रेल मंत्रालय 
                
                
                
                
                
                    
                    
                        भारतीय रेलवे ने सितंबर तक स्क्रैप की बिक्री से 2500 करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित की
                    
                    
                        
भारतीय रेलवे ने स्क्रैप का संग्रह करने और इसकी ई-नीलामी के जरिये बिक्री करने के माध्यम से संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए हर संभव प्रयास किये हैं
                    
                
                
                    Posted On:
                17 OCT 2022 2:57PM by PIB Delhi
                
                
                
                
                
                
                भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-22 के पहले छह महीनों में स्क्रैप की उल्लेखनीय बिक्री दर्ज की है। इस बिक्री के जरिए भारतीय रेलवे ने सितंबर 2022 तक; पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इसी अवधि के 2003 करोड़ रुपये की तुलना में कुल 2582 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जो 28.91 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए स्क्रैप की बिक्री से होने वाली आय का लक्ष्य 4400 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। 
	
		
			| ब्योरा | वित्त वर्ष 2021-22 (करोड़ रुपये में) | वित्त वर्ष 2022-23 (करोड़ रुपये में) | 
		
			| लक्ष्य | 4100 | 4400 | 
		
			| सितंबर तक समानुपातिक लक्ष्य | 1845 | 1980 | 
		
			| सितंबर तक संचयी बिक्री | 2003 | 2582 | 
	
 
2021-22 के 3,60,732 मीट्रिक टन की तुलना में 2022-23 में 3,93,421 मीट्रिक टन लौह स्क्रैप का निपटान किया गया है। साथ ही 2022-23 में सितंबर, 2022 तक 1751 वैगनों, 1421 कोचों और 97 इंजनों का निपटान किया गया, जबकि 2021-22 में इसी अवधि के दौरान 1835 वैगनों, 954 कोचों और 77 इंजनों का निपटान किया गया था।
भारतीय रेलवे ने स्क्रैप का संग्रह करने और इसकी ई-नीलामी के जरिये बिक्री करने के माध्यम से संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए हर संभव प्रयास किये हैं।
अनुपयोगी/स्क्रैप रेलवे सामग्री का जमा होना और इसकी बिक्री एक सतत प्रक्रिया है और इसकी निगरानी क्षेत्रीय रेलवे तथा रेलवे बोर्ड में उच्चतम स्तर पर की जाती है। निर्माण परियोजनाओं में, आम तौर पर गेज परिवर्तन परियोजनाओं से स्क्रैप पैदा होता है। स्क्रैप के लिए पेश की गयी सामग्री का रेल-मार्गों पर पुन: उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनका निपटान रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है।
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                (Release ID: 1868553)
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