विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

नव विकसित अल्ट्रा थिन हेट्रो प्रोटीन फिल्म (झिल्ली) : पृथक प्रोटीन फिल्मों का बेहतर विकल्प बन सकती है

Posted On: 15 JUN 2022 4:50PM by PIB Delhi

वैज्ञानिकों ने उत्कृष्ट थर्मल, मैकेनिकल और पीएच स्थिरता के साथ अल्ट्रा थिन हेट्रो प्रोटीन फिल्म (झिल्ली) विकसित की है, जो बायोमेडिकल और खाद्य पैकेजिंग उद्योगों में पतली फिल्मों के अनुप्रयोगों के विस्तार का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। ये झिल्लियां अन्य प्रोटीन या प्लास्टिक फिल्मों की तुलना में काफी पतली होती हैं। ये फिल्में काफी नरम तथा पतली हैं और इनके अन्य फिल्मों की तुलना में अधिक लचीला होना भी काफी फायदेमंद है।

हाल के दिनों में, विभिन्न शोध समूहों द्वारा उपयुक्त हेट्रो प्रोटीन कॉम्पलेक्सेस की मदद से इन प्रोटीन फिल्मों के कई मॉडिफिकेशंस की जानकारी दी गई थी। इन कॉम्पलेक्सेस को आमतौर पर बल्क सॉल्यूशन्स से विकसित किया गया था।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान गुवाहाटी के इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) में भौतिक विज्ञान प्रभाग के एक शोध समूह ने दो ग्लोब्यूलर प्रोटीन: बोवाइन सीरम एल्ब्यूमिन (बीएसए) और लाइसोजाइम (एलआईएस) से युक्त अल्ट्राथिन मोनोलेयर प्रोटीन फिल्मों को सफलतापूर्वक विकसित किया है। उन्होंने लैंगम्यूर-ब्लॉडगेट (एलबी) टेकनीक का उपयोग करने वाली तकनीक का इस्तेमाल किया, जो नैनोमीटर के क्रम में फिल्मों को मोटाई देती है।

 

 

इस शोध कार्य का नेतृत्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सारथी कुंडू ने किया और एक एसआरएफ पीएचडी छात्र श्री रक्तिम जे सरमा के साथ इस तकनीक का उपयोग करने वाली पहली मोनोलेयर हेट्रो प्रोटीन फिल्म विकसित की है। उन्होंने इसकी स्थिरता एवं संबंधित गुणों का पता लगाने के लिए परिवर्तनशील पीएच स्थितियों में इस जटिल फिल्म की विभिन्न संरचनाओं और मॉर्फोलॉजी का पता लगाया है।

हाइड्रोफोबिक इंटरैक्शन के साथ इलेक्ट्रोस्टेटिक अट्रैक्शन के परिणामस्वरूप दो प्रोटीनों के बीच कॉम्प्लेक्स फॉर्मेशन 9.2 के अद्वितीय पीएच पर हुआ है। यह मोनोलेयर कॉम्प्लेक्स एयर-वाटर इंटरफेस में बनाया गया था, जिसे बाद में आगे की स्टडी के लिए 18 एमएन / एम के सतही दबाव पर सिलिकॉन सबस्ट्रेट्स में स्थानांतरित कर दिया गया। यह दिखाया गया था कि एयर-वाटर इंटरफेस में मोनोलेयर्स एक अत्यधिक स्थिर फिल्म बनाने वाली जटिलता के कारण पर्याप्त रूप से लंबे समय तक अपनी आंतरिक संरचना को पकड़ सकते हैं।

बीएसए और एलआईएस के ऐसे प्रोटीन कॉम्प्लेक्स की झिल्लियां पतली फिल्म प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने अनुप्रयोगों के विस्तार में विभिन्न प्रोटीन कॉम्पलेक्सेस की अत्यधिक स्थिर बायोडिग्रेडेबल पतली फिल्मों के निर्माण के लिए उपयोगी हो सकती हैं। इस प्रोटीन कॉम्प्लेक्स में पैरामीटर परिवर्तन या विभिन्न फैटी एसिड अथवा पॉलीओल मोएट (ग्लिसरॉल, स्टार्च, जिलेटिन, आदि) का समावेश जैसे विविध भौतिक-रासायनिक तरीके फिल्म को विविध अनुप्रयोगों के लिए मुक्त बना सकते हैं। यह शोध कार्य हाल ही में प्रतिष्ठित एल्सेवियर पब्लिशर्स के तहत खाद्य हाइड्रोकोलोइड्स की प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।

प्रकाशन लिंक: https://doi.org/10.1016/j.foodhyd.2022.107788

एमजी/एमए/एनके/वाईबी



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