पंचायती राज मंत्रालय
केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने पुणे में पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया
सतत विकास लक्ष्यों को ग्राम स्तर पर दृढ़ संकल्प और ठोस प्रयासों से हासिल किया जा सकता है: श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल
Posted On:
22 SEP 2022 8:26PM by PIB Delhi
पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के 9 विषयों में सतत विकास लक्ष्यों के विषयगत दृष्टिकोण पर महाराष्ट्र के पुणे में 22 से 24 सितंबर 2022 के दौरान तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। एलएसडीजी पर राष्ट्रीय कार्यशालाओं की श्रृंखला के तहत पुणे में आयोजित दूसरा कार्यशाला विषय 4: गांव में पर्याप्त जल और विषय 5: स्वच्छ एवं हरित गांव पर केंद्रित है।
केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने आज कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस दौरान महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरीश महाजन, केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री सुनील कुमार, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में सचिव श्रीमती विनी महाजन, महाराष्ट्र सरकार के अपर मुख्य सचिव (आरडी एंड पीआर) श्री राजेश कुमार, पंचायती राज मंत्रालय में अपर सचिव श्री (डॉ.) चंद्रशेखर कुमार, पंचायती राज मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीमती रेखा यादव, महाराष्ट्र के हिवारे ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच पद्मश्री पोपटराव पवार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। देश भर के पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) से चयनित 1,200 से अधिक प्रतिनिधियों के अलावा पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी और अन्य मंत्रालयों/ विभागों, राज्यों केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारी और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि इस राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।
श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने सभी सरपंचों से आह्वान किया कि वे अपनी ग्राम पंचायत को हिवारे बाजार की तरह बनाएं ताकि हम उन्हें भी मंच पर बुलाकर पद्मश्री पोपटराव पवार जैसे अन्य सरपंचों को प्रेरित कर सकें। उन्होंने कहा कि उन्हें एलएसडीजी के सभी 9 विषयों को हासिल करना है। हालांकि फिलहाल हम विषय 4: जल पर्याप्त गांव और विषय 5: स्वच्छ एवं हरित गांव, के बारे में बात कर रहे हैं जो गांवों की मूलभूत आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य बदलने का समय है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में नौ चिन्हित लक्ष्यों को हासिल करते हुए गांवों को कस्बों और शहरों के स्तर पर लाया जा सके।
श्री पाटिल ने जोर देकर कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को दृढ़ संकल्प और केंद्र/ राज्य सरकारों एवं पंचायती राज संस्थाओं के ग्राम स्तर पर संयुक्त प्रयासों से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरपंचों को समर्थ (क्षमता) के मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए क्योंकि वे ग्राम पंचायत के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सरपंच अपनी पंचायत के विकास महत्वपूर्ण हैं।
श्री पाटिल ने कहा कि यह गेम चेंजर का नहीं बल्कि एम चेंजर का समय है यानी लक्ष्य बदलने का समय है। ग्राम पंचायत स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के जरिये हम अपना लक्ष्य बदल रहे हैं और अब हम गांवों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सरपंचों को अगले 25 वर्षों के लिए जल पर्याप्तता पर विकास योजना बनानी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां भी पर्याप्त जल का आनंद उठा सकें।
श्री पाटिल ने सरपंचों से कहा कि वे हमेशा उच्च लक्ष्य रखें, लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें सफलतापूर्वक प्राप्त करें। उन्होंने सरपंच के रूप में पद्मश्री पोपटराव पवार के कार्यों की सराहना की और कहा कि सरपंच केवल एक पद ही नहीं बल्कि ग्राम पंचायतों के सर्वांगीण विकास के लिए सामर्थ्य, सपना, संकल्प, आत्मविश्वास, विश्वास है।
श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने कहा कि सभी सतत लक्ष्यों को प्राप्त करना और अपने गांव को सुरक्षित एवं समृद्ध बनाना आपकी जिम्मेदारी है। उन्होंने सरपंचों से आह़वान किया कि वे हमेशा उच्च लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें सफलतापूर्वक हासिल करें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करेंगी।
महाराष्ट्र सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री श्री गिरीश महाजन ने सरपंचों की जिम्मेदारियों और गांवों में अंतिम व्यक्ति तक सेवाओं को पहुंचाने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर होना चाहिए कि 'सेवाओं की डिलीवरी' सबसे अधिक हाशिए के वर्गों तक पहुंचे। उन्होंने सरपंच की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को प्रत्यक्ष रकम हस्तांतरण के जरिये खामियों को दूर किया गया है। उन्होंने दूरदराज के गांवों तक सरकारी सेवाओं को पहुंचाने पर जोर दिया।
पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार ने विषय 4 और 5: पर्याप्त जल और ग्राम पंचायतों में एलएसडीसी के स्वच्छ एवं हरित गांव को संस्थागत बनाने के लिए नीति निर्माण पर अपने विचार प्रस्तुत किए। पंचायतों में एलएसडीजी के जल पर्याप्तता और स्वच्छ एवं हरित गांव विषयों को संस्थागत बनाने के लिए नीति निर्माण के बारे में बताते हुए उन्होंने विषयगत क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करके और ग्रामीण भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक विकसित भारत के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। महाराष्ट्र सरकार के आरडी एवं पीआर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजेश कुमार ने स्वागत भाषण दिया।
इस अवसर पर एलएसडीजी विषयों- 'जल पर्याप्त गांव' और 'स्वच्छ एवं हरित गांव' पर पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया। पंचायती राज संस्थाओं में विषयगत दृष्टिकोण अपनाकर एलएसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने पर डॉक्यूमेंट्री वीडियो की प्रस्तुति भी दी गई।
पंचायती राज मंत्रालय में अपर सचिव श्री (डॉ.) चंद्रशेखर कुमार ने पंचायतों के प्रोत्साहन को बेहतर करने और ऑनलाइन प्रश्नावली भरने में प्रगति पर एक प्रस्तुति दी और ग्राम पंचायतों से राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के लिए जारी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में भाग लेने का अनुरोध किया।
सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल और स्वच्छ ग्राम पंचायत विषय पर पैनल चर्चा 1 और 2 की अध्यक्षता भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के डीओडीडब्ल्यूएस में सचिव श्रीमती विनी महाजन ने की। इसमें ग्राम पंचायतों में सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित एवी फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। पैनल चर्चा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति एवं प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में पंचायतों की भूमिका, ग्राम पंचायतों में लोगों के स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर सुरक्षित पेयजल के प्रभाव जैसे मुद्दों पर फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। पैनल चर्चा-1 के दौरान जल प्रबंधन, ग्राम पंचायतों में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता एवं पर्याप्तता: आपूर्ति एवं प्रबंधन की चुनौतियां और संचालन एवं रखरखाव में पंचायतों की भूमिका जैसे विषयों पर वीडियो फिल्मों का भी प्रदर्शन किया गया।
श्रीमती महाजन ने विषयगत दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्राम पंचायतों में एलएसडीजी पर राष्ट्रीय कार्यशाला में पर्याप्त जल वाले ग्राम पंचायत: सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल विषय पर पैनल चर्चा की भी अध्यक्षता की।
स्वच्छ ग्राम पंचायत पर पैनल चर्चा-2 की अध्यक्षता भी श्रीमती विनी महाजन ने की। पश्चिम बंगाल के अमर सुशमा जलप्रपात के सीईओ श्री प्रसून कांति दास और महाराष्ट्र के जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के संयुक्त सचिव श्री अभय महाजन विषयगत क्षेत्रों से लिए गए विशेषज्ञ थे। परिचर्चा के अन्य पैनलिस्ट में केरल के कोन्नाथडी ग्राम पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती राम्या रानीश, छत्तीसगढ़ के पटोरा ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती अजीता साहू और तेलंगाना के मुखरा ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती गाडगे मीनाक्षी शामिल थीं।
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