने 1942 में संस्थान के सीएसआईआर के शामिल होने के बाद से विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं की उपलब्धियों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। इसके बाद छात्रों ने प्रिंटिंग सेक्शन, अयूर वाटिका का दौरा किया। लोकप्रिय विज्ञान प्रभाग, कच्चे माल की हर्बेरियम और संग्रहालय सुविधाएं संस्थान के परिसर में स्थित हैं।

इस अवसर पर सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक ने सभी आने वाले छात्रों को विज्ञान प्रगति पत्रिका के विशेष अंक का वितरण किया और छात्रों को भागीदारी के प्रमाण-पत्र के साथ सम्मानित किया।

 

 

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