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राष्ट्रीय खेल प्रतिभागियों में भाई-चारा और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देते हैं - उपराष्ट्रपति


उपराष्ट्रपति ने हाल के वर्षों में देश में खेल के बुनियादी ढांचे में हुए उल्लेखनीय विकास की प्रशंसा की

श्री धनखड़ ने यह आशा व्यक्त की 'अब वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक की मेजबानी करेगा'

पदक तालिका में सेवाएं शीर्ष पर रहीं जबकि साजन और हाशिका ने सर्वश्रेष्ठ एथलीट के पुरस्कार जीते

Posted On: 12 OCT 2022 9:07PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज सूरत के पं. दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम में 36वें राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह में संबोधित किया। श्री ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष, गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल, गुजरात राज्य के मंत्री और सांसद इन खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ी, अधिकारी और अन्य लोग खेलों के समापन समारोह में शामिल हुए। समापन समारोह में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके बाद 36वें राष्ट्रीय खेलों के समापन के अवसर पर शानदार  आतिशबाजी  की गई।

अपने संबोधन के दौरान श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि खेलों के आयोजन एक महान राष्ट्रीय एकता के रूप में कार्य करते हैं, जिसमें राज्यों के एथलीट एक साथ भाग लेते हैं और उनमें जीवन भर के संबंध विकसित होते हैं तथा उनमें भाई-चारे की एक मजबूत भावना भी पैदा होती है।

उपराष्ट्रपति ने इस ‘मेगा स्पोर्टिंग इवेंट’ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार को बधाई दी, जिसने पिछले कुछ हफ्तों में विभिन्न विधाओं में कई नए रिकॉर्ड स्‍थापित होते देखे है। उन्होंने कहा कि एथलीट यहां से अच्छी यादें और राष्ट्रवाद की एक नई उत्साही भावना लेकर लौटेंगे।

पिछले कुछ वर्षों में देश में खेलों के बुनियादी ढांचे में हुए उल्लेखनीय विकास का जिक्र करते हुए, श्री धनखड़ ने यह विश्वास व्यक्त किया कि "वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक की मेजबानी करेगा।" प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में उभरती खेल प्रतिभाओं को सही अवसर प्रदान करने और बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग्यता और निष्पक्षता से चयन की गई नई खेल संस्कृति ‘गेम चेंजर’ है।

अपने संबोधन में, श्री धनखड़ ने दिल को छू लेने वाली उस घटना का उल्लेख किया जब प्रधानमंत्री ने टोक्यो ओलंपिक में पदक से नजदीकी रूप से चूकने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रत्येक सदस्य से व्यक्तिगत रूप से बात की थी और इस बात पर जोर दिया था कि जीत या हार से अधिक, खेल भावना ही मायने रखती है।

यह उल्लेख करते हुए कि भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली गुजरात यात्रा है, श्री धनखड़ ने कहा कि वह राज्य के लोगों के प्यार और स्नेह से बहुत अभिभूत हैं। देश के विकास में गुजरात के योगदान की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने कहा कि गुजरात के सपूतों द्वारा स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता के बाद के कालखंड में भी ऐतिहासिक योगदान दिया गया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने कहा कि खेल राज्य के साथ-साथ देश में भी जीवन जीने का तरीका बनने लगे हैं। “हमारी नई खेल नीति से राज्य के एथलीटों को उच्च लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। एथलीटों के कौशल को विकसित करने के लिए, हमने स्वर्णिम गुजरात खेल विश्वविद्यालय की शुरूआत भी की है और मुझे उम्मीद है कि यह विश्वविद्यालय ओलंपिक एथलीटों का सृजन करने में मदद करेगा।

राष्‍ट्रीय खेलों के 2023 संस्करण के मेजबान गोवा के खेल मंत्री गोविंद गौडे के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रीय खेलों का झंडा सौंपा गया।

उपराष्‍ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने लगातार चौथी बार प्रतिष्ठित राजा भालिंद्र सिंह ट्रॉफी को सर्विसेज़ के मिश्रित दस्‍ते को प्रदान की। सर्विसेज ने सभी प्रतिस्पर्धी टीमों से मुकाबला कर 61 स्वर्ण, 35 रजत और 32 कांस्य पदक जीते हैं।

महाराष्ट्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक पदक जीतने के साथ पदक तालिका में दूसरे स्थान पर रहने के कारण भारतीय ओलंपिक संघ की सर्वश्रेष्ठ राज्य ट्रॉफी हासिल की।

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने साजन प्रकाश (5 स्वर्ण, 2 रजत, 1 कांस्य) को सर्वश्रेष्ठ पुरुष एथलीट पुरस्‍कार प्रदान किया, जिन्होंने कर्नाटक के श्रीहरि नटराज (5 स्वर्ण और 2 रजत) को नाटकीय रूप से इस पुरस्‍कार में पछाड़ दिया है। यह साजन प्रकाश का ऐसा लगातार दूसरा सम्मान था, इन्होंने 2015 में भी यह ट्रॉफी जीती थी।

कर्नाटक की हाशिका रामचंद्र, केवल 14 साल की है जिसने 6 स्वर्ण और 1 कांस्य पदक के साथ सर्वश्रेष्ठ महिला एथलीट का ताज पहना है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला से अपना पुरस्कार प्राप्त किया।

गुजरात के 10 वर्षीय शौर्यजीत खैरे (मल्लखंब), जो कुछ ही दिन पहले अपने पिता को खोने के बाद अनिच्छुक स्टार्टर थे, खेलों के 'वायरल स्टार' के रूप में उभरे और वे इस विधा में सबसे कम उम्र के पदक विजेता बन गए।

आईआईटी गांधीनगर में ट्रैक एंड फील्ड में 38 और राजकोट में ‘एक्वेटिक्स’ में 36 राष्ट्रीय खेलों के रिकॉर्ड टूट गए। तमिलनाडु की रोजी मीना पॉलराज (महिला पॉल वॉल्ट) और एन अजित (भारोत्तोलन में पुरुषों की 73 किग्रा क्लीन एंड जर्क), सर्विसेज की शिव सुब्रमण्यम (पुरुष पोल वॉल्ट), उत्‍तर प्रदेश के राम बाबू (पुरुषों की 35 किमी रेस वॉक) और अरुणाचल प्रदेश के सैम्बो लापुंग (पुरुषों की 96 किग्रा भारोत्तोलन क्लीन एंड जर्क) राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाले एथलीटों में शामिल रहे।

महाराष्ट्र और हरियाणा की खेल महाशक्तियां अंत तक कड़े संघर्ष में लगी रही, जो महाराष्‍ट्र द्वारा 39 स्वर्ण, 38 रजत और 63 कांस्य पदक जीतने के साथ दूसरे नंबर के रूप में उभरने के साथ समाप्‍त हुआ। हरियाणा को 38 स्वर्ण, 38 रजत, 39 कांस्य पदकों के साथ पदक तालिका में तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।

कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल ने पदक तालिका में क्रमश: चौथा, पांचवां और छठा स्थान प्राप्‍त किया। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मणिपुर का अभियान प्रत्येक को 20-20 स्वर्ण पदक मिलने के साथ समाप्त हुआ।

मेजबान गुजरात ने भी राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया, इसने कुल 49 पदक जीते, जिनमें 13 स्वर्ण, 15 रजत और 21 कांस्य पदक शामिल हैं। गुजरात की टीम 12वें स्थान पर रही।

29 टीमों ने कम से कम एक स्वर्ण पदक जीता और तीन अन्य दल अपने प्रयासों के प्रदर्शन के लिए कम से कम एक पदक जीतें।

61 स्वर्ण, 35 रजत और 32 कांस्य पदक जीतने के साथ सर्विसेज़ पदक तालिका में शीर्ष पर रही। महाराष्ट्र ने दूसरा और हरियाणा ने तीसरा स्थान हासिल किया। सोने की खान केरल के तैराक साजन प्रकाश और कर्नाटक की हाशिका रामचंद्र को क्रमश: पुरुष और महिला वर्ग में सर्वश्रेष्ठ एथलीट का ताज पहनाया गया।

तीन दिवसीय दौरे पर सूरत पहुंचे उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ और डॉ सुदेश धनखड़ का सूरत हवाई अड्डे पर गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत और गुजरात सरकार के मंत्रियों और अन्य गणमान्‍य व्‍यक्ति ने स्वागत किया। अगले दो दिनों में वे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और साबरमती आश्रम का दौरा करेंगे और राज्य सरकार और सामुदायिक संगठनों द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।

इस वर्ष के राष्ट्रीय खेलों में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 14,500 से अधिक खिलाड़ियों, कोचों और अधिकारियों ने भाग लिया। इन खेलों का प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर, 2022 को उद्घाटन किया  था।

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