पंचायती राज मंत्रालय

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा किया


सांबा जिले की पल्ली पंचायत से देश भर की सभी ग्राम सभाओं को संबोधित किया

"इस बार का पंचायती राज दिवस, जम्मू कश्मीर में मनाया जाना, एक बड़े बदलाव का प्रतीक है"

"ग्राम पंचायतें ‘सबका प्रयास' के माध्यम से कुपोषण से निपटने में अहम भूमिका निभाएंगी"

केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने पंचायतों से आह्वान किया कि वे सशक्तिकरण, जन भागीदारी, पारदर्शिता और तकनीक के उपयोग के माध्यम से लोक कल्याण सुनिश्चित करें

Posted On: 24 APR 2022 9:19PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले की पल्ली ग्राम पंचायत का दौरा किया और वहां से देश भर की सभी ग्राम सभाओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने लगभग 20,000 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने अमृत सरोवर पहल का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह, डॉ जितेंद्र सिंह और श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को स्वामित्व कार्ड सौंपे। उन्होंने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर उन पंचायतों को 44.70 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि भी अंतरित की, जो राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए विभिन्न श्रेणियों में दिए गए पुरस्कारों की विजेता हैं। मंच पर पहुंचने से पहले, प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले की पल्ली ग्राम पंचायत के सरपंच और पंच (पंचों) के साथ बातचीत की, जहां पल्ली ग्राम पंचायत के सरपंच श्री रणधीर शर्मा द्वारा पंचायत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनी मैदान में विभिन्न विषयों से जुड़े स्टॉलों का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने इंटेक फोटो गैलरी और भारत में आदर्श स्मार्ट गांव बनाने के लिए डिजाइन किए गए एक ग्रामीण उद्यमिता-आधारित मॉडल नोकिया स्मार्टपुर को भी देखा, जिसमें क्षेत्र की ग्रामीण विरासत को दर्शाया गया है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके उत्साह के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस राज्य के साथ अपने लंबे जुड़ाव के कारण उन्हें यहां की समस्याओं की समझ है और उन्होंने आज परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास में कनेक्टिविटी की ओर ध्यान केंद्रित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, “यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20 हज़ार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। जम्मू-कश्मीर के विकास को नई रफ्तार देने के लिए राज्य में तेजी से काम चल रहा है। इन प्रयासों से बहुत बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोजगार मिलेगा।उन्होंने कहा कि आज अनेक परिवारों को गांवों में उनके घर के प्रॉपर्टी कार्ड भी मिले हैं। ये स्वामित्व कार्ड गांवों में नई संभावनाओं को प्रेरित करेंगे। 100 जनऔषधि केंद्र जम्मू-कश्मीर के गरीब और मिडिल क्लास को सस्ती दवाएं, सस्ता सर्जिकल सामान देने का माध्यम बनेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाएं जम्मू-कश्मीर में लागू की जा रही हैं और लोगों को उनका लाभ मिल रहा है। एलपीजी, शौचालय, बिजली, भूमि अधिकार और पानी के कनेक्शन की योजनाओं से गांव के लोग सबसे अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। मंच पर पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास की नई कहानी लिखी जा रही है और कई निजी निवेशक जम्मू-कश्मीर में रुचि रखते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 7 दशकों में जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 17 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश हो सका। लेकिन अब यह धनराशि 38,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है। पर्यटन भी एक बार फिर फल-फूल रहा है।

उन्होंने कहा कि पल्ली ग्राम पंचायत के सभी घरों में सौर ऊर्जा प्राप्त करना ग्राम ऊर्जा स्वराज का एक आदर्श उदाहरण है और काम करने का बदला हुआ तरीका जम्मू-कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। श्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंचों पर भारत के नेतृत्व के बारे में चर्चा की और पल्ली ग्राम पंचायत द्वारा पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “पल्ली ग्राम पंचायत देश की पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने की ओर अग्रसर है। आज मुझे पल्ली गांव में, देश के गांवों के जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत करने का मौका मिला है। इस बड़ी उपलब्धि और विकास कार्यों के लिए जम्मू-कश्मीर को बहुत-बहुत बधाई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि "इस बार का पंचायती राज दिवस, जम्मू कश्मीर में मनाया जाना, एक बड़े बदलाव का प्रतीक है।" श्री मोदी ने गहरा संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ये बहुत ही गर्व की बात है कि लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर में ग्रास रूट तक पहुंचा है। लोकतंत्र ने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर पहुंच बनाई है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "बात लोकतंत्र की हो या संकल्प विकास का, आज जम्मू-कश्मीर नया उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। बीते 2-3 सालों में जम्मू-कश्मीर में विकास के नए आयाम बने हैं।" जम्मू-कश्मीर में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था- ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव हो चुके हैं।

अपने दृष्टिकोण 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैं एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात करता हूं, तब हमारा फोकस कनेक्टिविटी पर होता है, दूरियां मिटाने पर भी होता है। दूरियां चाहे दिलों की हो, भाषा-व्यवहार की हो या फिर संसाधनों की, इनको दूर करना आज हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री ने देश के विकास में पंचायतों की भूमिका के बारे में चर्चा करते हुए कहा "आजादी का ये अमृतकालभारत का स्वर्णिम काल होने वाला है। ये संकल्प सबका प्रयास से सिद्ध होने वाला है। इसमें लोकतंत्र की सबसे ज़मीनी ईकाई, ग्राम पंचायत की, आप सभी साथियों की भूमिका बहुत अहम है।उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की कोशिश यही है कि गांव के विकास से जुड़े हर प्रोजेक्ट को तैयार करने, उसके अमल में पंचायत की भूमिका ज्यादा हो। उन्होंने कहा, “इससे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में पंचायत अहम कड़ी बनकर उभरेगी।

जल निकायों का कायाकल्प सुनिश्चित करने की दृष्टि से, प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर नामक एक नई पहल का भी शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के रूप में देश के प्रत्येक जिले में 75  जलाशयों का विकास और कायाकल्प करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त, 2023 तक हर जिले में 75 सरोवर बनकर तैयार हो जाएंगे। उन्होंने आग्रह किया कि इन सरोवरों को शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर पेड़ों से सजाया जाए।

श्री मोदी ने ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और सशक्तिकरण पर जोर देने के बारे में भी विस्तार से बताया। ई-ग्राम स्वराज जैसे उपायों द्वारा योजना से लेकर भुगतान तक की प्रक्रियाओं को जोड़ा जा रहा है। पंचायतों का ऑनलाइन ऑडिट किया जाएगा और सभी ग्राम सभाओं के लिए नागरिक चार्टर की एक प्रणाली सभाओं को कई भूमिकाएं निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने इन संस्थानों और ग्राम शासन विशेषकर जल प्रशासन में महिलाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि धरती मां को कैमिकल से मुक्त करना ही होगा, क्योंकि यह भूमि और भूजल को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि इसलिए प्राकृतिक खेती की तरफ हमारा गांव, हमारा किसान बढ़ेगा तो पूरी मानवता को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के स्तर पर कैसे प्राकृतिक खेती को हम प्रोत्साहित कर सकते हैं, इसके लिए भी सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। इसी तरह, ग्राम पंचायतों को सबका प्रयासके साथ एक और काम भी करना होगा। उन्होंने कहा, “कुपोषण से, अनीमिया से, देश को बचाने का जो बीड़ा केंद्र सरकार ने उठाया है उसके प्रति जमीनी स्तर पर लोगों को जागरूक भी करना है। अब सरकार की तरफ से जिन योजनाओं में भी चावल दिया जाता है, उसको फोर्टिफाइड किया जा रहा है।

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के संबंध में संवैधानिक सुधारों की शुरुआत के बाद से, सरकार ने अभूतपूर्व गति से शासन में सुधार और क्षेत्र के लोगों के लिए जीवन की सुगमता बढ़ाने के लिए व्यापक सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है। जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया और जिनका शिलान्यास किया गया, वे बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान को सुगम बनाने, गतिशीलता में आसानी और क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने में एक लंबा सफर तय करेंगे।

प्रधानमंत्री ने 3100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी बनिहाल काजीगुंड सड़क सुरंग का लोकार्पण किया। 8.45 किमी लंबी सुरंग बनिहाल और काजीगुंड के बीच सड़क की दूरी को 16 किमी कम कर देगी और यात्रा के समय को लगभग डेढ़ घंटे तक कम कर देगी। यह एक दोहरी ट्यूब सुरंग है - प्रत्येक दिशा की यात्रा के लिए एक-एक, रख-रखाव और आपातकालीन निकासी के लिए दोहरी ट्यूबों को हर 500 मीटर पर एक क्रॉस मार्ग से जोड़ दिया गया है। यह सुरंग जम्मू-कश्मीर के बीच हर मौसम में संपर्क स्थापित करने के साथ-साथ दोनों क्षेत्रों को करीब लाने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री ने दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के तीन रोड पैकेजों का शिलान्यास किया, जो कि 7500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रहे हैं। वे राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बाल्सुआ से गुरहाबैलदारन, हीरानगर; गुरहाबैलदारन, हीरानगर से जाख, विजयपुर; और जाख, विजयपुर से कुंजवानी, जम्मू तक जम्मू हवाई अड्डे से स्पर कनेक्टिविटी के साथ दिल्ली-कटरा-अमृतसर एक्सप्रेसवे पर नियंत्रित पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से 4/6 लेन वाली सड़कों के निर्माण से संबंधित हैं।

प्रधानमंत्री ने रतले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर लगभग 5,300 करोड़ रुपये की लागत से 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना का निर्माण किया जाएगा। 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना भी किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर 4500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई जाएगी। दोनों परियोजनाओं से क्षेत्र में बिजली की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

जम्मू-कश्मीर में जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क का और विस्तार करने व सस्ती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए, प्रधानमंत्री द्वारा 100 केंद्रों को चालू किया और राष्ट्र को समर्पित किया गया है। ये केंद्र केंद्र-शासित प्रदेश के सुदूर कोनों में स्थित हैं। वह पल्ली में 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन करेंगे, जो इसे कार्बन न्यूट्रल बनने वाली देश की पहली पंचायत बना देगा।

जम्मू-कश्मीर में पल्ली ग्राम पंचायत से पंचायतों एवं ग्राम सभा को संबोधित करते हुए केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने पंचायतों को सशक्तिकरण, जन भागीदारी, पारदर्शिता और तकनीक के उपयोग के माध्यम से लोक कल्याण को सुनिश्चित करने का आह्वान किया और इस संकल्प को दोहराते हुए कहा कि हम सब मिलकर इसे साकार करेंगे।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में कहा कि मिशन 1 लाख का लक्ष्य 10 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ना रखा गया है। स्वामित्व और डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) जैसी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाई जा रही है। गांवों को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाकर भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकता है।

केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने सशक्त पंचायत बनाने के लिए टाउन प्लानिंग की तरह ही पंचायतों का मास्टर प्लान तैयार करने की आवश्यकता पर जोर देत हुए सुझाव दिया संशोधित आरएडीपीएफआई दिशानिर्देश के जरिए सामाजिक आधारभूत संरचना, आर्थिक गतिविधि, सड़क और परिवहन नेटवर्क आदि जैसी विकास से जुड़ी प्रक्रिया को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने पंचायतों से समग्र और समावेशी विकास की अवधारणा विकसित करने व विकास प्रक्रिया में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। जन भागीदारी से पंचायत विकास योजना बनाने की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुई है और जन योजना अभियान का महत्व देश के विभिन्न भागों में प्रत्यक्ष रूप से दिखता है।

अपने संबोधन में, श्री गिरिराज सिंह ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ग्राम सभा के मंच का इस्तेमाल करने, ई-ग्राम स्वराज के अनुप्रयोगों का उपयोग करने और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण का उपयोग कर पंचायतों के कामकाज में और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाने में दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।

सशक्त और स्थायी पंचायतों को बनाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को ग्रामीण भारत के संदर्भ में नौ विषयगत लक्ष्यों की पहचान करके आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। श्री गिरिराज सिंह ने पंचायतों को निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त करने का संकल्प लेकर प्रगति और सतत विकास की राह पर आगे बढ़ने का आह्वान किया- (i) गरीबी मुक्त और संवर्धित आजीविका वाला गांव (विषय 1)  (ii) स्वस्थ गांव (विषय 2)  (iii) बच्चों के अनुकूल गांव  (विषय 3) (iv) पर्याप्त मात्रा में जल वाला गांव (विषय-4)  (v) स्वच्छ एवं हरित गांव (विषय 5) (vi) बुनियादी ढांचे के मामले में आत्मनिर्भर गांव (विषय 6) (vii) सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव (विषय 7) (viii) सुशासन वाला गांव (विषय 8) (ix) गांव में विकास पर जोर (विषय 9)।

ग्रामीण क्षेत्रों में हरित ऊर्जा की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के 500 जीडब्ल्यू (गीगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के सपने को 2030 तक पूरा करने में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसके लिए ग्राम ऊर्जा स्वराज अभियान की दिशा में आगे बढ़ने का सुझाव दिया।

स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन के बाद ग्रामीण भारत में सकारात्मक बदलाव के संबंध में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि लगभग 1.3 लाख गांवों में ड्रोन से सर्वेक्षण किया गया है और 15 लाख पार्सल का डिजिटलीकरण किया गया है। श्री गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र के वक्तव्य कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटेको साकार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि हम एक ऐसा ग्रामीण भारत बनाना चाहते हैं जिसमें शहरों जैसी सुविधाएं उपलब्ध हों और लोगों को नौकरियों के लिए शहरों की ओर न जाना पड़े तथा सभी के लिए व्यापक स्तर पर समृद्धि और समान अवसर उपलब्ध होंगे।

उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री (डॉ.) जितेंद्र सिंह ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखी तथा जम्मू-कश्मीर में प्रगति व समृद्धि के संबंध में अपने विचार, दृष्टिकोण और भविष्य के रोडमैप को सामने रखा। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को बधाई दी।

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाने के लिए देश भर में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया और देश भर में ग्राम सभाओं व पंचायतों में प्रधानंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण/वेबकास्ट देखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई। पुरस्कार प्राप्त करने वाली पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान करने के लिए राज्य और जिला मुख्यालय स्तर पर पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किए गए।

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