वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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श्री पीयूष गोयल ने आईआईएफटी से छात्रवृ​त्ति शुरू करने के लिए कहा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी छात्र वित्तीय संसाधनों के अभाव में पीछे न रहे


श्री गोयल ने आईआईएफटी के छात्रों से 2030 तक निर्यात को 2 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने के प्रयास में शामिल होने का आग्रह किया

श्री पीयूष गोयल ने गिफ्ट सिटी में एक अंतरराष्ट्रीय परिसर स्थापित करने का आह्वान किया

Posted On: 23 AUG 2022 10:03PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के प्रबंधन को छात्रवृत्ति शुरू करने के लिए कहा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी प्रतिभाशाली एवं सक्षम छात्र केवल शुल्क ढांचे या रहने के खर्च के कारण आईआईएफटी में अपनी पढ़ाई को जारी रखने से हतोत्साहित न हो। उन्होंने कहा कि इससे सभी पृष्ठभूमि और देश के सभी हिस्सों, विशेष रूप से आकांक्षी जिलों, से छात्रों को लाकर परिसर में कहीं अधिक विविधता लाने में मदद मिलेगी।

श्री गोयल आज नई दिल्ली में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के 55वें दीक्षांत समारोह में भाग ले रहे थे। डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को बधाई देते हुए मंत्री ने भारत और विदेश के अग्रणी बी-स्कूलों के बीच अपनी जगह सुनि​श्चित करने के लिए आईआईएफटी की सराहना की। उन्होंने 60 साल की सेवा पूरी करने के लिए संस्थान को अपनी शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि यह अतीत और भविष्य पर चिंतन एवं आत्मनिरीक्षण करने का एक अच्छा पड़ाव है।

मंत्री ने आईआईएफटी के निदेशक मंडल से भी आग्रह किया कि छात्र परिषदों के लिए अधिक फंड आवंटित करने पर विचार किया जाए ताकि आईआईएफटी के सभी परिसरों को कहीं अधिक जीवंत और अद्यतन बनाया जा सके।

श्री गोयल ने प्रबंधन से यह भी कहा कि गुजरात के गिफ्ट सिटी में दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी के तहत एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान स्थापित करने पर काम किया जाए ताकि हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। उन्होंने दोहरी डिग्री वाले कार्यक्रम और छात्रों के आदान-प्रदान वाले कार्यक्रम शुरू करने का भी सुझाव दिया। श्री गोयल ने पूर्व छात्र संघ से इस पर मिशन मोड में काम करने और अपनी शिक्षा एवं अनुभव का उपयोग छात्रों के मार्गदर्शन के लिए करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का आह्वान किया।

भारत के आ​र्थिक विकास को आकार देने के लिए व्यापार को एक महत्वपूर्ण लीवर बताते हुए श्री गोयल ने वाणिज्य विभाग के लिए 13 खंड के रीस्ट्रक्चरिंग डोजियर के बारे में बात की। विभाग को मौजूदा दौर में कहीं अ​धिक प्रासंगिक बनाने के लिए आज इसका विमोचन किया गया। मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत की नजर तेज वृद्धि पर है। उन्होंने कहा कि अब हम निर्यात को 2030 तक 675 अरब डॉलर से 2 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने छात्रों से इस प्रयास में शामिल होने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बताए गए पंच प्रण यानी 5 संकल्पों का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि अगले 25 वर्षों में यानी वर्ष 2047 तक भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक अमृत काल वास्तव में राष्ट्र के भविष्य और नागरिकों के भाग्य को निर्धारण करेगा। उन्होंने कहा कि हम सब के सामूहिक प्रयास से भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।

आईआईएफटी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि संस्थान किसी भी कार्य को करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने में इसके छात्रों और पूर्व छात्रों की बड़ी भूमिका होगी।

मंत्री ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में शामिल हुए बिना कोई भी देश विकसित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि दुनिया में बाहर निकलने वाले और मूल्य, गुणवत्ता, वितरण एवं सेवा के मामले में समान शर्तों पर प्रतिस्पर्धा करने वाले देशों ने अपने नागरिकों के दैनिक जीवन में सफलतापूर्वक समृद्धि हासिल की है।

शिक्षा पर नए सिरे से गौर करने की आवश्यकता के बारे में बताते हुए श्री गोयल ने कहा कि नई शिक्षा नीति का मतलब पाठ्यक्रम में बदलाव के बजाय मानसिकता में बदलाव लाना था। मंत्री ने कहा कि नई ​शिक्षा नीति डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिये शिक्षा को देश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक ले जाने में मदद करेगी।

वा​णिज्य सचिव और आईआईएफटी के कुला​धिपति श्री बीवीआर सुब्रमण्यम भी दीक्षांत समारोह में उप​स्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत बड़े बदलाव के कगार पर है और यह आगे बढ़ने एवं उत्कृष्टता हासिल करने के सभी अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने छात्रों से कहा कि देश को 3 लाख करोड़ डॉलर से 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था तक ले जाना आपकी जिम्मेदारी होगी।

 

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