जल शक्ति मंत्रालय
जल संसाधन विभाग ने विशेष अभियान 2.0 के तहत 68 लाख से अधिक राजस्व अर्जित की और 65,844 वर्गफुट क्षेत्र को खाली किया
जलशक्ति मंत्रालय ने अभियान को उसकी सच्ची भावना से आयोजित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी
Posted On:
31 OCT 2022 8:52PM by PIB Delhi
भारत सरकार ने 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2022 तक स्वच्छता और सरकार में लंबित मामलों को कम करने के लिए विशेष अभियान 2.0 की घोषणा की थी। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय ने विशेष अभियान 2.0 को सही मायने में आयोजित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रारंभिक चरण में एक व्यापक योजना बनाई गई थी, अभियान के कार्यान्वयन चरण के लिए एक कार्य-उन्मुख रणनीति तैयार की गई थी। मुख्य केंद्र जगह प्रबंधन और कार्यालय परिसर के अंदर और आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण पर था।
विशेष अभियान 2.0 के पीछे की गई कड़ी मेहनत एक बड़ी सफलता साबित हुई और फलीभूत हुई। समय पर इसकी निगरानी की गई और सभी कार्यालयों से दैनिक आधार पर डेटा एकत्र किया गया और मुद्दों के त्वरित निवारण के लिए 'लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान' का एक पोर्टल बनाया गया।
31 अक्टूबर 2022 तक विभिन्न मापदंडों पर अभियान की उपलब्धि इस प्रकार है:
क्रमांक संख्या.
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मापदंड
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लक्ष्य
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उपलब्धि
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शेष
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1
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सांसद संदर्भ
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49
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40
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9
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2
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संसद आश्वासन
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19
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16
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3
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3
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आईएमसी संदर्भ
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5
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5
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0
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4
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जन शिकायतें
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139
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138
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1
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5
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पीएमओ संदर्भ
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4
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4
|
0
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6
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समीक्षा की गईं फाइलें
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60513
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60513
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0
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7
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हटाई गईं फाइलें
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21626
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21626
|
0
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8
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उत्पन्न राजस्व
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6817887
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6817887
|
0
|
9
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खाली की गई जगह (वर्गफुट)
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65844
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65844
|
0
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10
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स्थलों की सफाई
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321
|
321
|
0
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11
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सरलीकरण के लिए नियम
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76
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76
|
0
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12
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तस्वीरें (पहले और बाद में)
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8
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8
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0
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विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यालयों और संगठनों को कार्यालय परिसर के अंदर और बाहर किसी विशेष स्थान की 'पहले' और 'बाद' की स्थिति को फोटोग्राफिक सबूत प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सचिव ने कई समीक्षा बैठकें कीं। सचिव ने संभागीय अधिकारियों के सभी अनुभागों और श्रेणियों का भी निरीक्षण किया है।
लक्ष्यों को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए सचिव ने नियमित समीक्षा बैठकें कीं
मामलों के त्वरित निवारण के लिए 'लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान' पोर्टल बनाया गया
विशेष अभियान 2.0 से उभरी कई सर्वोत्तम पहलें
पूरी प्रक्रिया में गैर सरकारी संगठन और नागरिक समाज शामिल थे
रिकॉर्ड प्रबंधन पहलों में सुधार और कम उपयोग की गई संपत्तियों की पहचान
सरकारी धन को बर्बाद होने से बचाना और उन बचे संसाधनों का बेहतर उपयोग के लिए उपयोग करना
विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एकीकृत अभियान चलाया गया
विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक एकीकृत अभियान चलाया गया, जिसे भारी प्रतिक्रिया मिली। सोशल मीडिया पर विशेष अभियान 2.0 पर नियमित अपडेट किए गए और विषय पर लघु वीडियो बनाए गए। विभाग/संगठन के ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और कू ऐप अकाउंट पर कुल 65 पोस्ट अपलोड किए गए। पत्र सूचना कार्यालय के माध्यम से 5 प्रेस विज्ञप्तियां जारी की गईं और #SpecialCampaign2.0 वाली 10 फिल्में अपलोड की गईं (1 विभाग, 6 एफबीपी, 2 डब्ल्यूएपीसीओएस, 1 एनआईएच)
विशेष अभियान 2.0 से कई सर्वश्रेष्ठ पहलें निकलकर सामने आई, जैसे कि स्थान खाली कराया गया; कचरे की कुल मात्रा को कम करने के लिए अप्रयुक्त कागजों की पहचान की गई और उनका पुनर्चक्रण किया गया। पूरी प्रक्रिया में गैर सरकारी संगठन और नागरिक समाज शामिल थे। रिकॉर्ड प्रबंधन कार्यों में सुधार किया गया और कम उपयोग की गई संपत्तियों की पहचान की गई। सरकारी धन को बर्बाद होने से बचाना और उन मुक्त संसाधनों का बेहतर उपयोग के लिए उपयोग करना।
हमारा विभाग जल प्रबंधन और हमारे जल निकायों, विशेष रूप से नदियों को साफ रखने के महत्व पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रभावी ढंग से काम करता है। विभिन्न संगठनों ने समग्र और एकीकृत तरीके से नदियों, झीलों, तालाबों आदि के आसपास सफाई गतिविधियां संचालित कीं।
इसके लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा किए गए प्रयास सर्वोत्कृष्ट थे। विभाग द्वारा कार्यालय परिसर के अंदर और बाहर स्वच्छता गतिविधियों को आयोजित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया था। सीजीडब्ल्यूबी द्वारा स्कूलों, पार्कों, कार्यालय परिसरों, झीलों, तालाबों, नदियों के किनारे आदि में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
सीजीडब्ल्यूबी, लखनऊ ने लखनऊ के गोमती नदी के तट पर कुड़िया घाट पर एक बाहरी सफाई अभियान चलाया और आसपास के क्षेत्रों की मौजूदा स्थितियों में अविश्वसनीय बदलाव लाया। विभाग द्वारा देश भर के विभिन्न शहरों में विभिन्न जल निकायों जैसे तालाबों, झीलों और नदियों के आसपास के क्षेत्रों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया। सीजीडब्ल्यूबी, नागपुर और डिवीजन-VI नागपुर ने पुलिस तालाब, टी जंक्शन, नागपुर, महाराष्ट्र में विशेष अभियान 2.0 के तहत स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया। केंद्रीय जल आयोग इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रयासों का प्रदर्शन करने वाला एक अन्य विभाग है।
सीडब्ल्यूसी के अपर गंगा बेसिन संगठन के तहत अयोध्या स्थल पर कर्मचारियों और अधिकारियों ने विशेष स्वच्छता अभियान 2.0 के तहत स्वच्छता और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर प्लास्टिक मुक्त परिसर बनाए रखने की शपथ ली। राष्ट्रीय जल अकादमी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अभियान के तहत खडकवासला बांध के तट पर स्वच्छता अभियान चलाया। अभियान के उद्देश्य को और गति देते हुए, एनएमसीजी ने अनावश्यक फाइलों की पहचान और उसे हटाने के लिए कार्यालय के अंदर एक सफाई अभियान का आयोजन किया।
इसी तरह, एनडब्ल्यूडीए, सीएसएमआरएस और सीडब्ल्यूपीआरएस के कार्यालय ने भी अपने-अपने विभागों में लंबित मामलों को कम करने और कार्यालय परिसर में और उसके आसपास सफाई सुनिश्चित करने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए।
फरक्का बैराज परियोजना, एनआईएच और डब्ल्यूएपीसीओएस ऐसे संगठन थे जिन्होंने अभियान के तहत सर्वोत्तम पहलों का प्रदर्शन किया। एफबीपी ने फीडर कैनाल (हेड रेगुलेटर) के उभरते हुए बिंदु के दोनों ओर सुंदर उद्यान विकसित किया। एक अनुत्पादक भूमि एफबीपी कार्यालय के पास स्थित थी जिसे एक मनोरंजक स्थान और कैफेटेरिया में परिवर्तित कर दिया गया। कबाड़, वाहन, पुरानी मशीनरी आदि को हटाने का कार्य भी किया गया।
एनआईएच ने भूजल को बढ़ावा देने के लिए भूजल पुनर्भरण संरचना को पुनर्निर्मित करने और बहाल करने का प्रयास किया। डब्ल्यूएपीसीओएस लिमिटेड ने स्क्रैप को पहचानने और हटाने, उपयुक्त स्क्रैप की नीलामी करने और स्वयंसेवकों द्वारा अवांछित फाइलों को हटाने के लिए एक विशेष पहल की है।
विशेष अभियान 2.0 में मंत्रालयों, विभागों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों के अलावा क्षेत्रीय/बाहरी कार्यालयों पर अधिक जोर दिया गया। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने अभियान के कार्यान्वयन की देखरेख की।
चल रही एक प्रगतिशील पहल जो महात्मा गांधी के विचारों में निहित है, सरकारी विभागों में स्वच्छता, सरकारी रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और अवरुद्ध संसाधनों को मुक्त करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य विभिन्न सरकारी विभागों में लंबित मामलों को कम करना और स्वच्छता को जन आंदोलन बनाना है। उपयोग में नहीं आने वाली वस्तुओं की संख्या को कम करने और सरकारी फाइलों के विवेकपूर्ण रखरखाव और अप्रयुक्त चीजों को निकालने के लिए कदम उठाए गए।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते देशों में से एक है, भारत आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है। इन परिस्थितियों में, भारत के लिए शासन की आधुनिक पहलों को अपनाना और पारंपरिक मूल्य प्रणालियों को त्यागना महत्वपूर्ण है। सरकारी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, त्वरित निर्णय लेना और अक्षम प्रथाओं को दूर करना समय की मांग है। विशेष अभियान 2.0 का उद्देश्य इन उद्देश्यों को प्राप्त करना है जो भारत को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने और नागरिकों को सर्वोत्तम अनुभव प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हैं।
जल संसाधन विभाग के सचिव, श्री पंकज कुमार विशेष अभियान 2.0 . की प्रगति की समीक्षा करते हुए
डीओडब्ल्यूआर के सचिव ने संभागीय अधिकारियों के सभी अनुभागों और श्रेणियों का निरीक्षण किया
फरक्का बैराज में फीडर नहर के दोनों किनारों को खूबसूरत बगीचों में बदला गया: https://youtu.be/GHkj4ulw88Y
डब्ल्यूएपीसीओएस कार्यालय में स्क्रैप और अवांछित फाइलों को हटाना: https://youtu.be/msYIBXgAiAk
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