नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय

विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय के लिए संसद सदस्यों की सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया

Posted On: 05 AUG 2022 5:55PM by PIB Delhi

विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा-एनआरई मंत्रालय के लिए संसद सदस्यों की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक कल शाम नई दिल्ली में आयोजित की गई। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के माननीय सांसदों ने भाग लिया। उपस्थित सांसदों में श्री अरुण साव, लोकसभा, श्री चंद्रशेखर साहू, लोकसभा, श्री ज्ञानेश्वर पाटिल, लोकसभा, श्री खगेन मुर्मू, लोकसभा, श्री प्रद्युत बोरदोलोई, लोकसभा, श्री रामदास चंद्रभानजी तादास, लोकसभा, श्री रवींद्र कुशवाहा, लोकसभा, श्रीमती रीति पाठक, लोकसभा, श्रीमती संगीता कुमारी सिंह देव, लोकसभा, श्री टोपोन कुमार गोगोई, डॉ अमी याज्ञनिक, राज्यसभा और डॉक्टर कनिमोझी एनवीएन सोमू, राज्यसभा शामिल थे।। बैठक का विषयऊर्जा संरक्षण के उपाय" था।

माननीय सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए, ऊर्जा मंत्री महोदय ने बताया कि हाल के महीनों में जब बिजली की मांग में वृद्धि हुई है, तो कुल बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा 25 प्रतिशत से 29 प्रतिशत है और नवीकरणीय ऊर्जा एक प्रमुख क्षेत्र है। एसएमई के लिए किए गए ऊर्जा दक्षता हस्तक्षेप की उपलब्धियों को भी साझा किया गया। इस दौरान ऊर्जा संरक्षण उपायों पर एक प्रस्तुति दी गई। वर्ष 2021-22 में एसडीए योजना की उपलब्धियां भी साझा की गईं। बैठक में बताया गया कि ऊर्जा मंत्रालय ने राज्यों को मुख्य सचिवों के अधीन ऊर्जा उपयोग के परिवर्तन के लिए राज्य स्तरीय संचालन समितियों का गठन करने को कहा है। कई राज्य पहले ही इन समितियों का गठन कर चुके हैं।

विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने माननीय सदस्यों को अलग-अलग कृषि फीडरों के बारे में सूचित किया, जो कृषि ऊर्जा खपत को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। बैठक के दौरान भारत में कोल्ड चेन ऊर्जा दक्षता पर चर्चा की गई। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की पहल पर भी बातचीत की गई। उजाला योजना की उपलब्धियों को भी साझा किया गया। बैठक में ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम निर्माण पर भी चर्चा हुई। इस दौरान यह बताया गया कि ईसीबीसी वाणिज्यिक भवनों के लिए शुरू किया गया था और 22 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाया गया है। आवासीय भवनों के लिए वर्ष 2018-19 में इकोनिवास संहिता शुरू की गई थी। बैठक के दौरान पीएटी द्वितीय चरण की प्रमुख उपलब्धियों को भी साझा किया गया।

माननीय संसद सदस्यों ने विभिन्न पहलों और योजनाओं के संबंध में कई सुझाव दिए। श्री सिंह ने प्रतिभागियों को उनके बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद देते हुए बैठक का समापन किया।

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