कोयला मंत्रालय

अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान भारत में कोयला उत्पादन और बिजली संयंत्रों को प्रेषण

Posted On: 03 AUG 2022 5:29PM by PIB Delhi

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश है। बिजली की मांग हर साल लगभग 4.7 प्रतिशत बढ़ती है। पावर सिस्टम ऑपरेशन कार्पोरेशन पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान, देश में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बिजली की मांग में 13.93 प्रतिशत की तेज वृद्धि देखी गई। इसके लिए तापमान में अभूतपूर्व वृद्धि और विशेष रूप से देश के उत्तरी क्षेत्र में मानसून में देरी के साथ-साथ कोविड के बाद के समय में व्यावसायिक गतिविधियों को फिर पूरी तरह से शुरू करने को वजह माना  जा सकता है। कोयला आधारित बिजली उत्पादन में वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि की तुलना में अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान 16.13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

बिजली क्षेत्र को कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, जिससे बिजली उत्पादन के लिए कोयले की मांग में वृद्धि की चुनौती का सामना किया जा सके, कोयला मंत्रालय देश में विभिन्न कोयला कंपनियों के साथ नियमित रूप से संपर्क में है और उनके उत्पादन की निगरानी कर रहा है। कोयले का घरेलू उत्पादन और बिजली संयंत्रों को प्रेषण पिछले सभी मासिक रिकॉर्ड को पार कर गया है। बेहतर घरेलू उत्पादन ने बिजली की मांग में तेज उछाल के बावजूद आयातित कोयले की मांग को नियंत्रण में रखने में मदद की है। देश में कुल कोयला उत्पादन और प्रेषण अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान क्रमशः 265.65 मिलियन टन (एमटी) और 291.32 एमटी हो गया है, जो साल-दर-साल आधार पर क्रमशः 26.44 प्रतिशत और 13.05 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज करता है। बिजली संयंत्रों को कुल कोयला प्रेषण (गैर सीआईएल कोयला उत्पादक इकाइयों सहित) अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान 250.51 एमटी रहा है, जिसमें वित्त वर्ष 22 की समान अवधि की तुलना में 21.31 प्रतिशत की बढ़त है।

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने कोयले का उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अप्रैल-जुलाई अवधि में 166.56 एमटी के मुकाबले अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान 207.09 एमटी कोयले का उत्पादन दर्ज किया है. जो 24.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान सीआईएल से कोयले का कुल प्रेषण (गैर-विद्युत क्षेत्र सहित) 232.07 एमटी हो गया है, जो वित्त वर्ष 22 की इसी अवधि के 210.86 एमटी के मुकाबले 10.06 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी वजह से, बिजली संयंत्रों में उपलब्ध कोयला स्टॉक जिसकी केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा दैनिक आधार पर निगरानी की जाती है, 31 जुलाई 2022 को बढ़कर 29.85 एमटी हो गया है, जो 30 जून 2022 के 26.52 एमटी के मुकाबले 12.56 प्रतिशत की बढ़त और 31 जुलाई 2021 के 24 एमटी के मुकाबले 24.38 प्रतिशत की बढ़त है।

22 जुलाई को मानसून के आगमन के कारण बिजली उत्पादन में गिरावट के साथ, कोयला उत्पादन और प्रेषण में उल्लेखनीय वृद्धि से देश की कोयला आपूर्ति से जुड़ी चिंताओं में जल्द कमी आएगी। हालांकि, मानसून के आगमन से कोयला उत्पादन में संभावित गिरावट को लेकर, कोयला मंत्रालय अर्थव्यवस्था में वृद्धि और मौसमी कारकों के कारण भी अब इस क्षेत्र की मानसून की तैयारी की बारीकी से निगरानी कर रहा है और देश में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन/प्रेषण को और बढ़ाने के सभी प्रयास जारी रखे हुए है।

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