विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, कश्मीर में कृषि और डेयरी क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए आपार संभावनाएं


कोरोना महामारी ने हमें अपनी घरेलू क्षमता का अहसास कराया :  डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 10 MAY 2022 8:25PM by PIB Delhi

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, एमओएस पीएमओ कार्मिक और लोक शिकायत राज्य मंत्री ने आज कहा कि कश्मीर में कृषि और डेयरी क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए अपार संभावनाएं हैं जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा, हालांकि, कोरोना महामारी ने हमें अचानक से संकट में डाला, लेकिन इसने हमें अपनी घरेलू क्षमता और समार्थ्य का अहसास भी कराया है।

वह शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) द्वारा अपने शालीमार परिसर में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

डॉ. सिंह ने कहा कि समय के साथ बीमारियां उतपन्न होती हैं और पूरा मेडिकल जगत कोविड द्वारा उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए तैयार नहीं थी। उन्होंने मेडिकल जगत के सीमित क्षमता के बावजूद चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना की।

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भारत के सफल टीकाकरण अभियान पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि भारत ने कई यूरोपीय देशों की तुलना में बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है और यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ है।

डॉ. सिंह ने एसकेयूएएसटी के अधिकारियों को महामारी की समाप्ति के तुरंत बाद इस तरह का पहला सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी लोग इस विषय से जुड़े हुए हैं और सभी किसी किसी रूप में साझेदार हैं।

डॉ. सिंह ने खुशी व्यक्त करते हुए कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने कोरोना महामारी के दौरान कुछ अग्रणी अनुसंधानों के लिए धन उपलब्ध कराया था। हम आशा करते हैं कि जैव विभाग भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा।

मंत्री ने देश के युवाओं और विशेष रूप से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के युवाओं की अपार संभावनाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सबसे तेज दिमाग की तलाश करें और उन्हें हर तरह की सहायता प्रदान करें ताकि वे वह हासिल कर सकें जिसके लिए वे प्रयास करते हैं।

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डॉ. सिंह ने कहा कि युवाओं को सरकारी नौकरियों से अलग दूसरे आजीविका के स्रोत को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप भविष्य का काम है और इसके लिए युवाओं को अपनी सोच में बदलाव के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में कुछ साल पहले कुछ सौ स्टार्ट-अप थे जिनकी संख्या अब बढ़कर लगभग 70,000 स्टार्ट-अप हो गई है।

डॉ. सिंह ने कहा कि कश्मीर जैसी जगह में कृषि और डेयरी क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं और युवाओं को इन क्षेत्रों में अपने सामने मौजूद अवसरों का मूल्यांकन करना चाहिए। उन्होंने युवाओं को अपने लिए रोजगार पैदा करने वाली इकाइयां स्थापित करने में सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

मंत्री ने कहा कि दुनिया श्री नरेन्द्र मोदी को एक वैश्विक नेता के रूप में देखने लगी है। उन्होंने कहा कि भारत के नेतृत्व में दुनिया चलने को तैयार है, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।

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