रक्षा मंत्रालय

भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण और भलाई के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी: रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट


रक्षा राज्य मंत्री ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में भूतपूर्व सैनिक आउटरीच कार्यक्रम में भाग लिया

श्री अजय भट्ट ने उत्तराखंड में ईसीएचएस पॉलिटेक्निक भवनों की आधारशिला रखी, ईएसएम को ईसीएचएस स्वास्थ्य कार्ड और नौकरी पत्र वितरित किए

Posted On: 14 JUL 2022 8:06PM by PIB Delhi

रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने आज 14 जुलाई 2022 को उत्तराखंड के हल्द्वानी में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आयोजित एक आउटरीच कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग, रक्षा मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में किया गया था।

एक दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम में, रक्षा राज्य मंत्री ने वीडियो लिंक के माध्यम से राज्य के विकासनगर, रायवाला और पौड़ी गढ़वाल में ईसीएचएस पॉलिटेक्निक भवनों की आधारशिला रखी और ईएसएम व उनके आश्रितों को 64-केबी ईसीएचएस स्मार्ट कार्ड सौंपे। उन्होंने ईएसएम को नौकरी पत्र भी वितरित किये।

इस अवसर पर श्री अजय भट्ट ने निकटवर्ती क्षेत्रों के भूतपूर्व सैनिकों की एक रैली को भी संबोधित किया।

अपने संबोधन में, रक्षा राज्य मंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) के कल्याण के लिए हर संभव कदम सुनिश्चित करने के लिए सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि इस देश के नागरिक, सशस्त्र सेना की वीरता के कारण सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार अपने सेवानिवृत व अनुभवी समुदाय के कल्याण और भलाई को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि मातृभूमि के लिए सशस्त्र सेना के समर्पण और बलिदान की पर्याप्त रूप में भरपाई नहीं की जा सकती है, हालांकि, सरकार सभी परिस्थितियों में भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री अजय भट्ट ने कहा कि सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के तहत 50,000 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस पेंशन योजना को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) के कल्याण के लिए सरकार द्वारा हाल में उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने तथ्य को रेखांकित किया कि भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की पेंशन संबंधी शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए एक विशेष रक्षा पेंशन शिकायत निवारण पोर्टल शुरू किया गया है।

रक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 1,84,198 भूतपूर्व सैनिकों/आश्रितों को वित्तीय सहायता के रूप में 398.18 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई। उन्होंने कहा कि  दिव्यांगों के लिए संशोधित स्कूटर की खरीद, किरकी एवं मोहाली में स्ट्रोक पुनर्वास केंद्र और युद्ध स्मारक छात्रावासों के लिए अनुदान के रूप में 1.71 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई।

वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) के लिए 320 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान किए जाने का उल्लेख करते हुए, रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि कुल 7,583 आवेदकों के लिए शिक्षा अनुदान के रूप में 284 करोड़ रुपये की राशि और विवाह अनुदान के रूप में 36 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

कुष्ठ रोगियों, मानसिक रूप से अस्वस्थ रोगियों एवं अन्य गंभीर रोग के पीड़ितों और टीबी रोगियों की देखभाल करने वाले चेशायर होम्स के बारे में बात करते हुए, श्री अजय भट्ट ने कहा कि केन्द्रीय सैनिक बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2021 से नई दिल्ली तथा लखनऊ स्थित चेशायर होम और देहरादून के राफेल राइडर इंटरनेशनल चेशायर होम को दी जाने वाली प्रति निवासी वार्षिक अनुदान राशि को 9,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया है।

रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 15,957 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएस) के तहत 53.24 करोड़ रुपये की कुल राशि प्रदान की गई। उन्होंने आगे कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से लड़कों के लिए छात्रवृत्ति राशि को 24,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रति वर्ष और लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति राशि को 27,000 रुपये से बढ़ाकर 36,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है। 

रक्षा राज्य मंत्री ने ईएसएम के पुनर्वास का उल्लेख करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) के जरिए कुल 32,209 भूतपूर्व सैनिकों का पुनर्वास किया गया है। इस संख्या में वे ईएसएम भी शामिल हैं जो पहले डीजीआर के माध्यम से भी कार्यरत थे और जिनके अनुबंध अप्रैल 2021 से नवीनीकृत किए गए हैं। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान डीजीआर द्वारा कुल 10,871 ईएसएम को नई नौकरियां दी गईं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में इस संख्या को और बढ़ाने की योजना है।

ईएसएम के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के मुद्दे पर श्री अजय भट्ट ने कहा कि ईसीएचएस पॉलीक्लिनिकों में संविदा कर्मचारियों के रोजगार से संबंधित नियमों को अंशकालिक आधार पर डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए संशोधित किया गया है, ताकि इन ग्रेड में पूर्णकालिक कर्मचारियों की गैर-उपलब्धता के कारण पैदा होने वाली कमी को पूरा किया जा सके।

रक्षा राज्य मंत्री ने दोहराया कि, "हमारी सरकार अपने भूतपूर्व सैनिकों को उच्चतम गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्ध है।"

रक्षा राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार ने अनुपलब्ध दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों की खुले बाजार से खरीद की समय अवधि को भुगतान के आधार पर 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कैंसर की दवाओं की खरीद के लिए अधिकतम राशि भी 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।

सचिव (ईएसडब्ल्यू) श्री बी. आनंद ने कहा कि ये आउटरीच कार्यक्रम "समग्र सरकार वाले दृष्टिकोण" के विज़न पर आधारित है। इसमें केंद्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी), पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) के साथ भूतपूर्व सैनिकों के विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाएं और भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस), साथ ही साथ रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए), लोकल कमांड फॉर्मेशन और राज्य सरकार राज्य सैनिक बोर्ड, जिला सैनिक बोर्ड और जिला प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को प्रदर्शित किया गया और हल्द्वानी के पास स्थानीय क्षेत्रों में रहने वाले भूतपूर्व-सैनिकों की उनसे संबंधित शिकायतों का निवारण किया गया।

सचिव (ईएसडब्ल्यू) ने कहा कि उत्तराखंड में लगभग 1.34 लाख ईएसएम हैं और ये उन शीर्ष 5 राज्यों में शामिल है जहां 100 में से प्रत्येक 1 व्यक्ति ईएसएम है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह के आउटरीच कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किए जाएंगे।

इस कार्यक्रम के अन्य मुख्य आकर्षणों में ईएसएम/आश्रितों के लिए चिकित्सा शिविर, रक्षा पेंशन समाधान आयोजन (पेंशन लोक अदालत) और स्पर्श आउटरीच, ईएसएम/विधवाओं/उनके आश्रितों के कल्याण/पुनर्वास योजनाओं के स्टॉल, ईएसएम/उनके आश्रितों के लिए शिक्षा/विवाह अनुदान/अन्य कल्याणकारी योजनाओं का वितरण, भूतपूर्व सैनिकों/वीर नारियों/उनके आश्रितों के साथ बातचीत, और स्थानीय प्रशासन संबंधी समस्याओं के लिए शिकायत डेस्क जैसी चीजें शामिल हैं।

इस आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन रक्षा मंत्रालय के सचिव भूतपूर्व सैनिक कल्याण के नेतृत्व में एक टीम द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम का समन्वय क्षेत्रीय सैनिक बोर्ड, उत्तराखंड के सहयोग से सचिव, केन्द्रीय सैनिक बोर्ड द्वारा किया गया।

***

एमजी/एएम/जेके/आर/जीबी/एसके



(Release ID: 1841578) Visitor Counter : 1060


Read this release in: English , Urdu