पंचायती राज मंत्रालय

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री, श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने पंचायती राज संस्थानों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण की रूपरेखा एवं कार्य योजना पर तीन दिवसीय नेशनल राइट-शॉप का उद्घाटन किया


रणनीतियां इस प्रकार विकसित की जानी चाहिए ताकि एसडीजी से संबंधित विषयगत लक्ष्यों के बारे में सूचना का प्रसार जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर तक सुचारु एवं निर्बाध तरीके से हो सके: श्री पाटिल

श्री पाटिल ने संतोष व्यक्त किया कि देश भर में लगभग 1.88 लाख ग्राम पंचायतों ने आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान पंचायती राज संस्थाओं के लिए पहचान किए गए नौ विषयों में से कम से कम एक या दो लक्ष्यों को हासिल करने का संकल्प लिया है

हम सभी को ग्राम पंचायत स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा

Posted On: 04 JUL 2022 7:49PM by PIB Delhi

केंद्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने आज पंचायती राज संस्थानों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण की रूपरेखा एवं कार्य योजना पर तीन दिवसीय नेशनल राइट-शॉप का उद्घाटन किया। इस दौरान पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री सुनील कुमार, पंचायती राज मंत्रालय के पूर्व सचिव एवं सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण को मुख्यधारा में लाने पर कोर कमेटी के अध्यक्ष श्री एसएम विजयानंद उप​स्थित थे। नेशनल राइट-शॉप का उद्घाटन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पारंपरिक दीप को प्रज्ज्वलित करते हुए किया गया।

 

 https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001RVAC.jpg 

श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने इस अवसर पर बोलते हुए विश्वास व्यक्त किया कि पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण की गति को तेज करने के लिए हरेक स्तर पर क्या कार्रवाई करने और कदम उठाने की आवश्यकता है, य​ह निर्धारित करने में इस नेशनल राइट-शॉप की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। साथ ही यह सतत विकास लक्ष्य से संबं​धित नौ विषयगत लक्ष्यों को हासिल करने में राज्य सरकारों, जिला, ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर संबंधित विभागों, पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के निर्वाचित प्रतिनि​धियों एवं पदा​धिकारियों, सिविल सोसाइटी, क्षेत्र विशेषज्ञों एवं अन्य हितधारकों के प्रयासों को गति देने के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह राइट-शॉप पंचायत स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए रूपरेखा एवं कार्य योजना को तैयार करने काफी सफल और प्रभावी साबित होगा ताकि यह सुनि​श्चित हो सके कि कोई भी न छूटने पाए।

श्री पाटिल ने जोर देकर कहा कि रणनीतियां इस प्रकार विकसित की जानी चाहिए ताकि एसडीजी से संबंधित विषयगत लक्ष्यों के बारे में सूचना का प्रसार जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर तक सुचारु एवं निर्बाध तरीके से हो सके। उन्होंने पहचान किए गए नौ विषयगत क्षेत्रों में एसडीजी को एक नि​श्चित समय-सीमा के भीतर हासिल करने के लिए सभी प्रतिभागियों एवं हितधारकों से सहयोग, विश्वास और एकजुटता को मजबूत करने का आह्वान किया।

मंत्री ने सभी हितधारकों से पहले सकारात्मक मानसिकता बनाने का आह्वान किया कि हमें गांवों के समग्र और सर्वांगीण विकास की दिशा में सतत तरीके से काम करना है।

श्री पाटिल ने कहा कि प्रतिभागी राज्यों के अ​धिकारियों और प्रतिनि​धियों को यहां से लौटने पर संकल्प लेना चाहिए कि ग्राम स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा, 'जब हम ऐसा निर्णय लेंगे और उसे पूरा करने का संकल्प करेंगे तो हम काम को समयबद्ध तरीके से करने के तरीके तलाशेंगे।'

पंचायती राज मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री पाटिल ने कहा कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित प्रति​ष्ठित सप्ताह (11 से 17 अप्रैल 2022) कार्यक्रम के बाद एक साल के भीतर देश भर की लगभग 1 लाख 88 हजार ग्राम पंचायतों ने आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान पंचायती राज संस्थाओं के लिए पहचान किए गए नौ विषयों में से कम से कम एक या दो लक्ष्यों को हासिल करने का संकल्प लिया है।

मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' का मंत्र दिया है। इसलिए हम सबको मिलकर प्रयास करना है और इस मंत्र के साथ आगे बढ़ना है ताकि ग्राम पंचायत स्तर पर एसडीजी को हासिल किया जा सके। देश में पिछले 8 वर्षों के दौरान जो विकास हुआ है वह आम आदमी की आंखों में साफ दिखाई दे रहा है और वह आत्मविश्वास के रूप में भी दिख रहा है।'

श्री पाटिल ने कहा कि कुछ राज्यों ने एसडीजी के स्थानीयकरण की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है और देश में कई पंचायतें इनमें से कुछ लक्ष्यों को पूरा कर रही हैं। इसलिए देश के अन्य राज्यों और पंचायतों को अपनी रणनीतियों एवं कार्य-योजना में उसे दोहराना होगा। इस दिशा में कार्य किया जाना चाहिए।

पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के साथ जमीनी स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के लिए नीतिगत ढांचे के बारे में बताते हुए पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री सुनील कुमार ने कहा कि राज्य की नीति क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण, सर्वोत्तम प्रथाओं, निगरानी ढांचे, प्रोत्साहन और ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) में एसडीजी के विषयों की झलक के संदर्भ में विभिन्न रणनीतियों, एकीकृत कार्रवाइयों और अ​भिनव मॉडलों की रूपरेखा एवं कार्य योजना पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा कि संशोधित आरजीएसए योजना का फोकस पंचायती राज संस्थानों को स्थानीय स्वशासन एवं आर्थिक विकास के ऐसे जीवंत केंद्र के रूप में स्थापित करने पर है जहां जमीनी स्तर पर एसडीजी के स्थानीयकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए और जहां केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य के संबं​धित विभागों के ठोस एवं सहयोगात्मक प्रयासों के जरिये विषयगत दृष्टिकोण अपनाया गया हो। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के जरिये ग्रामीण क्षेत्र में एलएसडीजी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक दृष्टिकोण और रूपरेखा तैयार करने पर जोर दिया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002YW0Y.jpg 

सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण को मुख्यधारा में लाने पर कोर कमेटी के अध्यक्ष श्री एसएम विजयानंद ने 'पंचायती राज संस्थानों में एलएसडीजी के स्थानीयकरण की रूपरेखा एवं कार्य योजना के मसौदे की तैयारी' पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने ईआर, ईडब्ल्यूआर और समाज के कमजोर वर्गों के क्षमता निर्माण पर जोर दिया और कहा कि उन्हें समर्थ बनाया जाना चाहिए। एसएचजी 'समग्र समाज' के दृष्टिकोण से ग्राम पंचायतों में एलएसडीजी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

तमिलनाडु सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव/ महानिदेशक (प्र​शिक्षण) श्रीमती जयश्री रघुनंदन ने सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी। पंचायती राज मंत्रालय में संयुक्त ​सचिव श्रीमती रेखा यादव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

नेशनल राइट-शॉप के दौरान ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती नीता केजरीवाल द्वारा 'एसएचजी-पीआरआई का एकीकरण: एलएसडीजी के विषयगत दृ​ष्टिकोण को जमीनी स्तर पर हासिल करना' पर प्रस्तुति दी गई। इसके अलावा यूनिसेफ के प्रतिनि​धि द्वारा 'पंचायती राज संस्थानों में एलएसडीजी की रूपरेखा को आगे बढ़ाने के लिए एकीकृत रणनीति एवं नवाचार मॉडल' और यूएनडीपी के प्रतिनि​धि द्वारा भी 'पंचायती राज संस्थानों में एलएसडीजी की रूपरेखा को आगे बढ़ाने के लिए एकीकृत रणनीति एवं नवाचार मॉडल' पर प्रस्तुतियां दी गईं। इसी प्रकार उन्नत भारत अ​भियान के टीम लीडर द्वारा 'पंचायती राज संस्थानों में एलएसडीजी की रूपरेखा को आगे बढ़ाने के लिए शैक्ष​णिक संस्थानों के साथ रणनीतियों में एकीकरण' पर प्रस्तुति दी गई। इस दौरान महाराष्ट्र, ओडिशा और कर्नाटक की ओर से राज्य प्रस्तुतियां दी गईं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003M3GH.jpg https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004PNEE.jpg 

पंचायती राज मंत्रालय सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर तीन दिवसीय (4 जुलाई से 6 जुलाई 2022) नेशनल राइट-शॉप का आयोजन कर रहा है। इस राइट-शॉप में केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों के अलावा यूनिसेफ, यूएनडीपी, यूएनपीएफए, उन्नत भारत अभियान के प्रतिनिधि और सभी 34 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस राइट-शॉप का एजेंडा पंचायती राज संस्थाओं में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण की रूपरेखा एवं कार्य योजना का मसौदा तैयार करना है।

 

*****

 

एमजी/एएम/एसकेसी/एसएस



(Release ID: 1839278) Visitor Counter : 331


Read this release in: English , Urdu