पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में धान के अवशेष जलाने की घटनाओं पर सीएक्यूएम सक्रिय रूप से निगरानी कर रहा है


पिछले साल इसी अवधि की तुलना में आग के कुल मामलों की संख्या 3431 से घटकर 1695 रह गई

फसल कटाई के मौजूदा सीजन के दौरान आग की घटनाएं कम करने के लिए सीएक्यूएम ने मुख्य सचिवों, कृषि सचिवों, पर्यावरण सचिवों और एनसीआर प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के सदस्य सचिवों के साथ बैठक की

पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सीएक्यूएम ने राज्यों की विशिष्ट कार्य योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के संबंध में स्थिति की समीक्षा की

डीसी/डीएम के साथ समीक्षा फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी के इस्तेमाल, आईईसी गतिविधियों और प्रवर्तन उपायों पर केंद्रित रही

सीएक्यूएम ने डीसी/डीएम को पता चलने वाली सभी आग की घटनाओं का सत्यापन 48 घंटे के भीतर सुनिश्चित करने की सलाह दी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को कहा

Posted On: 17 OCT 2022 6:11PM by PIB Delhi

एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) नियमित रूप से पंजाब और एनसीआर की राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों, कृषि/पर्यावरण सचिवों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी) के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए स्थिति की समीक्षा कर रहा है। 2022 में पराली जलाने पर रोकथाम और नियंत्रण के लिए कार्य योजना तैयार करने और उसे लागू करने के संबंध में हाल ही में पंजाब के 23 जिला कलेक्टरों/जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम), हरियाणा के 22 डीएम/डीसी और यूपी के एनसीआर में आने वाले 8 जिलों के डीएम/डीसी के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित की गई थीं।

समीक्षा बैठकों के दौरान डीसी/डीएम ने अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि उन्होंने अपने स्तर के साथ-साथ नोडल अधिकारियों के साथ भी बैठकें की हैं और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके जिलों में पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आए।

इसके अलावा, डीसी ने उपलब्ध मशीनरी के इस्तेमाल, आईईसी गतिविधियों विशेषरूप से सभी हॉटस्पॉट गांवों में, अपने जिलों में एक्स-सीटू परियोजनाओं को सहायता प्रदान करने, किसान समुदायों के साथ संवाद आदि से संबंधित कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आगे सूचित किया कि वे आग लगने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। हरियाणा, पंजाब और यूपी ने आश्वासन दिया है कि कार्य योजना के प्रभावी कार्यान्वयन, सीआरएम मशीनरी के उपयोग, प्रभावी जन अभियान और सख्त अनुपालन के साथ वे इस साल फसल के अवशेष जलाने की घटनाओं में पर्याप्त कमी सुनिश्चित करेंगे।

इस पर गौर किया गया कि पंजाब, हरियाणा और यूपी (एनसीआर) में करीब 31,700 कस्टम हायरिंग सेंटर और सहकारी समितियां स्थापित की गई हैं। साथ ही पंजाब, हरियाणा और यूपी के एनसीआर जिलों में इस्तेमाल के लिए 2 लाख से ज्यादा सीआरएम मशीनरी उपलब्ध हैं। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से शैक्षिक अभियान, जागरुकता शिविर और प्रचार जैसी आईईसी गतिविधियों को तेज करने की जरूरत पर बल दिया गया।

राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि राज्य स्तर/जिला स्तर/उप-मंडल स्तर/क्लस्टर और गांव के स्तर पर कार्य योजना में बताई गई निगरानी और अनुपालन प्रक्रियाओं का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

आयोग पिछले एक महीने यानी 15 सितंबर 2022 से पंजाब, हरियाणा और यूपी के 8 एनसीआर जिलों में धान के अवशेष जलाने की घटनाओं की सक्रिय तरीके से निगरानी कर रहा है। पिछले साल इसी अवधि की तुलना में इस साल अब तक आग के मामले 3431 से घटकर 1695 हो गए हैं।

पंजाब के खेतों में आग लगने की कुल घटनाएं 1444 पता चली हैं, जो साल 2021 में 2375 थीं। इसी तरह हरियाणा में पिछले साल 1026 की तुलना में इस साल 244 और यूपी (एनसीआर) में इसी अवधि के दौरान पिछले साल पता चली 30 घटनाओं के मुकाबले पांच मामले आए हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में इस साल आग की दो घटनाएं पता चली हैं। राजस्थान के दो एनसीआर जिलों में आग की कोई घटना सामने नहीं आई है। फसल कटाई के इस मौसम के दौरान पंजाब में 15 सितंबर को, हरियाणा में 18 सितंबर, यूपी के एनसीआर जिलों में 30 सितंबर और दिल्ली में 5 अक्टूबर को धान के अवशेष जलाने का पहला मामला सामने आया था।

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एसजी/एएम/एएस/केजे



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