कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
कौशल विकास और उद्यमशीलता के क्षेत्रीय निदेशालय (आरडीएसडीई), ओडिशा ने भुवनेश्वर में शिक्षुता सुधार पर एक कार्यशाला का आयोजन किया
इस कार्यशाला में शिक्षुता अधिनियम के तहत नवीनतम सुधारों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया
विभिन्न प्रतिष्ठानों, राज्य शिक्षुता सलाहकारों, सहायक शिक्षुता सलाहकारों, क्षेत्र कौशल परिषदों, आरडीएसडीई और तीसरे पक्ष के एग्रीगेटरों के 150 से अधिक प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया
शिक्षुता सुधारों के क्रियान्वयन में तेजी लाने और शिक्षुता को बढ़ावा देने के लिए देश भर में ऐसी 250 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी
Posted On:
28 MAY 2022 9:04PM by PIB Delhi
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा शिक्षुता के नए एवं बेहतर सुधारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से, कौशल विकास और उद्यमशीलता के क्षेत्रीय निदेशालय (आरडीएसडीई), ओडिशा ने वर्ल्ड स्किल सेंटर, मंचेश्वर, भुवनेश्वर में शिक्षुता सुधारों पर दो- दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य देश के शिक्षुता मॉडल के भीतर लागू किए गए नए बदलावों के संबंध में हितधारकों की क्षमता निर्माण करना था। इसके अलावा, केन्द्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की घोषणा के अनुरूप, सुधारों के बारे में ठोस तरीके से जागरूकता पैदा करने के लिए देश भर में ऐसी कुल 250 कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी।
इस कार्यशाला में शिक्षुता कार्यक्रम की मूल्य श्रृंखला में 163 से अधिक प्रतिभागियों की अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई। इनमें टाटा स्टील लिमिटेड, बोकारो स्टील प्लांट, पारादीप रेलवे, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, 2 क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी), 18 कौशल विकास और उद्यमशीलता के क्षेत्रीय निदेशालय (आरडीएसडीई), 9 थर्ड पार्टी एजेंसी (टीपीए), 25 रोजगार और प्रशिक्षण निदेशालय (डीईटी) तथा 5 राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) जैसे 104 प्रतिष्ठान शामिल हैं।
चर्चा के प्रमुख बिंदु परीक्षा मॉड्यूल, समयसीमा और भुगतान गेटवे से संबंधित थे। चर्चा के कुछ संक्षिप्त बिंदु नीचे दिए हैं:
- ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट (एआईटीटी) अब वार्षिक के बजाय एक त्रैमासिक परीक्षा हो गई है। इसलिए, यह परीक्षा “ऑन-डिमांड” मोड में आयोजित की जाएगी।
- आईटीआई उत्तीर्ण उम्मीदवारों के लिए सैद्धांतिक परीक्षा नहीं होगी, जबकि नए प्रशिक्षु हमेशा की तरह सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक दोनों परीक्षाओं में उपस्थित होंगे।
- सबमिशन, प्रोसेसिंग, अनुमोदन और रिलीज की प्रक्रिया सिंगल-विंडो सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन की जाएगी। उद्योग जगत की सहायता के लिए एनएपीएस के तहत प्रतिपूर्ति की वास्तविक स्थिति की निगरानी के लिए एक ट्रैकिंग संबंधी सुविधा और एक ऑनलाइन शिकायत प्रणाली शुरू की जा रही है।
- भुगतान गेटवे सुविधा को निर्दिष्ट व्यवसायों से संबंधित प्रतिष्ठानों तक विस्तारित किया गया है।
- चार या अधिक राज्यों में व्यवसाय करने वाले प्रतिष्ठानों को केवल एक आरडीएसडीई के साथ पंजीकरण करने की अनुमति होगी।
- वैकल्पिक व्यवसाय, निर्दिष्ट व्यवसाय, और शिक्षा मंत्रालय के तहत प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं के कुल योग का सत्यापन किए बिना उद्योग को नोटिस जारी नहीं किए जायेंगे।
इस पहल की सराहना करते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में विशेष सचिव तथा प्रशिक्षण महानिदेशालय के महानिदेशक श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “भारत की कामकाजी आयु वाली लगभग 62.5 प्रतिशत आबादी 15 से 59 वर्ष के बीच की है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने की दृष्टि से एक आकर्षक पहलू है। शिक्षुता प्रशिक्षण, जिसे कौशल प्राप्त करने का सबसे अच्छा मॉडल माना जाता है, के जरिए हम कम उपयोग में लाए गए समुदायों को अवसर प्रदान करते हुए युवाओं को कक्षा से लेकर कारखाने के फर्श तक पहुंचने के क्रम में जल्दी, कुशलतापूर्वक और पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित कर सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि इन कार्यशालाओं के आयोजन के जरिए हम उद्योग जगत को हमारे साथ साझेदारी करने और अपनी श्रमशक्ति में अधिक प्रशिक्षुओं को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने में समर्थ होंगे।
इस कार्यशाला में, अनुबंध के सृजन, पेरोल की प्रक्रिया, दावों की प्रतिपूर्ति, पेरोल को जमा करने, भुगतान गेटवे, शिकायतों को उठाने के लिए टिकटिंग उपकरण और पाठ्यक्रम अपडेट से संबंधित शिक्षुता पोर्टल का प्रदर्शन भी किया गया। इस कार्यशाला में भाग लेने वाले विभिन्न हितधारकों ने कार्यान्वयन प्रक्रिया, अधिनियम तथा नियमों को और अधिक सरल बनाने के संबंध में कई सुझाव दिए। एमएसडीई इन सिफारिशों का अतिरिक्त नीतिगत इनपुट और बाद के कार्यालय आदेशों के लिए संकलन कर रहा है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के बारे में
भारत सरकार द्वारा एमएसडीई का गठन 9 नवंबर 2014 को कौशल की रोजगार पाने संबंधी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए किया गया था। अपनी स्थापना के बाद से, एमएसडीई ने नीति, रूपरेखा एवं मानकों को औपचारिक रूप देने; नए कार्यक्रमों एवं योजनाओं का शुभारंभ करने; नए बुनियादी ढांचे के निर्माण एवं मौजूदा संस्थानों के उन्नयन; राज्यों के साथ भागीदारी; उद्योग जगत के साथ जुड़ाव और कौशल के लिए सामाजिक स्वीकृति एवं आकांक्षाओं के निर्माण के संदर्भ में महत्वपूर्ण पहल और सुधार किए हैं। इस मंत्रालय का उद्देश्य न केवल मौजूदा नौकरियों के लिए बल्कि भविष्य में सृजित किए जाने वाले नौकरियों के लिए भी नए कौशल एवं नवाचार का निर्माण करने की दृष्टि से कुशल श्रमशक्ति की मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को पाटना है। स्किल इंडिया के तहत अब तक 5.5 करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
विस्तृत जानकारी के लिए: https://www.msde.gov.in/
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एमजी/एमए/आर
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