आईएफएससी प्राधिकरण

आईएफएससीए ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) इकाई के लिए रूपरेखा जारी किया

Posted On: 27 APR 2022 3:29PM by PIB Delhi

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों को विकसित और विनियमित करने और आईएफएससी में बैंकिंग, बीमा, प्रतिभूतियों और फंड प्रबंधन के पूरे क्षेत्र में वित्तीय प्रौद्योगिकियों ('फिनटेक') के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के अपने उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए आईएफएससी में फिनटेक इकाई के लिए एक विस्तृत रूपरेखा (फ्रेमवर्क)" जारी किया है।

"आईएफएससी में फिनटेक इकाई के लिए रूपरेखा" का उद्देश्य अन्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों (आईएफसी) के साथ तुलनात्मक स्तर पर जीआईएफटी आईएफएससी में एक विश्व स्तरीय फिनटेक केंद्र की स्थापना को बढ़ावा देना है। इस रूपरेखा में (i) वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) समाधानों जिसके परिणामस्वरूप आईएफएससीए द्वारा विनियमित वित्तीय सेवाओं से जुड़े क्षेत्रों/गतिविधियों में नए व्यवसाय मॉडल, अनुप्रयोग, प्रक्रिया या उत्पाद सामने आएंगे और (ii) उन्नत/अभिनव तकनीकी समाधानों जो वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों (टेकफिन) से जुड़ी गतिविधियों में सहायता करेंगे, को शामिल करने का प्रस्ताव है।

यह रूपरेखा फिनटेक उत्पादों या समाधानों के लिए एक समर्पित विनियामक सैंडबॉक्स उपलब्ध कराता है, जिसका नाम आईएफएससीए फिनटेक विनियामक सैंडबॉक्स है और आईएफएससी में योग्य वित्तीय प्रौद्योगिकी संस्थाओं को फिनटेक विनियामक सैंडबॉक्स के भीतर सीमित उपयोग का अधिकार प्रदान करने के लिए आईएफएससीए को सशक्त बनाता है। यह उन्हें आईएफएससीए फिनटेक प्रोत्साहन योजना 2022 के तहत आवेदन करने और अनुदान प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।

इसके अलावा, यह उन वर्गों/श्रेणियों में आने वाली प्रौद्योगिकी कंपनियों को भी सक्षम बनाता है जिनके पास (i) परिनियोजन योग्य उन्नत/अभिनव प्रौद्योगिकी समाधान हो जो वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं, वित्तीय संस्थानों से संबंधित गतिविधियों में सहयोग कर सके और (ii) विनियामक सैंडबॉक्स में जाए बिना आईएफएससीए द्वारा सीधे प्रवेश (आईएफएससीए द्वारा प्राधिकृत) प्राप्त करने के लिए वित्तीय प्रदर्शन सहित भरोसेमंद ट्रैक रिकॉर्ड हो।

इस रूपरेखा में इंटर ऑपरेशनल रेगुलेटरी सैंडबॉक्स (आईओआरएस) तंत्र भी शामिल है। आईओआरएस एक से अधिक वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों के विनियामक दायरे में आने वाले नवीन हाईब्रिड वित्तीय उत्पादों/सेवाओं के परीक्षण की सुविधा के लिए एक प्रस्तावित व्यवस्था है। आईएफएससीए विदेशी बाजारों तक भारतीय फिनटेक की पहुंच और विदेशी फिनटेक की भारत के बाजारों में प्रवेश की मांग को पूरा करने में जरूरी सुविधा प्रदान करेगा।

इस रूपरेखा में एक नियामक रेफरल तंत्र का प्रस्ताव है जो समझौता ज्ञापन (एमओयू) या आईएफएससीए और संबंधित विदेशी नियामकों के बीच सहयोग या विशेष व्यवस्था के प्रावधानों के अनुसार काम करेगा।

आईएफएससीए फिनटेक फर्मों को अवधारणा के प्रमाण (पीओसी), न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (एमवीपी), प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण, व्यावसायीकरण और वैश्विक बाजार तक पहुंच आदि में मदद करने का प्रयास करता है।

जीआईएफटी-आईएफएससी को भारत के भीतर एक अलग वित्तीय क्षेत्राधिकार है जिसे फेमा के नजरिए से एक अपतटीय क्षेत्राधिकार के रूप में माना जाता है, जिसमें मुद्रा परिवर्तनीयता पर कोई प्रतिबंध नहीं है। आईएफएससीए द्वारा जारी यह रूपरेखा आईएफएससी में बैंकिंग, पूंजी बाजार, बीमा और कोष प्रबंधन के लिए एक एकीकृत विनियामक है जो बैंकिंग, पूंजी या बीमा क्षेत्र में नवीन विचारों या समाधान रखने वाली फिनटेक फर्मों को एकल नियामक के साथ सहज कामकाज करने में सक्षम बनाएगा।

आईएफएससीए की इस विस्तृत रूपरेखा को https://ifsca.gov.in/Viewer/Index/292 पर देखा जा सकता है

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