सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने “शिल्प समागम– 2022” का उद्घाटन किया
Posted On:
02 NOV 2022 8:19PM by PIB Delhi
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज नई दिल्ली में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले तथा सुश्री प्रतिमा भौमिक और श्रीमती अंजलि भावरा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव की उपस्थिति में शिल्प समागम- 2022 का उद्घाटन किया।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत तीनों संस्थाओं - एनबीसीएफडीसी, एनएसएफडीसी और एनएसकेडीएफसी के विभिन्न चैनल सहयोगियों के माध्यम से, मंत्रालय कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए एक बेहतर बाजार प्रणाली उपलब्ध करा रहा है। शिल्प समागम का आयोजन 01 से 15 नवंबर, 2022 तक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि “शिल्प समागम– 2022” में शीर्ष संस्थाओं के लाभार्थियों को अपने हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री करने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस वर्ष उन्हें 108 स्टॉल आवंटित किए गए हैं। लाभार्थियों के उत्पादों में धातु शिल्प उत्पाद, लकड़ी शिल्प उत्पाद, बेंत और बांस के सामान, मिट्टी के उत्पाद, हथकरघा और वस्त्र, लकड़ी के बर्तन, आभूषण, चमड़े के उत्पाद, जूट के उत्पाद, कालीन एवं डेयरी, चेन्नापट्टनम लकड़ी के खिलौने, फुलकारी उत्पाद, जलकुंभी के उत्पाद, अचार और कार्बनिक शहद, एरी कढ़ाई वर्क एवं सोजनी कढ़ाई वर्क, स्क्रूपाइन उत्पाद, केस और कांटे, जैकेट, राजस्थानी जुट्टी और मनका वर्क तथा अन्य उत्पाद शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे निगमों के लक्षित समूह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'पीएम-दक्ष' के अंतर्गत कौशल का उन्नयन और कौशल विकास में प्रशिक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समूह अधिकांश रूप से पारंपरिक आर्थिक गतिविधियों में शामिल है। इसलिए, लक्षित समूहों की आर्थिक गतिविधियों को बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कौशल उन्नयन पर भी बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें केवल अपनी जरूरतों और क्षमताओं की पहचान करने और सरकारी संसाधनों तथा सॉफ्ट लोन तक अपनी पहुंच को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार 2001 से लाभार्थियों के लिए दिल्ली हाट, भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) और सूरज कुंड शिल्प मेला में प्रदर्शनी का आयोजन करके अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सफाई कर्मचारी से संबंधित लाभार्थियों को विपणन मंच प्रदान कर रहा है और इन प्रदर्शनियों में मंत्रालय के शीर्ष संस्थाओं की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उनके उत्पादों का प्रदर्शन करने और बिक्री करने के लिए नि:शुल्क स्टॉल उपलब्ध करा रहा है, जिसका उद्देश्य लक्षित समूहों को समर्थन प्रदान करना, सशक्त बनाना और लाभार्थी को महानगरों तथा बड़े शहरों में उपभोक्ताओं/ ग्राहकों के व्यवहार को समझने और अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों को आकर्षित एवं उजागर करने में सक्षम बनाना है। शीर्ष निगमों ने देश में विभिन्न ऋण योजनाओं का वित्तपोषण करने की दिशा में सराहनीय काम किया है और अब तक देश में 52 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को कवर करने के लिए 15,700 करोड़ रुपये का वितरण किया है और पीएम दक्ष योजना के अंतर्गत 5 लाख से ज्यादा प्रशिक्षुओं के कौशल विकास के लिए 495 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। इन प्रदर्शनियों में हिस्सा लेने वाले लाभार्थियों ने अच्छा व्यापार होने की जानकारी दी है जो शीर्ष संस्थाओं का ऋण चुकाने में उनके लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। दिल्ली हाट, आईएनए केंद्रीय जगह पर स्थित है और प्रदर्शनियों में घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय/ विदेशी आगंतुकों सहित बहुत लोग इसमें आते हैं। पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली हाट में प्रदर्शनियों के माध्यम से तीन हजार से ज्यादा लाभार्थियों को फायदा हुआ है।
पंद्रह दिनों तक दिल्ली हाट, आईएनए में चलने वाले इस शिल्प समागम-2022 (01-15 नवंबर) विपणन प्रदर्शनी के दौरान, 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री निम्नलिखित हैं:
क्रम संख्या
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राज्य के नाम
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शिल्प/ उत्पाद
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1
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असम
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बेंत और बांस, हस्तशिल्प वस्तुएं और हथकरघा
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2
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बिहार
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हैंडलूम कार्य, मधुबनी पेंटिंग
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3
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दिल्ली
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वस्त्र-परिधान
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4
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गुजरात
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पोशाक सामग्री (गुजराती कढ़ाई), कच्छ शिल्प, बीड वर्क
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5
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हरियाणा
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पोशाक सामग्री, रेडीमेड वस्त्र
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6
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हिमाचल प्रदेश
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शॉल, स्टोल, जैकेट, कार्बनिक शहद, अचार, चाय आदि
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7
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जम्मू और कश्मीर
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आरी वर्क, सोजनी वर्क, कश्मीरी शॉल
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8
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कर्नाटक
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लकड़ी के खिलौने, अगरबत्ती
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9
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केरल
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स्क्रूपाइन, जलकुंभी उत्पाद आदि
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10
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मध्य प्रदेश
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पीतल के उत्पाद, माहेश्वरी चंदेरीबाग प्रिंट सूट, ड्रेस सामग्री, साड़ी और अचार
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11
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महाराष्ट्र
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चमड़े के उत्पाद, हस्तशिल्प सामाग्री, पोशाक सामग्री
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12
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पंजाब
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फुलकारी वर्क, पंजाबी जूटी पोशाक सामाग्री
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13
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पुडुचेरी
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चमड़े के उत्पाद, लकड़ी के खिलौने, रेडीमेड वस्त्र
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14
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राजस्थान
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राजस्थानी जूटी, चादरें, एप्लिक वर्क, अचार खाखरा आदि
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15
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तमिलनाडु
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वस्त्र-परिधान, लकड़ी के खिलौने
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16
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त्रिपुरा
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जूट, बेंत और बांस के झाड़ू आदि
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17
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उत्तराखंड
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खेस, लोई, दरी, शॉल, ड्रेस सामाग्री, जैकेट, कुर्ता और शर्ट आदि
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18
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उत्तर प्रदेश
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लकड़ी की नक्काशी वाला कपड़ा, नरम खिलौने, चिकन वर्क, बनारसी साड़ी
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19
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पश्चिम बंगाल
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कांठा सिलाई और कट वर्क, ड्रेस सामग्री, साड़ी आदि
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