नीति आयोग
azadi ka amrit mahotsav

राष्ट्राध्यक्षों/सरकारों की ओर से मिशन लाइफ (एलआईएफई) के शुभारंभ पर बधाई संदेश

Posted On: 20 OCT 2022 3:39PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की उपस्थिति में मिशन लाइफ (एलआईएफई, पर्यावरण के लिए जीवन शैली) का शुभारंभ किया। सीओपी 26 में पहली बार प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित मिशन लाइफ को भारत के नेतृत्व वाले वैश्विक जन आंदोलन के रूप में माना गया है, जो पर्यावरण की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत एवं सामूहिक कार्रवाई के लिए प्रेरित करेगा।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मेरी ट्रस, गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टों फर्नांडीज, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ, मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना, नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, जॉर्जिया के प्रधानमंत्री इराकली गैरीबाशविली और एस्टोनिया की प्रधानमंत्री काजा कलास सहित 10 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्षों ने लाइफ मूवमेंट को अपना समर्थन व्यक्त किया है।

अर्जेंटीना:

श्री अल्बर्टो फर्नांडीज, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति

देवियों और सज्जनों, नमस्कार

मैं यहां ब्यूनस आयर्स में हूं लेकिन मैं पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई इस बैठक से अनुपस्थित नहीं रहना चाहता था। पूरी दुनिया असामान्य दौर से गुजर रही है। इस दौरान न केवल महामारी आई बल्कि असमानता भी बढ़ी। असमानता का मतलब कुछ लोगों के पास धन ज्यादा बढ़ता गया जबकि दुनिया के लाखों लोगों को भूख मिटाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। गैर-नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग और नुकसान के कारण दुनिया एक अलग संकट से जूझ रही है जिसका पर्यावरण पर हानिकारिक प्रभाव पड़ता है। यह भी सच है कि पूंजी के इस संकेंद्रण (एक जगह इकट्ठा होने) और चल रहे युद्ध ने दुनियाभर में खाद्य सुरक्षा की समस्या पैदा कर दी है, जिस पर सभी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान देना चाहिए। हमें देखना चाहिए कि इस सच्चाई का सामना कैसे किया जाए और इस कारण मुझे लगता है कि यह पहल (एलआईएफई) हमारे लिए उपाय ढूंढने में बहुत मददगार हो सकती है- क्योंकि यह सुनिश्चित करना है कि सरकारें और नागरिक समाज आवश्यक आम सहमति बनाएं जिससे हम धीरे-धीरे उस संकट से बाहर निकल सकें, जिसका सामना कर रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दुनिया की प्रगति इस तरह से हो कि गरीबी कम हो और सामाजिक समानता कायम हो। इसे हासिल करने के लिए हमें टिकाऊ, नवोन्मेषी और सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन का लक्ष्य रखना चाहिए। यह जानते हुए कि दुनिया के अग्रणी लोकतंत्र भारत ने एक समाधान निकालने का काम शुरू किया है, मैं और अधिक राहत महसूस कर रहा हूं। और अगर मेरा देश इस पहल में शामिल नहीं हुआ, तो मुझे खेद होगा। हम 'लाइफ' पहल का समर्थन कर रहे हैं जिससे सतत विकास लक्ष्य 2030 के उद्देश्यों को धरती पर रहने वाले प्रत्येक निवासी द्वारा संभव बनाया जा सके।

धन्यवाद

भाषण यहां देखें:

एस्टोनिया:

काजा कलास, एस्टोनिया की प्रधानमंत्री

प्रिय मित्रो,

नमस्ते,

जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को हुए नुकसान से निपटने के लिए सामूहिक प्रतिक्रिया की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है। मिशन लाइफ का शुभारंभ करने के लिए हम संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के साथ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के लिए उनके आभारी हैं। साझा उद्देश्य के लिए एक साथ काम करने और ग्रह पर रहने वाले सभी लोगों और समुदायों को शामिल करने में बदलाव की ताकत निहित है। वर्ल्ड क्लीनअप डे (स्वच्छता दिवस) इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। व्यापक स्तर पर यह एक दिवसीय कार्रवाई होती है जो एस्टोनिया में शुरू हुई और 191 देशों में फैल गई। सीओपी 27 में, हम दुनिया के बाकी देशों से भी इसमें शामिल होने का आह्वान करेंगे। बहरहाल, भारत विश्व सफाई दिवस पर काफी सक्रिय रहा है। पिछले साल भारत में आश्चर्यजनक रूप से 1.2 मिलियन लोगों ने इस पहल में हिस्सा लिया था। यह काफी प्रभावशाली है, धन्यवाद! यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध शुरू करने से वैश्विक ऊर्जा संकट पैदा हुआ है। यह आगे अक्षय ऊर्जा और स्थिरता की ओर बढ़ने की जरूरत पर बल देती है। अगर हम हरित संक्रमण को डिजिटल के साथ जोड़ दें तो और भी अधिक हासिल कर सकते हैं। हमने एस्टोनिया में ऊर्जा नेटवर्क का डिजिटलीकरण किया है और ऊर्जा बचत के साथ-साथ नवाचार के लिए इसकी क्षमता को देखा है। हमारी जीवन शैली में यह व्यापक बदलाव का समय है, हमें स्थिरता को आगे एवं केंद्र में रखना होगा। मुझे खुशी है कि जलवायु कार्रवाई भारत की जी20 अध्यक्षीय प्राथमिकताओं में से एक है और मैं आपकी सफल अध्यक्षता की कामना करती हूं।

पूरा भाषण यहां देखिए:

फ्रांस:

श्री इमैनुएल मैक्रों, फ्रांस के राष्ट्रपति

 

काश! मैं इस बेहद खास मौके पर आपके साथ होता। ऐसे समय में जब हमारी दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, हमारे पास मतभेद की बजाय सहयोग का विकल्प चुनने के अलावा कोई रास्ता नहीं है और इसकी एक बड़ी वजह है: कोई भी देश वैश्विक चुनौतियों और विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन से अकेले नहीं निपट सकता है। मजबूत सहयोग के लिए एलआईएफई (लाइफ) पहल इस एजेंडे का हिस्सा है। इसके कार्यान्वयन में बड़ी सफलता मिलने की कामना के साथ मैं कुछ बातें कहना चाहता हूं। मौजूदा रफ्तार से दुनिया की आबादी 2050 तक 9.6 अरब पहुंच जाएगी। वर्तमान जीवन शैली को बनाए रखने के लिए लगभग तीन ग्रहों के बराबर प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ सकती है। सरकारों, व्यवसायों, आम लोगों सभी को अपने मॉडलों और व्यवहार पर फिर से विचार करने पर सहयोग करना चाहिए। सतत खपत के लिए प्राकृतिक संसाधनों के न्यूनतम उपभोग के साथ बर्बादी एवं प्रदूषण को घटाना होगा। हम पहले से सही रास्ते पर हैं। ऊर्जा की कीमतों में मौजूदा उछाल के कारण यूरोप के कई देश सादगी के रास्ते पर चल रहे हैं। फ्रांस में हम परिवहन, आवास, उद्योगों और अन्य क्षेत्रों में ऊर्जा खपत में 10 फीसदी की कमी करेंगे। हमें इस चुनौती का मिलकर सामना करना होगा। लेकिन हमारे पुराने तरीकों पर लौटने से पहले यह एक अस्थायी प्रतिक्रिया नहीं होगी। हम जिसके बारे में बात कर रहे हैं वह एक आदर्श बदलाव है क्योंकि अगर हम मांग पक्ष पर काम नहीं करते हैं और अपनी ऊर्जा खपत को काफी हद तक कम नहीं करते हैं तो 2050 तक नेट जीरो के लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकेंगे। मौजूदा जलवायु परिवर्तन संकट को लेकर, जैसे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव सामने आ रहे हैं, हर नागरिक को पता होना चाहिए कि पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग लंबे समय तक करना संभव नहीं होगा क्योंकि यह सीमित मात्रा में है। सभी क्षेत्रों में महत्वाकांक्षी नीतियों को बढ़ावा देकर और इच्छुकों का गठबंधन बनाकर एकसाथ इस चुनौती का सामना करना होगा। मुझे खुशी है कि एक बार इस्तेमाल वाले प्लास्टिक का उपयोग बंद करने पर वैश्विक पहल का नेतृत्व करने के लिए फ्रांस और भारत सहमत हुए। इसमें प्रतिबद्ध नागरिकों की अहम भूमिका है जो अपनी जीवन शैली को बदलकर साझेदारी को बढ़ावा दे रहे हैं। लाइफ पहल के साथ, प्रधानमंत्री मोदी हमें यह अवसर देंगे। फ्रांस इस पहल को सफल बनाने के लिए अगले साल जी20 की भारतीय अध्यक्षता के परिप्रेक्ष्य समेत भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है। इस पहल के लिए धन्यवाद और आपकी प्रतिबद्धता के लिए भी शुक्रिया।

भाषण यहां देखिए:

जॉर्जिया:

श्री इराकली गैरीबाशविली, जॉर्जिया के प्रधानमंत्री

महामहिम श्री नरेन्द्र मोदी, भारत के माननीय प्रधानमंत्री

 

देवियो, सज्जनो और प्यारे दोस्तो,

आज के इस शानदार कार्यक्रम में विशिष्ट लोगों को संबोधित करते हुए मैं सम्मानित और प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं। मैं खूबसूरत शहर केवड़िया में इस असाधारण मिशन को शुरू करने का बीड़ा उठाने के लिए भारत को बधाई देता हूं। जॉर्जिया महामहिम नरेन्द्र मोदी द्वारा सही समय पर शुरू की गई इस वैश्विक पहल का स्वागत और समर्थन करता है। हम पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली को बढ़ावा देते हैं जो विचारशील और सोच-समझकर उपयोग के सिद्धांत पर केंद्रित है। इस संबंध में हमने यूरोपीय संघ-जॉर्जिया एसोसिएशन एग्रीमेंट के तहत अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ दायित्वों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सिस्टम में पर्यावरण से संबंधित शासन मजबूत करने के लिए, जॉर्जिया ने अपनी पर्यावरण मूल्यांकन प्रणाली में सुधार किया है और पर्यावरणीय निर्णय लेने की प्रक्रिया के शुरुआती चरण से ही ज्यादा सक्रिय जनभागीदारी तंत्र की शुरुआत की है। पूरे देश में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई प्रमुख सुधार किए गए हैं। जॉर्जिया दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां सच मायने में राष्ट्रीय वन देश की उच्चस्तरीय प्राथमिकताओं में शामिल है और जो राष्ट्रीय नीतियों एवं रणनीतियों में निहित है। जॉर्जिया में राष्ट्रीय वनों का दायरा बढ़ा है, [...] देश का 40 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है, इसलिए सतत वन प्रबंधन हमारी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। हम दीर्घकालिक वन प्रबंधन लागू कर रहे हैं जो वन पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता में मदद करेगा, जनता के लिए सामाजिक-आर्थिक लाभ बढ़ाएगा और वनों पर दबाव कम करेगा। जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक परिणामों से निपटने के लिए जॉर्जिया ने पेरिस समझौते के अनुसार अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान दस्तावेज को अपडेट किया है। हमने एक नई 2030 जलवायु परिवर्तन रणनीति और शमन (न्यूनीकरण) उपायों के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमारा देश पर्यावरण, जैव विविधता के बेहतर संरक्षण और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों के लिए गहन सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम साथ मिलकर साझा लक्ष्य हासिल कर सकते हैं और अपने ग्रह को बचा सकते हैं।

धन्यवाद

भाषण यहां देखें:

गुयाना:

श्री इरफान अली, गुयाना के राष्ट्रपति

हमारा ग्रह खतरे में है, यहां पृथ्वी की 75 प्रतिशत भूमि का काफी क्षरण हो चुका है। [...] हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है। यहां गुयाना में हमने शुरुआत कर दी है- हमारा जंगल इंग्लैंड के आकार का है जो 19.5 गीगाटन कार्बन सोखता है; हमारे यहां वनों को काटने की दर दुनिया में सबसे कम है। ऐसे में उदाहरण पेश करते हुए गुयाना कम कार्बन वाली विकास रणनीति 2030 के साथ आगे बढ़ रहा है। इसके तहत हमारे पास जो कुछ है न केवल उसका पर्यावरणीय मूल्य देखा जाता है बल्कि यह भी देखते हैं कि कैसे हम आजीविका के विकल्पों में सुधार कर सकते हैं, समुदायों के लिए आजीविका के निए विकल्प तैयार करते हैं और हमारे पर्यावरण की रक्षा करने के साथ ही लोगों को समृद्ध बनाने में भी मदद करते हैं। मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिशन लाइफ के लोगो और दस्तावेज जारी करने पर शुभकामनाएं देता हूं। इसके तहत 2027 तक एक अरब भारतीयों को ग्रह-हितैषी जीवन शैली अपनाने के लिए एकजुट करना है, जो अपने दैनिक जीवन में वातावरण और जलवायु के हित में अनुकूल व्यवहार करेंगे। इस अभियान का नेतृत्व करने के लिए भारत को बधाई। गुयाना सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करने वाले कार्यों के माध्यम से हरित आर्थिक गतिविधि की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। दुनियाभर के लोगों द्वारा रोज सरल और पर्यावरण अनुकूल गतिविधियां इस सामूहिक कार्रवाई की पूरी क्षमता का उपयोग करने में मदद करेगी। हमें जितना संभव हो उतना जीवन शैली में आवश्यक बदलाव करके पर्यावरण की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए सब कुछ करना चाहिए। हम सभी की व्यक्तिगत एवं सामूहिक जिम्मेदारी है कि अपने पर्यावरण की रक्षा और सुरक्षा के लिए अपनी भूमिका निभाएं जिससे आने वाली पीढ़ी दुनिया की उस खूबसूरती का आनंद उठा सके जिसमें हम रहते हैं।

धन्यवाद।

पूरा भाषण यहां देखें:

मेडागास्कर:

श्री एंड्री राजोएलिना, मेडागास्कर के राष्ट्रपति

 

महामहिम, भारत के प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव

 

देवियो और सज्जनो,

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण ऐसे विषय हैं जो विशेष रूप से मेरे दिल के करीब हैं। जैसा कि मैंने 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में घोषणा की थी कि समाधान हर देश, हर नेता और हर नागरिक की ओर से आना चाहिए। लेकिन सबसे बढ़कर, उत्सर्जक देशों को अपनी प्रतिबद्धताओं को निभाना चाहिए। हमारे ग्रह को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक देश से साझा प्रयास करने की आवश्यकता है। हम सभी जानते हैं कि जंगलों को 'ग्रह का फेफड़ा' कहा जाता है। हालांकि पूरे अफ्रीकी महाद्वीप और विशेष रूप से मेडागास्कर में लकड़ी का कोयला और जलावन लकड़ी का उपयोग एक आम बात है।

मेरे देश में, खाना पकाने के लिए लकड़ी के कोयले के उपयोग से हर साल एक हेक्टेयर वन नष्ट होता है। यह विनाशकारी है। यही वजह है कि हम लकड़ी के कोयले का उपयोग घटाने और स्वच्छ तरीके से खाना पकाने को बढ़ावा देने के लिए वनों की कटाई के खिलाफ अभियान शुरू कर रहे हैं। इसके लिए हम हर घर में विकल्प के तौर पर बायोएथनॉल स्टोव के उपयोग को बढ़ावा देंगे। प्रथाओं और मानसिकताओं को बदलकर हम परिवर्तन ला सकते हैं। मुझे विश्वास है कि लाइफ (एलआईएफई) जलवायु संकट के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। मैं भारत को उनके प्रधानमंत्री (जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले एक प्रेरक नेता हैं) के माध्यम से धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमें इस उद्देश्य के लिए साथ लिया। इस आशा और विश्वास के साथ मैं आपके साथ इस मिशन में शामिल हो रहा हूं। आइए हम सब मिलकर अपने बच्चों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध हों।

देवियो और सज्जनो, यह हमारे भाषणों को ठोस कार्यों में बदलने का वक्त है। मुझे सुनने के लिए आपका धन्यवाद।

पूरा भाषण यहां देखिए:

मालदीव:

श्री इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, मालदीव के राष्ट्रपति

 

अभिवादन,

हाल के वर्षों में हमने जो सबसे बड़ी सफलताएं हासिल की हैं उनमें से एक स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण को मौलिक मानवाधिकार मानना है। [...] समय आ गया है कि हम अपने पूर्वजों के दिए सबक को फिर से स्वीकार करें। उन्होंने हमें सिखाया है कि एक स्थायी भविष्य के लिए हमारी प्राकृतिक विरासत के प्रति प्रेम और सम्मान आवश्यक है। [...] प्रधानमंत्री मोदी का मिशन लाइफ बहुत महत्वपूर्ण मोड़ पर शुरू हो रहा है। जलवायु संकट के दुष्परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं। यह महत्वाकांक्षी पहल कार्रवाई का एक आह्वान है। हमें यहीं तक नहीं रुकना है। आप देख रहे हैं कि हमारा जीवन हमारे अपने हाथों में है, आइए पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार की दिशा में तेजी से बदलाव लाएं और अपनी जीवन शैली में उसे अपनाएं। हमारे रोजमर्रा के जीवन में कई साधारण चीजें हैं जैसे ड्राइविंग के बजाय ज्यादा चलें या जहां भी लगा सकते हैं पौधे लगाइए, पर्यावरण के क्षरण को कम कीजिए। व्यक्तिगत प्रयास अपने आप में महत्वहीन दिखाई दे सकते हैं लेकिन जब एक साथ किए जाते हैं तो उनमें बड़ा परिवर्तन लाने की ताकत होती है। [...] हम यह सुनिश्चित करने में अपनी ओर से भूमिका निभाएंगे कि आने वाली पीढ़ियों के हित में हमारे ग्रह की सेहत दुरुस्त रहे।

 

पूरा भाषण यहां देखें:

मॉरीशस:

श्री प्रविंद जगन्नाथ, मॉरीशस के प्रधानमंत्री

 

पर्यावरण संकट के समाधान के लिए सरकारें दुनियाभर के व्यवसायों के साथ हाथ मिला रही हैं। हालांकि नीतिगत सुधार और आर्थिक पहल हमारे ग्रह को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है। व्यक्तिगत स्तर पर जीवन शैली में बदलाव और समुदाय के स्तर पर व्यवहार में बदलाव की जरूरत है, जिससे पर्यावरण पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सके। ऐसे में मैं, टिकाऊ भविष्य की तरफ बढ़ने के लिए व्यक्तियों, समुदायों और संस्थानों के स्तर पर अभी प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियान का पुरजोर समर्थन करता हूं। अगर मानवीय गतिविधियां मौजूदा रफ्तार से जारी रहती हैं तो 2050 तक हमारे ग्रह पर कई चुनौतियां खड़ी हो जाएंगी। तब हमें मुक्त ग्रहों (फ्री प्लानेट्स) की जरूरत होगी। आखिर में महात्मा गांधी के एक विचार के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं: 'दुनिया में सभी मनुष्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन लालच को पूरा करने के लिए नहीं।'

भाषण यहां देखें:

नेपाल:

श्री शेर बहादुर देउबा, नेपाल के प्रधानमंत्री

 

पर्यावरण के लिए जीवन शैली के विचार को आगे बढ़ाने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार को बधाई देता हूं। यह एक अग्रणी अभियान है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने और एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर सकता है। सकारात्मक परिवर्तन, व्यक्तिगत कार्रवाई एवं व्यवहार जलवायु समाधान के प्रमुख हिस्से हैं, जिसकी दुनिया को तत्काल जरूरत है। इस विचार पर आगे बढ़ने के लिए मैं लाइफ जैसे अग्रणी अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करता हूं। साथ ही मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नेपाल को यह अवसर दिया। हमारे लोगों के बेहतर भविष्य के लिए सामूहिक रूप से हमारे ग्रह को बचाने का प्रयास करने की जरूरत है।

 

आपक बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

भाषण यहां देखें:

यूके:

एलिजाबेथ ट्रस, यूके की प्रधानमंत्री

 

पिछले साल ग्लासगो जलवायु परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए पूरी दुनिया ब्रिटेन में एकसाथ दिखी। यह एक ऐतिहासिक समझौता था- इससे पता चलता है कि सरकारें जलवायु परिवर्तन पर निर्णायक कदम उठाने के लिए तैयार हैं और हम सभी को अपनी महत्वाकांक्षा को बढ़ाते रहना चाहिए। अब ऊर्जा संकट एक बार फिर सामने खड़ा हो गया है और हमें तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है। लोकतांत्रिक देशों के रूप में, हमें ऊर्जा स्वतंत्रता को सुरक्षित करने और अपनी अर्थव्यवस्थाओं के हित में मिलकर काम करना चाहिए। इसीलिए हम अक्षय स्रोत की ओर बढ़ रहे हैं, हम महत्वपूर्ण जलवायु अवसरंचना के निर्माण में मदद के लिए भारत जैसे भागीदारों के साथ निवेश कर रहे हैं। और हम अपनी नेट-जीरो प्रतिबद्धताओं को कार्रवाई में बदलने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी के साथ एलआईएफई पहल की शुरुआत के अवसर पर शामिल होना प्रसन्नता की बात है, मैं भारत के नेतृत्व की सराहना करती हूं। यह सब लोगों को हरित विकल्प चुनने और अधिक स्थायी जीवन जीने में मदद के लिए है। आइए, इस दीर्घकालिक विकल्प पर आगे बढ़ें और साथ बढ़ने के लिए एक और बड़ा कदम उठाएं। हम भारत की जी20 प्रेसीडेंसी में अगले साल मिलेंगे।

 

यहां भाषण देखें:

एमजी/एएम/एएस


(Release ID: 1870682) Visitor Counter : 232


Read this release in: English , Urdu