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राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को जारी जीएसटी मुआवजे की ताजा स्थिति


राज्यों को विशेषकर वर्ष 2020-21 के लिए ही जारी किया गया है 2.78 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा; वर्ष के लिए अब कुछ भी लंबित नहीं है

केंद्र ने कुल 7.35 लाख करोड़ रुपये जारी किए हैं और 78,704 करोड़ रुपये का मुआवजा केवल वर्ष 2021-22 के लिए लंबित है

Posted On: 27 APR 2022 9:33PM by PIB Delhi

जीएसटी लागू होने के समय संविधान संशोधन के तहत प्रावधान किया गया था कि संसद एक कानून के जरिए जीएसटी लागू होने के कारण होने वाले राजस्व नुकसान के लिए राज्यों को पांच साल की अवधि तक मुआवजा प्रदान करेगी। तदनुसार, ‘राज्यों को जीएसटी मुआवजा अधिनियम’ बनाया गया जिसके तहत जीएसटी में सम्मिलित करों से वर्ष 2015-16 में अर्जित कुल राजस्व की तुलना में 14% की सालाना वृद्धि न हो पाने पर राज्‍यों को मुआवजा जारी करने का प्रावधान किया गया है। यह मुआवजा उपकर दरअसल मुआवजा कोष में जमा किया जाता है और इस अधिनियम के अनुसार सभी मुआवजे का भुगतान इसी कोष से किया जाता है। वर्तमान में विभिन्‍न वस्तुओं जैसे कि पान मसाला, तंबाकू, कोयला, कार, इत्‍यादि पर उपकर लगाया जाता है।

इस कोष से वर्ष 2017-18 के लिए लगभग 49,000 करोड़ रुपये का मुआवजा जारी किया गया है, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 83,000 करोड़ रुपये एवं वर्ष 2019-20 में और भी ज्‍यादा बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये हो गया। इन तीनों वर्षों के लिए राज्यों को लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा जारी किया गया। हालांकि, राजस्व अर्जन पर कोविड से पड़े व्‍यापक प्रतिकूल प्रभावों के कारण वर्ष 2020-21 के दौरान राज्‍यों को मुआवजे की आवश्यकता काफी हद तक बढ़ गई। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्यों के पास कोविड और उससे उत्‍पन्‍न विभिन्‍न समस्‍याओं से निपटने के लिए समय पर पर्याप्त संसाधन रहें, केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये एवं वर्ष 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये उधार लिए और इसे राज्यों को सतत रूप से मुहैया कराया। वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि 1.59 लाख करोड़ रुपये की इस राशि का बड़ा हिस्‍सा पहले ही जारी हो जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्यों के पास वित्‍त वर्ष के शुरुआती महीनों में पर्याप्त संसाधन रहें।

इस ऋण राशि को ध्यान में रखते हुए राज्यों को विशेषकर वर्ष 2020-21 के लिए ही 2.78 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा जारी किया गया है और अब वर्ष 2020-21 के लिए कुछ भी लंबित नहीं है। सतत रूप से जारी सहायता राशि सहित  कुल 7.35 लाख करोड़ रुपये अब तक राज्यों को जारी किए गए हैं और वर्तमान में केवल वर्ष 2021-22 के लिए 78,704 करोड़ रुपये का मुआवजा इस कोष में अपर्याप्त राशि होने के कारण लंबित है, जो चार माह के मुआवजे के बराबर है।

आम तौर पर किसी भी वित्त वर्ष के अप्रैल से जनवरी तक के दस माह का मुआवजा उसी वित्‍त वर्ष के दौरान जारी कर दिया जाता है और फरवरी-मार्च का मुआवजा अगले वित्त वर्ष में ही जारी किया जाता है। जैसा कि पहले बताया गया है, वित्‍त वर्ष 2021-22 के दस महीनों में से आठ माह का मुआवजा राज्यों को पहले ही जारी किया जा चुका है। जैसे ही उपकर से प्राप्‍त राशि मुआवजा कोष में जमा हो जाएगी, राज्‍यों को यह लंबित मुआवजा रकम भी जारी कर दी जाएगी।

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