रेल मंत्रालय
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रेल मंत्रालय द्वारा स्वच्छता और सुशासन को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष अभियान 2.0 के तहत की जाने वाली पहलें

Posted On: 20 OCT 2022 8:26PM by PIB Delhi

माननीय प्रधानमंत्री के 15 अगस्त 2021 के उद्बोधन से प्रेरित होकर भारत सरकार ने सितंबर-अक्टूबर, 2021 में विशेष अभियान शुरू किया था, जिसका लक्ष्य आसपास स्वच्छता सुनिश्चित करना, लंबित मामलों में कमी लाना और कार्यस्थलों पर कार्य-संस्कृति में सुधार करना था।

इस विशेष अभियान की सफलता से उत्साहित होकर, सरकार ने विशेष अभियान 2.0 के रूप में इस अभियान की अगली कड़ी की शुरूआत सितंबर, 2022 में की। इसमें स्वच्छता और सुशासन को आगे और प्रोत्साहित करने तथा बेहतर कार्य-संस्कृति के जरिये ऊंचे लक्ष्य स्थापित किये।

विशेष अभियान 2.0 की अवधारणा के अनुपालन में रेल मंत्रालय ने अपने कामकाज के क्षेत्र में ऊंचे मानक तय किये हैं, जिसमें देश के कोने-कोने तक पहुंच रखने वाले पूरे रेल तंत्र को शामिल किया गया है। रेल मंत्रालय ने स्वच्छता अभियान में अपने सभी 7337 स्टेशनों को रखा है, जो वास्तव में भगीरथी कार्य है। स्टेशनों की मशीनों से सफाई करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। रेलगाड़ियों और स्टेशनों (प्रमुख स्टेशनों तक जाने वाले रेलमार्गों सहित) की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही प्लास्टिक और अन्य कचड़े को जमा करने और उनके सुरक्षित निस्तारण की भी व्यवस्था की जा रही है।

दो अक्टूबर से रेल मंत्रालय ने 7000 से अधिक सफाई अभियान चलाये हैं, जिनमें उसके स्टेशन, कार्यालय, वर्कशॉप, उत्पादन इकाई और अन्य महकमों को शामिल किया गया। समीक्षा के लिये एक लाख से अधिक दस्ती फाइलों और लगभग 30 हजार ई-फाइलों की पहचान की गई। इस क्रम में 65 प्रतिशत लक्ष्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। शीर्ष से लेकर नीचे तक के सभी कर्मचारियों को चाक-चौबंद किया गया है और वे सभी लंबित मामलों के निपटारे में जुट गये हैं। इनमें वीआईपी/एमपी/एमएलए संदर्भों, संसदीय संदर्भों, राज्य सरकार/पीएमो संदर्भों को रखा गया है। अब तक लगभग 50 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। विशेष अभियान 2.0 के 20 दिनों में रेल मंत्रालय ने 2300 से अधिक वीआईपी संदर्भों, 130 राज्य सरकारों के संदर्भो और दो लाख से अधिक लोक शिकायतों का निस्तारण कर दिया है। इकाइयों के वरिष्ठतम अधिकारी अभियान की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। वे अपने-अपने कार्यालयों का नियमित दौरा कर रहे हैं, ताकि अभियान के बारे में जागरूकता फैल सके।

अभियान के दौरान अन्य कई पहलें भी की गईं, जैसे ऑनलाइन प्रक्रियाओं के लिये आईटी एप्लीकेशन का विकास, वीआई (एमपी/एमएलए) के संदर्भों का निस्तारण तथा सांसदों द्वारा धारा 377 के तहत शून्यकाल के दौरान उठाये गये मुद्दों जैसे संसदीय संदर्भों का निस्तारण।

वीआईपी संदर्भों की निगरानी के लिये स्वदेशी स्तर पर विकसित आईटी एप्लीकेशन में कई बिंदु शामिल हैं, जैसे संदर्भों का पंजीकरण (अपलोडिंग), इकाईयों/अधिकारियों को प्रेषित करना, उनके जवाब की रसीदी, सम्बंधी इकाई द्वारा प्रक्रिया पूरी करना तथा रेल मंत्री/राज्यमंत्री/जीएम/डीआरएम द्वारा जारी जवाब, आदि। विषय/वीआईपी/राज्य/इकाई (निदेशालय/जोनल रेलवे, आदि)/समयावधि के परिप्रेक्ष्य में एमआईएस रिपोर्टों की संख्या भी दर्ज की जा सकती है। यह प्रणाली ई-मेल और एसएमएस के जरिये सम्बंधित अधिकारियों को साप्ताहिक रूप से मामले के बारे में स्मरण दिलाती है। माननीय मंत्री/अधिकारी सिर्फ एक बटन क्लिक करके जन प्रतिनिधि को दिये गये उत्तर की जानकारी दे सकते हैं।

इसी तरह संसदीय संदर्भों की वास्तविक समय में निगरानी के लिये एक अन्य मॉड्यूल को भी विकसित किया गया है, जिसमें  वीआईपी संदर्भों की निगरानी के लिये एमआईएस की सभी विशेषतायें शामिल हैं।

इन दोनों एप्लीकेशनों के विकास से रेल मंत्रालय सक्षम हो गया है कि वह इन संदर्भों का निस्तारण कर सके। इस तरह रेल मंत्रालय विशेष अभियान 2.0 में महती योगदान कर रहा है।

इसके अलावा लोक शिकायतों की निगरानी भी रेल मदद पोर्टल के जरिये की जा रही है, जिसमें शिकायतों के निस्तारण को वास्तविक समय में देखा जा सकता है। इसमें लंबित मामलों और इन शिकायतों के निस्तारण की निगरानी भी की जा सकती है।

रेल मंत्रालय ने महत्त्वपूर्ण फैसला किया है, जिसके तहत वह सभी प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण करके और ई-ऑफिस प्रणाली के जरिये फाइलों के कामकाज को एक नवंबर से पूरी तरह कागज-रहित कर देगा।

 

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