वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
जीईएम, सीएससी और भारतीय डाक ने आखिरी छोर के सरकारी खरीददारों, विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को सार्वजनिक खरीद में शामिल करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
Posted On:
18 MAY 2022 6:42PM by PIB Delhi
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस [जीईएम], सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड [सीएससी-एसपीवी] और डाक विभाग ने अंतिम छोर के सरकारी खरीदारों की हिमायत, पहुंच, लामबंदी और क्षमता निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन [एमओयू] पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर जीईएम के सीईओ श्री पीके सिंह, सीएससी-एसपीवी के सीईओ श्री संजय कुमार राकेश और पार्सल निदेशालय, डाक विभाग के मुख्य महाप्रबंधक श्री अजय कुमार रॉय ने आज नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन की कल्पना 05 मई 2022 को जीईएम और भारतीय डाक के सफल एकीकरण के बाद की गई थी। इस एकीकरण के साथ, अब सभी सरकारी खरीदारों, विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए भारत के सुदूरवर्ती इलाकों में भारतीय डाक कार्यालय के माध्यम से जीईएम पर लॉजिस्टिक सेवाओं और सुविधाओं का लाभ उठाना संभव है।
भारत भर के लगभग 4.5 लाख से अधिक सामान्य सेवा केन्द्र [सीएससी] और लगभग 1.5 लाख से अधिक डाकघरों को खरीदार/विक्रेता पंजीकरण, उत्पाद सूची अपलोड करने और प्रबंधन, आदेश स्वीकृति, पूर्ति और बिल तैयार करने की व्यावहारिकता के साथ आखिरी छोर के सरकारी खरीदारों, विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं की सहायता के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उत्पाद की छवि की फोटोग्राफी, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स और स्पीड पोस्ट और बिजनेस पार्सल के माध्यम से पैकेज की शिपमेंट जैसी मूल्य वर्धित सेवाएं, इंडिया पोस्ट वेबसाइट के माध्यम से, ऑनलाइन, प्रिंट और कार्यालय संचार चैनलों को भी सीएससी द्वारा परिभाषित शुल्क पर वितरित किया जाएगा और डाक विभाग सीएससी और भारतीय डाकघरों के माध्यम से दी जाने वाली जीईएम सेवाएं सभी सरकारी खरीदारों, विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराएगा।
प्रतिभागियों की आवश्यकता के आधार पर सीएससी और भारतीय डाक कर्मचारियों के लिए प्रिंट और डिजिटल मीडिया में स्थानीय भाषा आधारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सीएससी-एसपीवी और डाक विभाग के परामर्श से जीईएम द्वारा विकसित किया जा रहा है। प्रशिक्षण सत्र व्यक्तिगत रूप से और सीएससी-एसपीवी द्वारा नामांकित और जिला और ब्लॉक-स्तर पर एक साथ स्थित 6,000 से अधिक सीएससी पर वर्चुअल प्रशिक्षण मोड में आयोजित किए जाएंगे, जो बदले में पंचायत स्तर के ग्राम-स्तरीय उद्यमियों [वीएलई] को जीईएम पोर्टल पर विभिन्न खरीदारों और विक्रेता कार्यों से परिचित कराने के लिए प्रशिक्षित करेंगे।
भारतीय डाक की वेबसाइट, ऑनलाइन, प्रिंट और कार्यालय संचार चैनलों के माध्यम से स्पीड पोस्ट और बिजनेस पार्सल के जरिये पैकेजिंग सामग्री और पैकेज शिपमेंट की दरों को सीएससी के साथ साझा किया जाएगा। डाक विभाग विभिन्न डाक उत्पादों और सेवाओं जैसे स्पीड पोस्ट और बिजनेस पार्सल, अर्थात्, सीएससी-एसपीवी द्वारा चरणबद्ध तरीके से नामित 6,000 से अधिक सीएससी के माध्यम से डाक विभाग की शिपमेंट पैकेजिंग नीति के अनुसार परिभाषित पैकेजिंग सामग्री का उपयोग करके माल की पैकेजिंग से संबंधित "ट्रेन-द-ट्रेनर" प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। डाक विभाग सीएससी के लिए निकटतम डाकघरों में बॉक्स, बीओपीपी टेप, बबल-रैप, फ्लायर्स और एयर बोरे सहित भारतीय डाक पैकेजिंग सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और डाक विभाग द्वारा परिभाषित मानकों के अनुसार स्पीड पोस्ट और बिजनेस पार्सल के पिकअप, ट्रांसमिशन और डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध कराएगा और जीईएम लेबल वाले पैकेजों की प्राथमिकता के आधार पर प्रोसेसिंग सुनिश्चित करेगा।
जीईएम शीर्ष प्रदर्शन करने वाले सीएससी और डाकघरों के लिए एक पुरस्कार और प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू करेगा। सबसे अधिक संख्या में i) सफल खरीदार और विक्रेता पंजीकरण, और ii) ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्पाद और सेवा कैटलॉग अपलोड करने वाले सीएससी और डाकघरों को हर वर्ष 8-9 अगस्त को नई दिल्ली में वर्ष आयोजित होने वाले वार्षिक जीईएम-सीआईआई राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद सम्मेलन [एनपीपीसी] में पुरस्कारों के माध्यम से सम्मानित किया जाएगा। जीईएम शीर्ष प्रदर्शन करने वाले सीएससी और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए सीएससी-एसपीवी और भारतीय डाक के साथ काम करेगा। "जीईएम बूट कैंप" के दौरान "जीईएम मास्टर ट्रेनर्स" के रूप में डाकघर, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में अपनी सफलता की कहानियां बनाते और साझा करते हैं, और उन्हें अपने-अपने समुदायों में जीईएम एंबेसेडर के रूप में तैयार करते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य के अलावा अंतिम-छोर के हितधारक जैसे स्थानीय निकाय, पंचायती राज संगठन, और कम-सेवा वाले विक्रेता समूह ; महिलाएं, खादी और जनजातीय उद्यमी, माइक्रो लघु उद्यम (एमएसई), स्व सहायता समूह (एसएचजी), कृषि उत्पाद संगठन [एफपीओ], स्टार्टअप, कारीगर और बुनकर, दिव्यांगजन और हुनर-हाट शिल्पकार, बांस उत्पादक और हितधारक जैसे सार्वजनिक खरीद में कॉरपोरेट्स, निजी कंपनी कॉलेज, वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान संस्थान, और विश्वविद्यालय जैसे अन्य लोगों को इस समझौता ज्ञापन से लाभ होगा।
समारोह में बोलते हुए जीईएम के सीईओ श्री पीके सिंह ने उल्लेख किया कि “ जीईएम में समावेश एक मुख्य मूल्य है, और यह साझेदारी सीएससी और भारतीय डाकघरों के ऑनलाइन और भौतिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठाएगी और कि अंतिम छोर के हितधारक तक उनका उपयोग सुनिश्चित करेगी”।
सीएससी-एसपीवी के सीईओ श्री संजय राकेश ने लगभग 4.5 लाख से अधिक और सीएससी के आत्मनिर्भर अखिल भारतीय नेटवर्क के माध्यम से ई-कॉम, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक सेवाओं के वितरण के लिए जीईएम और भारतीय डाक की सराहना की। समझौता ज्ञापन पहुंच और एक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मंच के माध्यम से अंतिम मील के सरकारी खरीदारों, कम सेवा वाले विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं तक जीईएम सेवाओं की डिलीवरी का विस्तार करेगा और, जिससे भारत के सभी नागरिकों के लिए ई-कॉम सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
डाक सेवाओं के महानिदेशक श्री आलोक शर्मा ने कहा कि "जीईएम और सीएससी-एसपीवी के साथ नई साझेदारी भारतीय डाक को जीईएम पोर्टल पर विक्रेताओं के लिए पसंदीदा लॉजिस्टिक सेवा प्रदाता के रूप में प्रेरित करेगी" जिससे 1.5 लाख से अधिक भारतीय डाकघरों में अंतिम छोर तक वास्तविक सम्पर्क के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली सेवा और ई-कॉमर्स का तेजी से वितरण सुनिश्चित हो सके।
समझौता ज्ञापन "बाजारों तक पहुंच" और "वित्त तक पहुंच" की दोहरी चुनौतियों का समाधान करेगा, जिसका सामना कम-सेवा वाले विक्रेता समूहों द्वारा किया जाएगा और स्थानीय सरकार के खरीदारों के साथ ग्रामीण भारत में अंतिम-मील उत्पादकों और सेवा-प्रदाताओं की अप्रयुक्त उद्यमशीलता ऊर्जा श्रेणीबद्ध करेगा। यह सरकार की "वोकल फॉर लोकल" और "मेक इन इंडिया" पहल के माध्यम से स्थानीय मूल्य-श्रृंखलाओं को एकीकृत करते हुए हाइपर-लोकल प्रोक्योरमेंट को बढ़ावा देगा, जिससे "आत्मनिर्भर भारत" सुनिश्चित करने के उद्देश्य को आगे बढ़ाया जा सके।
हमारे बारे में:
गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस [जीईएम]
जीईएम वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत केन्द्रीय मंत्रालयों, राज्य विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त निकायों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए स्थापित सेक्शन 8 की एक कंपनी है।
सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड [सीएससी-एसपीवी]
सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड [इसके बाद सीएससी-एसपीवी के रूप में संदर्भित], सीएससी योजना के संचालन, रोलआउट और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय [एमईआईटीवाई], भारत सरकार के तहत कंपनी कानून 1956 के तहत निगमित एक कंपनी है।
डाक विभाग [डीओपी]
संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग, भारतीय डाकघर कानून, 1898 द्वारा नियंत्रित है, और इसके मुख्य कार्यों में दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लाभार्थियों के दरवाजे तक प्रोसेसिंग, प्रेषण और मेल और पार्सल की डिलीवरी, देश भर में देश के बाहर धन भेजना और विभिन्न वित्तीय सेवाएं और प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करके वित्तीय समावेशन करना शामिल हैं।
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