इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग में क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया

Posted On: 12 AUG 2022 4:55PM by PIB Delhi

भारत में डिजिटल क्रांति के लिए  भविष्य के दिशानिर्देशों (रोडमैप)  में बड़े पैमाने पर क्लाउड कंप्यूटिंग किया जाना शामिल है। इसके साथ ही ई-शासन (गवर्नेंस) प्रणाली  पहले से ही देश में शासन को  'व्यवस्था और शक्ति-केंद्रित' से 'निवासी और सेवा-केंद्रित' में बदलने का कार्य  कर रही  है।

 

इन दोनों को एक साथ मिलाते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं  सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी)  मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने प्रमुख केन्द्रीय  लाइन मंत्रालयों, राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के विभागों, मिशन मोड परियोजना अधिकारियों एवं  ई-गवर्नेंस परियोजना प्रमुख और राज्य ई-मिशन दलों के सरकारी अधिकारियों के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग में क्षमता निर्माण कार्यक्रम के पहले बैच का आयोजन किया। इसके लिए दो दिवसीय कार्यक्रम 4-5 अगस्त, 2022 को हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित किया गया था, जिसमें दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के प्रतिभागियों को शामिल किया गया था।

इस कार्यक्रम को केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर सरकार के भीतर क्षमताओं का निर्माण करने के लिए पर्याप्त ज्ञान, उपयुक्त दक्षताओं और कौशल-सेट की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु एक समकालिक दृष्टिकोण को अपनाते हुए ई- शासन प्रथाओं में क्लाउड कंप्यूटिंग के विशाल लाभों का इष्टतम उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। क्लाउड कंप्यूटिंग के साथ परियोजनाएं स्वचालित समस्या समाधान के साथ एकीकरण प्रबंधन प्रदान करने, सुरक्षा का पूरे परिमाण में (एंड-टू-एंड)  प्रबंधन करते हुए  डेटा के वास्तविक उपयोग के आधार पर बजट बनाने  में मदद करती हैं। राष्ट्रीय स्तर पर क्लाउड की संरचना (आर्किटेक्चर)  सरकार को एक साथ संसाधनों का इष्टतम उपयोग करने और ई-सेवाओं के वितरण में तेजी लाने के लिए लाभान्वित कर सकती है। उदाहरण के लिए  'मेघराज' परियोजना , भारत सरकार की एक ऐसी  पहल है जिसका उद्देश्य जीआई क्लाउड (मेघराज) पहल के माध्यम से  देश में ई-सेवाओं के वितरण में तेजी लाने के साथ – साथ सरकार के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) खर्च का अनुकूलन करना भी  है।

इस कार्यक्रम के संदर्भ का विवरण देते  हुए, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) के  निदेशक - क्षमता निर्माण श्री सत्य मीणा ने कहा "पिछले दो दशकों में प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और क्लाउड-आधारित प्रणालियाँ  ऐसी ही प्रौद्योगिकी हैं जो विभिन्न  व्यवसायों को चलाने के साथ ही हमारी रोजाना की ज़िन्दगी के हर पहलू को छू रहे हैं। इंटरनेट के माध्यम से जो कुछ भी उपलब्ध है, उसकी सेवा क्लाउड-आधारित अनुप्रयोगों (एप्लिकेशन्स) एवं सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचनाओं (आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर) के माध्यम से  दी जा रही है।" इस कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक, वरिष्ठ महाप्रबंधक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्मार्ट गवर्नमेंट (एनआईएसजी) श्री सत्यजीत राव  ने कहा कि "इस दशक के भीतर ही क्लाउड कंप्यूटिंग पारंपरिक डेटा केंद्रों की जगह ले लेगा और डेटा विश्लेषण तथा  भंडारण के लिए प्रमुख समाधान के रूप में उभरेगा।"

इस कार्यशाला में उद्योग शिक्षा जगत और सरकार के ऐसे विषय विशेषज्ञों की एक श्रृंखला को एक साथ लाया गया,  जो प्रमुख डोमेन मुद्दों, जैसे कि क्लाउड की मूल बातों (फंडामेंटल्स), भारत की क्लाउड यात्रा, क्लाउड संरचना (बिल्डिंग ब्लॉक), क्लाउड सेवाओं की खरीद, क्लाउड  के लिए नियामक और नीतिगत ढांचे, क्लाउड कार्यान्वयन से जुड़ी चुनौतियाँ और डिजिटल परिवर्तन पर क्लाउड का भविष्य, सफल क्लाउड उपयोग मामलों पर आकर्षक प्रस्तुतियाँ पर बात करते हैं । सत्र के दौरान हुई चर्चा में क्लाउड कंप्यूटिंग के विभिन्न घटकों जैसे क्लाउड सेवाओं के लिए कस्टम बिडिंग, क्लाउड सेवा प्रदाताओं के साथ भुगतान-प्रति-उपयोग और बिलिंग आवृत्ति की स्थापना, क्लाउड के तहत गतिशील सेवाओं के लिए बातचीत के साधन, क्लाउड कंप्यूटिंग पर कंप्यूटिंग आवश्यकताओं, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (टीआरएआई – ट्राई) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं  आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के दिशानिर्देशों और क्लाउड कंप्यूटिंग पर आईटीयू वैश्विक मानकों पर ध्यान दिया जाना तथा क्लाउड खरीद में सर्वोत्तम प्रथाओं पर आवश्यक प्रशिक्षण भी शामिल है।

कार्यक्रम में अधिकतर केन्द्रीय प्रमुख (सेंट्रल लाइन) मंत्रालयों, नई दिल्ली और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा, मिजोरम और उत्तराखंड की राज्य सरकारों के 31 प्रतिभागी अधिकारियों की उपस्थिति को देखते हुए - अब इस वर्ष भारत के पूर्व, पश्चिम और दक्षिण क्षेत्र भी क्लाउड कंप्यूटिंग के विषय पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जाने वाले भौतिक कार्यक्रमों के साथ आगे बढ़ेंगे।

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