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श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कोचीनशिपयार्ड द्वारा समुद्री स्टार्ट-अप में 50 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की, पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन वाले इलेक्ट्रिक जहाज के निर्माण की योजना का अनावरण किया

Posted On: 30 APR 2022 6:31PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज कोच्चि में घोषणा की कि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने समुद्री क्षेत्र में लगी स्टार्ट-अप कंपनियों में 50 करोड़ रुपये का प्रारंभिक कोष निवेश करने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है। श्री सोनोवाल ने मैरीटाइम ग्रीन ट्रांज़िशन के साथ तालमेल रखते हुए इसके लिए ग्लोबल हाइड्रोजन फ्यूल इलेक्ट्रिक वेसल्स का निर्माण करने की सरकार की योजना का भी अनावरण किया। यह कदम हरित ऊर्जा, किफायती स्थायी वैकल्पिक ईंधन के क्षेत्र में नवोन्‍मेष और नई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के परिवर्तनकारी प्रयासों का हिस्सा है।

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कोच्चि में आज दोपहर आयोजित एक समारोह में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन के अवसर पर स्टार्ट-अप कार्य ढांचे की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के विकास पर ध्यान केन्‍द्रित कर रही है। कई प्रमुख पहल, जैसे "स्टार्ट-अप इंडिया" आदि ने देश में कई स्टार्ट-अप के विकास को सुगम बनाया है। उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में स्टार्ट-अप के विकास की दिशा में मंत्रालय एक स्टार्ट-अप एनगेजमेंट फ्रेमवर्क पर काम कर रहा है- जिसे शीघ्र ही लागू किया जाएगा।

स्टार्ट-अप ढांचे की परिकल्पना हितधारकों को एक साथ लाकर तकनीकी, नियामक, वित्तीय और विपणन की दृष्टि से समुद्री स्टार्ट-अप की सहायता के लिए देश में एक इकोसिस्‍टम विकसित करने के लिए सरकार की पहल को बढ़ाने के लिए की गई है। यह ढांचा कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता के साथ मैरीन स्‍पेस में उत्पादों/सेवाओं को विकसित करने के लिएयुवाओं और प्रतिभाशाली उद्यमियों कोएक मंच प्रदान करेगा।

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बंदरगाह,जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर, विदेश और संसदीय कार्य राज्य मंत्रीश्री वी. मुरलीधरनकोच्चि के मेयर एडवोकेट अनिल कुमार, एर्नाकुलम के विधायक श्री टी.जे. विनोदएमओपीएसडब्ल्यू में सचिव आईएएस डॉ. संजीव रंजन, सीएसएल के सीएमडी श्री मधु एस. नायर,सीएसएल के वरिष्ठ अधिकारी, वर्तमान और पूर्व कर्मचारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस समारोह में शामिल हुए, जिसकी अध्यक्षता एर्नाकुलम के सांसद श्री हिबी ईडन ने की।

श्री सोनोवाल ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के साथ संयुक्त रूप से मंत्रालय द्वारा ग्रीन शिपिंग पर आयोजित कार्यशाला में ग्लोबल मैरीटाइम ग्रीन ट्रांजिशन के साथ हाइड्रोजन फ्यूल इलेक्ट्रिक वेसल्स के निर्माण की सरकार की योजना का भी शुभारंभ किया। यह कदम हरित ऊर्जा, स्थायी किफायती वैकल्पिक ईंधन के मोर्चे पर नवोन्‍मेषी और नई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के परिवर्तनकारी प्रयासों का हिस्सा है।

 

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हाइड्रोजन ईंधन सेल का उपयोग परिवहन, वस्‍तुओं के संचालन, स्थिर, पोर्टेबल, और आपातकालीन बैकअप पावर एप्‍लीकेशनों सहित एप्‍लीकेशनों की एक विस्तृत श्रृंखला में किया जा सकता है। हाइड्रोजन ईंधन पर चलने वाले ईंधन सेल एक प्रभावी, पर्यावरण के अनुकूल, शून्य उत्सर्जन, डायरेक्‍ट करेंट पावर स्रोत है जो पहले से ही अत्‍यधिक टिकाऊ बस, ट्रक और ट्रेन एप्‍लीकेशनोंमें पहले से ही प्रयोग में लाया जा रहा हैऔर अब समुद्री एप्‍लीकेशनों केलिए उनमें सुधार किया जा रहा है।

श्री सोनोवाल ने कहा कि इस परियोजना को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड भारतीय भागीदारों के सहयोग से पूरा करेगी और इस संबंध में जमीनी कार्य पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने ऐसे जहाजों के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल, पावर ट्रेन और इंडियन रजिस्‍टर ऑफ शिपिंग फॉर डेवलपिंग रुल्‍स एंड रेगुलेशन के क्षेत्रों में केपीआईटी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और भारतीय डेवलपर्स के साथ भागीदारी की है। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल वेसल कम तापमान प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन टेक्नोलॉजी (एलटी-पीईएम) पर आधारित हैं, जिसे फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वेसल (एफसीईवी) कहा जाता है, की जिसकी लागत लगभग 17.50 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसमें से 75 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। श्री सोनोवाल ने अपने अस्तित्व के लिए धरती मां की सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने घोषणा की कि भारत एक स्थायी और स्वच्छ पर्यावरण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है और भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में प्रमुख भूमिका निभाने के कारण "एक सूर्य - एक विश्व - एक ग्रिड" पहल का आह्वान किया था।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तटीय और अंतर्देशीय जहाजों के खंड में मौजूद विशाल अवसरों का दोहन करने के लिए हाइड्रोजन ईंधन वाले इलेक्ट्रिक वेसल्स के विकास को देश के लिए एक लॉन्चपैड के रूप में माना जाता है। इस परियोजना से 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी लक्ष्‍य को प्राप्त करने और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुपालन में राष्ट्र के प्रयासों के बढ़ने की उम्मीद है जिससे अंतरराष्ट्रीय शिपिंग की कार्बन तीव्रता 2030 तक कम होकर 40 प्रतिशत और 2050 तक 70 प्रतिशत कम करने की परिकल्पना है।

सत्र में बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू), श्री शांतनु ठाकुर, एमओपीएसडब्ल्यू में सचिव डॉ. संजीव रंजन, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत(टीईआरआई)की महानिदेशक डॉ. विभा धवन, ग्लोबल पार्टनरशिप एंड प्रोजेक्ट्स के प्रमुख श्री जोस मथीकल, आईएमओ कंट्री डायरेक्‍टर इनोवेशन नॉर्वे श्री क्रिश्चियन वाल्डेस कार्टरऔर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के सीएमडी श्री मधु एस. नायर एंवअन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

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