महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

पोषण माह के दौरान पूरे देश में विभिन्न विषयवस्तुओं के तहत 15 करोड़ से अधिक गतिविधियां आयोजित की गईं


'महिला और स्वास्थ्य' विषयवस्तु के तहत आयोजित प्रमुख गतिविधियों में रक्त अल्पता (एनीमिया) जांच और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान शामिल हैं

बच्चा और शिक्षा- पोषण भी, पढाई भी के तहत बच्चों की देखभाल व उनकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के साथ लगभग 81 लाख गतिविधियों का आयोजन किया गया

वर्षा जल संचयन संरचनाओं के निर्माण को लेकर आंगनवाड़ी केंद्रों को चिह्नित करने के लिए लैंगिक संवेदनशील जल प्रबंधन और संरक्षण विषयवस्तु पर 43 लाख गतिविधियां की गईं

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और असम में स्वस्थ बालक स्पर्धा का सफलतापूर्वक प्रायोगिक आयोजन किया गया

5वें राष्ट्रीय पोषण माह का समापन कर्तव्यपथ पर 30 सितंबर से 2 अक्टूबर 2022 तक पोषण उत्सव के साथ हुआ, जिसमें 1.5 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया

Posted On: 12 OCT 2022 4:30PM by PIB Delhi

एक सुपोषित भारत के लिए प्रधानमंत्री की सोच में योगदान करने को लेकर 5वें राष्ट्रीय पोषण माह (1 से 30 सितंबर, 2022) के दौरान पूरे देश में विभिन्न विषयवस्तुओं के तहत 15 करोड़ से अधिक गतिविधियां आयोजित की गईं। 5वें पोषण माह से पहले इस अभियान की शुरुआत के बाद से 40 करोड़ से अधिक की सामूहिक गतिविधियों के साथ चार पोषण माह और 4 पोषण पखवाड़ा आयोजित किए जा चुके हैं।

इस साल पोषण माह के दौरान ग्राम पंचायतों को सभी गतिविधियों का केंद्र बिंदु बनाया गया। इससे जमीन पर विभिन्न समितियों को संगठित करने में सहायता प्राप्त हुई। इनमें ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति (वीएचएसएनसी), विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी)/शिक्षा समिति, जल और पर्यावरण संरक्षण समिति, योजना और विकास समिति और सामाजिक न्याय स्थायी समिति आदि शामिल हैं। पोषण पंचायतों को सभी गतिविधियों का केंद्र मानते हुए, पोषण माह 2022 के लिए व्यापक विषयवस्तु- महिला और स्वास्थ्य, बच्चा और शिक्षा, लैंगिक संवेदनशील जल प्रबंधन और महिलाओं व बच्चों के लिए पारंपरिक भोजन थीं।

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महिला और स्वास्थ्य' विषयवस्तु के तहत पूरे देश में आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में रक्त अल्पता (एनीमिया) परीक्षण व जागरूकता अभियान (लगभग 32 लाख), प्रसव पूर्व जांच शिविर (लगभग 11 लाख), माहवारी स्वच्छता पर जागरूकता अभियान (लगभग 7 लाख) और हाथ धोने व स्वच्छता (लगभग 41 लाख) आदि पर गतिविधियां शामिल थीं।

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वहीं, एक अन्य प्रमुख विषयवस्तु- बच्चा और शिक्षा- पोषण भी, पढ़ाई भी ने पोषण माह- 2022 के दौरान गति प्राप्त की। इसके तहत 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए विद्यालय से पहले की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया गया हैइस विषयवस्तु के तहत बच्चों की देखभाल और उनकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगभग 81 लाख गतिविधियां आयोजित की गईं। शुरुआती शिक्षा के लिए सामान्य संवेदीकरण के अलावा आंगनवाड़ी केंद्रों में शिक्षण के लिए स्वदेशी और स्थानीय रूप से उपलब्ध खिलौनों के उपयोग व विकास को राष्ट्रव्यापी बढ़ावा दिया गया है।

दिल्ली में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता में प्रारंभिक बाल विकास के लिए स्वदेशी खिलौनों पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। आईसीडीएस के तहत काम करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका सहित सभी आईसीडीएस पदाधिकारियों इससे लाभान्वित हो सके, इसके लिए इस कार्यशाला/संगोष्ठी का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर किया गया था। इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों की ओर से आयु के अनुरूप खिलौनों व इसके सार्वभौमिकरण पर पैनल चर्चा के अलावा देश के विभिन्न क्षेत्रों के आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय खिलौनों के निर्माण पर प्रमुख शिल्पकारों का सत्रों में स्वदेशी खिलौना निर्माण का सीधा प्रदर्शन शामिल था।

 

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इसके अलावा विषयवस्तु के अनुरूप कई राज्यों ने गतिविधियां कीं। इनमें मणिपुर में राज्य टॉयथॉन/खिलौना मेला, गुजरात में आंगनवाड़ी केंद्रों में आयोजित लघु बाल खिलौना/खेल व शिक्षण मेला, झारखंड के आंगनवाड़ी केंद्रों में स्थानीय खिलौना बनाने की कार्यशालाओं का आयोजन और ओडिशा के आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों व माताओं द्वारा खिलौना बनाना शामिल है।

इसके अलावा, पोषण पखवाड़ा- 2022 के दौरान आंगनवाड़ी केंद्रों में जल संरक्षण व प्रबंधन पर लैंगिक संवेदनशील जागरूकता और जनजातीय क्षेत्रों में पारंपरिक खाद्य पदार्थों पर फोकस विषयवस्तुओं के तहत की गई सफल गतिविधियों के बाद पोषण माह 2022 में भी इन प्रमुख विषयवस्तुओं से संबंधित गतिविधियां जारी हैं। वर्षा जल संचयन संरचनाओं के निर्माण के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को चिह्नित करने को लेकर कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और अभियान के माध्यम से लैंगिक संवेदनशील जल प्रबंधन व संरक्षण की विषयवस्तु पर लगभग 43 लाख गतिविधियों को पूरा किया गया।

वहीं, पोषण माह के दौरान स्वस्थ बालक स्पर्धा को चार राज्यों यानी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और असम में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। इस स्पर्धा का मुख्य उद्देश्य 'स्वस्थ बच्चे' की पहचान करना और उसका उत्सव मनाना था। इस प्रकार बच्चों और उनके परिवारों में अच्छे स्वास्थ्य व पोषण की स्थिति के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करना था। इस कार्यक्रम के दौरान 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए विकास मापन से संबंधित गहन गतिविधियों को पूरा किया गया। सभी 4 राज्यों में इस स्पर्धा के विजेता बच्चों व उनके माता-पिता को प्रमाणपत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया। इसके अलावा पुरस्कार/उपहार जैसे कि पोषण किट/स्वच्छता किट, स्थानीय रूप से उपलब्ध देसी खिलौने और पानी की बोतल आदि वितरित किए गए।

5वें राष्ट्रीय पोषण माह का समापन 30 सितंबर से 2 अक्टूबर 2022 तक नई दिल्ली के कर्तव्यपथ पर एक पोषण उत्सव के साथ हुआ। यह पोषण उत्सव बड़े पैमाने पर लोगों, विशेष रूप से छोटे बच्चों व महिलाओं के लिए सही पोषण के महत्व पर महत्वपूर्ण संदेश को प्रसारित करने के लिए एक मंच के रूप में और देश में कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करने के लिए आयु के अनुरूप अच्छे स्वास्थ्य अभ्यासों पर उन्हें संवेदनशील बनाने का काम किया। इस पोषण उत्सव को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पोषण संबंधी परेड, स्वस्थ-खाद्य स्टॉलों, स्वास्थ्य जांच स्टालों आदि पर केंद्रित पोषण विषयवस्तु पर केंद्रित उत्सव मेले के रूप में आयोजित किया गया था। इसके अलावा बड़े पैमाने पर बच्चों और लोगों को आकर्षित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के साथ फोटो खींचवाने के लिए एआर फोटो बूथ भी लगाया गया।

उत्सव के तहत आयुष मंत्रालय ने प्रदर्शनी/बिक्री के लिए आयुष पोषण अभ्यासों और आयुर्वेद उत्पादों/योगों से संबंधित पुस्तकों के स्टॉलों को लगाया। इसके अलावा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच के लिए बूथ भी बनाए गए, जिसमें आगंतुकों के बीएमआई की जांच के लिए मशीनें भी शामिल थीं। चूंकि आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के प्रारंभिक शिक्षण और विकास के लिए स्वदेशी खिलौने एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं, इसलिए देश के विभिन्न हिस्सों के लगभग 9 स्थानीय पारंपरिक खिलौना समूहों की ओर से स्वदेशी खिलौनों के स्टॉल लगाए गए। इनमें एटिकोपक्का (आंध्र प्रदेश), कोंडापल्ली (आंध्र प्रदेश), चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), कठपुतली शिल्प (राजस्थान), मैसूरु (कर्नाटक), मैंगलोर (कर्नाटक), चन्नापटना (कर्नाटक) और इंदौर (मध्य प्रदेश) आदि शामिल हैं।

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बड़े पैमाने पर बच्चों और जनता को आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री के साथ फोटो खींचवाने के लिए एक एआर फोटो बूथ स्थापित किया गया था। यह आगंतुकों के लिए एक बड़ा आकर्षण था। एक अनुमान के अनुसार इन 3 दिनों में लगभग डेढ़ से दो लाख लोगों ने इस पोषण उत्सव में हिस्सा लिया।

धीरे-धीरे पिछले कुछ वर्षों में जन आंदोलनों ने लोगों की मानसिकता में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम किया है। इसने महिलाओं, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य व पोषण पर केंद्रित गतिविधियों में पुरुषों और लड़कों की भागीदारी में बढ़ोतरी करने में अपना योगदान दिया है। पोषण माह- 2022 में भी पुरुषों और महिलाओं (लड़कों और लड़कियों सहित) की एकसमान भागीदारी देखी गई है।

भारत सरकार का पोषण अभियान बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार को लेकर एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री ने 8 मार्च, 2018 को की थी। जन आंदोलन के जरिए अभियान का उद्देश्य पूरे भारत में पोषण से जुड़े व्यवहार में बदलाव लाना है, जिससे यह माननीय प्रधानमंत्री के सुपोषित भारत की सोच में योगदान दे सके।

15वें वित्त आयोग की अवधि के लिए, आंगनवाड़ी सेवाओं (एडब्ल्यूएस) और किशोर लड़कियों के लिए योजना (एसएजी) के साथ पोषण अभियान सक्षम आंगनवाड़ी व पोषण 2.0 नामक एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम के हिस्से हैं। इस पोषण अभियान के तहत पोषण-केंद्रित जन आंदोलन, पोषण माह और पोषण पखवाड़ा के रूप में साल में दो बार आयोजित किया जाता है, जो लोगों के बीच वांछित व्यवहार परिवर्तन लाने के लिए प्रमुख घटकों में से एक बना हुआ है।

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