सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय

एसडीजी के लिए उप-राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी ढांचे के विकास/समीक्षा पर राष्ट्रीय कार्यशाला

Posted On: 31 OCT 2022 6:55PM by PIB Delhi

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने 'आज़ादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम)' के तत्वावधान में आज 31 अक्टूबर 2022 को एससीओपीई  कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में उप-राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की निगरानी के लिए  एसआईएफ/डीआईएफ के विकास/सुधार की स्थिति की समीक्षा करने और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को  निगरानी तंत्र विकसित करने की ओर प्रवृत करने के लिए एक दिवसीय "एसडीजी के लिए उप-राष्ट्रीय स्तर के निगरानी ढांचे के विकास /समीक्षा पर राष्ट्रीय कार्यशाला" को आयोजित किया।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने सभी हितधारकों के साथ उचित परामर्श प्रक्रिया के बाद आंकड़ों के पहचाने गए स्रोतों एवं आवधिकता के साथ एसडीजी के लिए एक नेशनल इंडीकेटर फ्रेमवर्क (एनआईएफ) विकसित किया है। राष्ट्रीय स्तर पर एसडीजी की निगरानी की सुविधा के लिए एनआईएफ मुख्य आधार है।

एमओएसपीआई एसडीजी के लिए उप-राष्ट्रीय स्तर के इंडीकेटर फ्रेमवर्क से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को नियमित रूप से तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। इस प्रयास में, मंत्रालय ने जुलाई 2019 के दौरान एसआईएफ विकसित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार और संचारित किए, जिसे मार्च 2022 में अपडेट किया गया। एसआईएफ को सभी हितधारकों के परामर्श से विकसित किया गया/विकसित किया जा रहा है, और महत्वपूर्ण विकास प्राथमिकताओं, आंकड़ों की आवश्यकताओं और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों मे उपलब्ध इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखा जा रहा है । जबकि अधिकांश राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने एसडीजी पर प्रगति की निगरानी के लिए अपने एसआईएफ विकसित किए हैं, कुछ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने एसआईएफ को विकसित/अनुमोदित करने की प्रक्रिया में हैं।

इस कार्यक्रम में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, संबंधित मंत्रालयों/विभागों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की उल्लेखनीय भागीदारी देखी गई। एसडीजी की निगरानी के संबंध में कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बहुत सी सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन किया जा रहा है, जैसे कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों/जिला/ब्लॉक/ग्राम स्तर के इंडीकेटर  का विकास, एसडीजी एसआईएफ पर प्रगति रिपोर्ट का नियमित प्रकाशन, एसडीजी पर डैशबोर्ड का विकास , आदि। कार्यशाला के दौरान, ऐसी कार्य पद्धतियों को अपनाने के लिए अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया था।

भारत के मुख्य सांख्यिकीविद् और सचिव, एमओएसपीआई डॉ. जी.पी. सामंत ने अपने स्वागत भाषण में एसडीजी एनआईएफ के क्षेत्र में एमओएसपीआई द्वारा की गई पहलों के बारे में संक्षेप में बात की। इसके बाद श्री डेनिस करी, डिप्यूटी रेजीडेंट रिप्रजेंटटिव, यूएनडीपी, भारत ने भाषण दिया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि, प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय ने कार्यक्रम के लिए मुख्य भाषण दिया, और एसडीजी को  हासिल करने की दिशा में सरकार के प्रयासों की सराहना की।

तकनीकी सत्रों के दौरान, नीति आयोग और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा एसडीजी के स्थानीयकरण पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान एसडीजी पर उप-राष्ट्रीय स्तर के इंडीकेटर फ्रेमवर्क की तैयारी को लेकर यूएनडीपी के अनुभवों को साझा किया गया। इसके अलावा, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने उप-राज्य स्तर के इंडीकेटर फ्रेमवर्क पर अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा किया। भारत में एमओएसपीआई और यूएन के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर की सह-अध्यक्षता में समापन सत्र ने कार्यशाला का समापन किया।

राष्ट्रीय कार्यशाला ने एसडीजी पर राज्य और उप-राज्य स्तर के निगरानी ढांचे को विकसित / परिष्कृत करने के महत्व को रेखांकित किया। प्रयासों को और आगे ले जाने के लिए, एमओएसपीआई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ उप-राज्य स्तरों पर निगरानी ढांचा तैयार करने का प्रयास करेगा।

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एमजी/एएम/एसएसे
 



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