सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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मशीनीकृत स्वच्छता इकोसिस्टम के लिए राष्ट्रीय योजना (नमस्ते)

Posted On: 17 AUG 2022 5:30PM by PIB Delhi

नमस्ते, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) की संयुक्त पहल है जो सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।

नमस्ते, शहरी भारत में स्वच्छता कर्मचारियों के लिए एक सक्षम इकोसिस्टम का निर्माण करते हुए उनकी सुरक्षा और गरिमा की परिकल्पना करता है, जो स्वच्छता अवसंरचना का संचालन करने और रखरखाव करने में प्रमुख अंशदाताओं के रूप में उन्हें मान्यता प्रदान करता है, जिससे उन्हें स्थायी आजीविका की प्राप्ति होती है और क्षमता निर्माण के माध्यम से उनकी व्यावसायिक सुरक्षा में बढ़ोत्तरी होती है और सुरक्षा उपकरणों और मशीनों तक बेहतर पहुंच प्राप्त होती है।

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शहरी भारत में स्वच्छता कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करना और दीर्घकालिक आजीविका प्रदान करना और क्षमता निर्माण और सुरक्षा उपकरणों और मशीनों तक बेहतर पहुंच के माध्यम से उनकी व्यावसायिक सुरक्षा में बढ़ोत्तरी करना।

i. नमस्ते का उद्देश्य स्वच्छता कर्मचारियों की कमजोरियों में कमी लाने के लिए उन्हें वैकल्पिक आजीविका सहायता और अधिकार तक पहुंच भी प्रदान करना है और उन्हें स्व-रोजगार और कुशल क्षेत्र में रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्रदान करना और स्वच्छता कार्य में परंपरागत रूप से लगे रहने की परंपरा को तोड़ने में सक्षम बनाना है।

ii. इसके अतरिक्त, नमस्ते नागरिकों के व्यवहारों में स्वच्छता कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक सोच लाएगा और सुरक्षित स्वच्छता सेवाओं की मांग को बढ़ावा देगा।

नमस्ते का उद्देश्य निम्नलिखित परिणामों की प्राप्ति करना है:-

  1. भारत में स्वच्छता कार्य के कारण किसी की मौत नहीं होना।
  2. सभी कार्य कुशल श्रमिकों द्वारा स्वच्छता का काम किया जाना।
  3. किसी भी सफाई कर्मचारी का मानव मल पदार्थ के सीधे संपर्क में नहीं आना।
  4. स्वच्छता कर्मचारियों को स्वयं सहायता समूहों में एकत्रित करना और उन्हें स्वच्छता उद्यम चलाने का अधिकार प्रदान करना।
  5. सभी सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों (एसएसडब्ल्यू) की पहुंच वैकल्पिक आजीविका तक होना।
  6. सुरक्षित स्वच्छता कार्य का प्रवर्तन और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और यूएलबी स्तरों पर निरीक्षण और निगरानी प्रणालियों को मजबूत करना।
  7. स्वच्छता सेवा की चाहत रखने वालों (व्यक्तियों और संस्थानों) को पंजीकृत और कुशल सफाई कर्मचारियों की सेवाएं लेने के लिए जागरूक करना।

नमस्ते के इस चरण के अंतर्गत 500 शहरों (अमृत शहरों को कवर करते हुए) को शामिल किया जाएगा। शहरों की सूची उचित समय पर जारी की जाएगी। शहरों के पात्रता की श्रेणी निम्नलिखित है:-

  1. अधिसूचित नगरपालिकाओं के साथ एक लाख से ज्यादा आबादी वाले सभी शहर और कस्बे, इनमें छावनी बोर्ड (नागरिक क्षेत्र) भी शामिल हैं।
  2. राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के सभी राजधानी शहर/कस्बे, जिन्हें 4(i) में शामिल नहीं किया गया है।
  3. पहाड़ी राज्यों, द्वीपों और पर्यटन स्थलों के 10 शहर (किसी राज्य में एक से ज्यादा नहीं)।

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विस्तृत विवरण: नमस्ते में सीवर/सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों (एसएसडब्ल्यू) की पहचान करने की परिकल्पना की गई है, जिसमें उन अनौपचारिक श्रमिक संख्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो जोखिम वाले सफाई कार्यों में लगे हुए हैं। यह डाटाबेस एमओएसजेई, एनएसकेएफडीसी और एमओएचयूए (डे-एनयूएलएम, एसबीएम 2.0 और अमृत सहित) को एसएसडब्ल्यू और उनके परिवारों तक पहुंच प्रदान करेगा और उन्हें सामूहिकता, कौशल निर्माण और सामाजिक एवं वित्तीय लाभों के साथ जोड़ने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। इस सर्वेक्षण का आयोजन शहर के नमस्ते प्रबंधकों द्वारा किया जाएगा और संबंधित यूएलबी द्वारा विधिमान्य किया जाएगा। इस सर्वेक्षण का कार्य पूर्व-अनुमोदित प्रारूप में डिजिटल माध्यम में किया जाएगा।

बीमा योजना के लाभों का विस्तार: चिन्हित किए गए एसएसडब्ल्यू और उनके परिवारों को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए उन्हें आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के अंतर्गत कवर किया जाएगा। चिन्हित किए गए एसएसडब्ल्यू परिवारों के लिए एबी-पीएमजेएवाई के लिए प्रीमियम, जिन्हें पहले कवर नहीं किया गया, नमस्ते के अंतर्गत वहन किए जाएंगे।

आजीविका सहायता: कार्य योजना से मशीनीकरण और उद्यमिता विकास को बढ़ावा मिलेगा। एनएसकेएफडीसी सफाई कार्यों को पूर्ण रूप से मशीनीकृत करने के लिए एसयूवाई के अंतर्गत स्वच्छता संबंधी उपकरणों और वाहनों की खरीद के लिए स्वच्छता श्रमिकों, एसएसडब्ल्यू के एसएचजी और निजी स्वच्छता सेवा संगठनों (पीएसएसओ) को वित्तपोषण सहायता और सब्सिडी (पूंजी + ब्याज) प्रदान करेगा। चिन्हित किए गए एसएसडब्ल्यू और उनके आश्रितों को उपलब्ध आजीविका विकल्पों के लिए परामर्श दिया जाएगा और वैकल्पिक कौशल प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाएगा, अगर उनकी इच्छा हो। अपनी स्वयं की प्राथमिकता के आधार पर, एक एसएसडब्ल्यू स्वच्छता क्षेत्र में काम जारी रखने के विकल्प का चुनाव कर सकता है, जिससे क्षमता निर्माण प्रशिक्षण प्राप्त करने का वह पात्र हो सकता है। वैकल्पिक रूप से, कर्मचारी एक वैकल्पिक आजीविका विकल्प या एक उद्यमशीलता वाले उद्यम का पता लगाने वाला विकल्प चुन सकता है। अगर श्रमिक अपनी पसंद की वैकल्पिक आजीविका को अपनाने का निर्णय लेते हैं, तो इन श्रमिकों को कौशल और ईडीपी सहायता प्रदान की जाएगी। श्रमिक व्यक्तिगत रूप में या एक ही विकल्प में दिल्चस्पी रखने वाले समूह के रूप में एक नई आजीविका परियोजना की शुरूआत कर सकते हैं। स्वच्छता से संबंधित परियोजनाओं सहित स्वरोजगार परियोजनाओं पर लगाए गए ब्याज दर और स्वीकार्य पूंजी सब्सिडी का ब्यौरा निम्मलिखित है:-

(क) लाभार्थियों पर लगाए जाने वाली ब्याज दर निम्नानुसार होगी: -

परियोजना लागत

प्रति वर्ष ब्याज की दर

100,000 रूपये तक की परियोजनाएं

5% (महिला लाभार्थियों के लिए 4%)

100,000 रूपये से ज्यादा की परियोजनाएं

6%

 

(ख) अग्रिम पूंजीगत सब्सिडी निम्नानुसार है:

परियोजना लागत की सीमा (रूपये)

पूंजीगत सब्सिडी

व्यक्तियों के लिए

 

5,00,000 रूपये तक

परियोजना लागत का 50%

5,00,000 रूपये से 15,00,000 रूपये

2.50 लाख रुपये + शेष परियोजना लागत का 25%

समूह परियोजनाओं के लिए:

10,00,000 लाख रूपये प्रति लाभार्थी, परियोजना की अधिकतम लागत 50,00,000 रूपये तक

व्यक्तियों के लिए स्वीकार्य सीमा के समान, अधिकतम 3.75 लाख रुपये प्रति लाभार्थी

 

(ग) ब्याज सहायता: योजना के अंतर्गत निर्धारित ब्याज दरों के अलावा बैंक द्वारा लगाए जाने वाले ब्याज दर के लिए ब्याज सहायता भी स्वीकार्य है। 6 महीने तक की अधिस्थगन अवधि सहित 5 लाख रुपये तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए पुनर्भुगतान की अधिकतम अवधि 5 वर्ष और 5 लाख रुपये से ज्यादा की लागत वाली परियोजनाओं के लिए 7 वर्ष तक हो सकती है।

संतुष्टि के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ: चिन्हित किए गए सफाई कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को इस क्षेत्र के विभिन्न विभागों द्वारा कार्यान्वित की जा रही सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा, जैसे:

  1. खाद्य सुरक्षा (राशन)
  2. प्रधानमंत्री आवास योजना
  3. दसवीं से पूर्व और दसवीं के पश्चात की छात्रवृत्ति योजनाएं
  4. स्कूल से बाहर, स्कूल जाने वाले बच्चों का नामांकन
  5. अटल पेंशन योजना
  6. वृद्ध व्यक्तियों, विधवाओं, अनाथों, दिव्यांगजनों आदि के लिए पेंशन योजनाएं
  7. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएम-एसबीवाई)
  8. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएम-जेजेबीवाई)
  9. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
  10. नि:शुल्क भूमि/भूखंडों का आवंटन
  11. आंगनबाड़ी
  12. प्रवेश परीक्षाओं और नौकरी के लिए कोचिंग।
  13. कोई अन्य योजना

राष्ट्रीय नमस्ते प्रबंधन इकाई: नमस्ते के लिए राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्तीय विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) कार्यान्वयन एजेंसी का काम करेगी। यह योजना एक समर्पित राष्ट्रीय टीम के साथ एमओएसजेई और एमओएचयूए की संयुक्त पहल के रूप में होगी। संरचना के शीर्ष पर राष्ट्रीय नमस्ते निगरानी इकाई (एनएनएमयू) होगी, जो एनएसकेएफडीसी के प्रबंध निदेशक के अंतर्गत आएगी और भारत सरकार के एमओएसजेई में संबंधित डिवीजन प्रमुख को रिपोर्ट करेगी। नमस्ते के कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करने के लिए और एमओएसजेई और एमओएचयूए के बीच समन्वय को सुविधाजनक बनाने के लिए एनएनएमयू में आईटी प्रोफेशनल की टीम, इसी प्रकार के कार्यक्रमों का कार्यान्वयन करने वाले विशेषज्ञों, एसएचजी विशेषज्ञ, आईईसी विशेषज्ञ, बैंकिंग विशेषज्ञ आदि की एक तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) की स्थापना की जाएगी। मोबाइल ऐप और समर्पित वेबसाइट के माध्यम से वास्तविक समय के आधार पर अधिकतम निगरानी और रिपोर्टिंग की जाएगी।

राज्य नमस्ते प्रबंधन इकाई: राज्य सरकार द्वारा राज्य नमस्ते निदेशक को राज्य नमस्ते प्रबंधन इकाई (एसएनएमयू) के प्रमुख के रूप में नामित करने के लिए एक उपयुक्त अधिकारी का चयन किया जाएगा। यह अधिकारी एसबीएम, एनयूएलएम, अमृत या यूएलबी या फिर राज्य के किसी अन्य संबद्ध विभाग से हो सकता है। उसे जरूरत के आधार पर योजना के अंतर्गत तैनात किए जाने वाले पीएमयू संसाधन (राज्य नमस्ते प्रबंधक) द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। सिटी स्तर पर, सिटी नमस्ते मॉनिटरिंग इकाई (सीएनएमयू) में संबंधित यूएलबी द्वारा नामित किए जाने वाले शहर के नमस्ते नोडल अधिकारी शामिल होंगे, जिन्हें योजना के अंतर्गत तैनात पीएमयू संसाधन (सिटी नमस्ते प्रबंधक) द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।

सिटी नमस्ते निगरानी इकाई: शहरी स्तर पर कार्यान्वयन निकाय के रूप में परियोजना प्रबंधन इकाई का गठन करते समय, पीएमयू को नगरपालिकाओं के समूहों में संगठित किया जाएगा जिससे सिटी नमस्ते मॉनिटरिंग इकाई (सीएनएमयू) के रूप में काम किया जा सके और एसबीएम क्लस्टरों के साथ तालमेल स्थापित किया जा सके। एनएसकेएफडीसी के अनुसार और उसके द्वारा पीएमयू संसाधनों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। पीएमयू द्वारा एनयूएलएम के अंतर्गत गठित किए जा रहे पीएमयू के काम को दोहराना नहीं करनी चाहिए। पीएमयू का काम एसएचजी का निर्माण करने और सशक्त आजीविका तैयार करने के उद्देश्य से एनयूएलएम को दिया जाना चाहिए। सिटी नमस्ते मॉनिटरिंग इकाई (सीएनएमयू) शहर में सीवरेज ऑपरेशन से संबंधित काम करने वाले सीवरेज बोर्ड/जल बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड आदि जैसे किसी भी अन्य शहरी निकाय को कवर करना भी सुनिश्चित करेगा। सिटी नमस्ते प्रबंधक के सांकेतिक कार्य प्रोफाइल की विस्तृत जानकारी अनुलग्नक-II में दी गई है।

एमओएसजेई और एमओएचयूए के कार्यक्रमों का अभिसरण: एसएसडब्ल्यू की सुरक्षा एमओएसजेई और एमओएचयूए की संयुक्त जवाबदेही है। इसलिए, नमस्ते का उद्देश्य नमस्ते घटकों को गवर्नेंस करना और कार्यान्वयन करने के लिए दोनों मंत्रालयों के बीच अभिसरण को मजबूती प्रदान करना है। इस कार्य योजना में मौजूदा एसआरएमएस, एसबीएम, डीएवाई-एनयूएलएम और एनएसकेएफडीसी के उपलब्ध वित्तीय आवंटनों का लाभ प्राप्त किया जाता है और एसएसडब्ल्यू को व्यावसायिक, सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण प्रदान किया जाता है। कार्य योजना के वित्तपोषण का लाभ एमओएचयूए (एसबीएम और डीएवाई-एनयूएलएम) की योजनाओं के अंतर्गत विशेष रूप से निम्नलिखित मध्यवर्तनों के लिए उठाया जाएगा:-

  1. मुख्य सफाई कर्मचारियों को मिलाकर एसएचजी का गठन
  2. पीपीई की अधिप्राप्ति और इसका वितरण
  3. सुरक्षा यंत्रों और उपकरणों की खरीद (एनएसकेएफडीसी के माध्यम से यूएलबी को भी वित्तपोषित किया जा सकता है)
  4. एसईपी और ड्यूटी सुपरवाइजरों के लिए व्यावसायिक सुरक्षा और कौशल प्रशिक्षण (एसआरएमएस के अंतर्गत एनएसकेएफडीसी के माध्यम से भी किया जा सकता है)
  5. स्वच्छता संबंधी परियोजनाओं का लाभ उठाने के लिए इच्छुक स्वच्छता कर्मचारियों को काम का आश्वासन देना।
  6. अमृत के अंतर्गत मध्यवर्तन

आईईसी अभियान: लक्षित किए गए स्वच्छता कर्मचारियों की गणना और नमस्ते के अन्य मध्यवर्तनों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए यूएलबी और एनएसकेएफडीसी द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाए जाएंगे। इस अभियान का प्रचार करने के लिए स्थानीय भाषाओं और अंग्रेजी/हिंदी में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया और प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग का उपयोग किया जाएगा। प्रचार के दौरान सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।

इस योजना का अनुमोदन 360 करोड़ रुपये की लागत के साथ चार वर्षों के लिए 2022-23 से 2025-26 तक किया गया है।

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