संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

डाक विभाग ने विशेष अभियान 2.0 को सफलतापूर्वक संपन्न किया


पूरे देश में सभी 24000 उप डाकघरों में स्वच्छता अभियान चलाया गया

23000 से अधिक लोगों की शिकायतों और 906 निवेदनों (अपील) का निपटारा किया गया, 2 लाख से ज्यादा फाइलों का निस्तारण भी किया गया।

Posted On: 31 OCT 2022 7:40PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत की परिकल्पना के तहत डाक विभाग में लंबित मामलों के निराकरण हेतु 2 से 31 अक्टूबर 2022 तक विशेष अभियान 2.0 का आयोजन किया गया। यह अभियान डाक भवन स्थित डाक मुख्यालय के साथ-साथ क्षेत्रीय कार्यालयों में भी चलाया गया। अभियान का मुख्य केंद्र बिंदु स्वच्छता अभियान, लोक शिकायतों और निवेदनों का प्रभावी निपटान, संसद सदस्यों के संदर्भ, संसद आश्वासन, कबाड़ का निपटान और पुरानी फाइलों की छंटाई आदि शामिल थी।

कवरेज का दायरा : इस अभियान के दौरान देश भर में फैले सभी 24000 उप डाकघरों में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस दौरान लद्दाख से कन्याकुमारी तक और लक्षद्वीप से अंडमान व निकोबार द्वीप समूह तक देश के दूर-दराज के हिस्से को कवर किया गया। विभाग की ओर से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच स्वच्छता के संदेश को फैलाने का हरसंभव प्रयास किया गया। अभियान के तहत भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित तंगधार उप डाकघर और भारत-बांग्लादेश सीमा पर सबरूम उप डाकघर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों को भी कवर किया गया। इसने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों को भी कवर किया।

23000 से अधिक जन शिकायतों और 906 निवेदनों का निपटारा किया गया।

दो लाख से अधिक फाइलों का निस्तारण भी हुआ।

लगभग 75000 वर्ग फुट जगह खाली कराई गई।

कबाड़ के निस्तारण से 70 लाख रुपये से अधिक की कमाई की गई।

अभियान के कार्यान्वयन के दौरान सामने आए बेहतरीन काम

1 सीलिंग वैक्स (मोहरी लाख) का बंद होना- मेल बैगों को बंद करने के लिए सीलिंग मोम के उपयोग को समाप्त करने और इसे रिसाइकिल करने योग्य मुहरों के साथ बदलने का निर्णय लिया गया। स्थानीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मानदंडों के अनुसार इन मुहरों का निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

प्रभाव : सीलिंग वैक्स के इस्तेमाल से रोजाना औसतन 1.6 लाख बैग बंद हो गए। प्रति माह लगभग 40 लाख बैग सीमित कर दिए गए। सीलिंग वैक्स के इस्तेमाल से निकलने वाला धुआं पर्यावरण के साथ-साथ कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है। इनको सीमित करना हरित वातावरण और पर्यावरण के अनुकूल पहल होगी।

2 वॉल आर्ट (दीवारों पर चित्रकारी) के माध्यम से स्वच्छता संदेश का प्रसार - चुनिंदा डाकघरों की दीवारों पर वॉल आर्ट के माध्यम से स्वच्छता संदेश का प्रचार-प्रसार करने का निर्णय लिया गया। जनता की बेहतर समझ को विकसित करने के लिए स्थानीय रंग देकर क्षेत्रीय चित्रकला शैली से इन क्षेत्रों को एक रचनात्मक डिजाइन प्रदान किया गया। इस तरह से करीब 300 दीवारें तैयार की गईं।

3 कोलकाता जनरल पोस्ट ऑफिस में पार्सल कैफे स्थापित किया गया : कोलकाता जीपीओ में एक पार्सल कैफे स्थापित किया गया है। इसमें पुराने फर्नीचर का नवीनीकरण किया गया। कैफे में ग्राहकों के लिए एक पार्सल पैकेजिंग इकाई को भी शामिल किया गया, ताकि ग्राहक अपने पार्सल के पैक होने की प्रतीक्षा तक चाय/कॉफी और नाश्ते का आनंद उठा सकें।

4 डाक भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना : डाक भवनों की छतों की सफाई कर उन जगहों पर सोलर पावर प्लांट लगाया गया। इससे डाक भवन के बिजली बिल में लगभग 4 लाख रुपये प्रतिमाह की बचत होती है।


निष्कर्ष : डाक विभाग की पूरी टीम ने इस अभियान में पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया। हमारा मानना है कि इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से स्वच्छता अब हमारी कार्य संस्कृति का अभिन्न अंग बन गई है। डाक विभाग देश को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

एमजी/एएम/आरकेजे



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