वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ हस्ताक्षरित हालिया व्यापार समझौतों को लोगों ने सराहा है और किसी भी क्षेत्र से कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है- श्री पीयूष गोयल
श्री पीयूष गोयल ने निर्यातकों से गुणवत्ता पर कोई समझौता न करने का आग्रह किया, देश में गुणवत्ता संस्कृति को कमजोर न होने देने के लिए आगाह किया
नए बाजार विकसित करने के लिए भारत के ईपीसी और एमएसएमई को अन्य देशों के साथ सक्रिय तौर पर जुड़ना चाहिए- श्री गोयल
प्रधानमंत्री गतिशक्ति से देश में 'संपूर्ण सरकार' की संस्कृति विकसित हो रही है - श्री गोयल
इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात में सालाना आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जो लगभग 111 अरब डॉलर तक पहुंच गया है
Posted On:
13 APR 2022 9:50PM by PIB Delhi
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ हाल में हस्ताक्षरित व्यापार समझौतों को लोगों ने काफी सराहा है और किसी भी क्षेत्र से कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
वह आज नई दिल्ली में भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद के 51वें राष्ट्रीय निर्यात पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे।
श्री गोयल ने कहा कि हमारे निर्यात समुदाय ने निर्यात में शानदार उपलब्धि के साथ भारत को गौरवान्वित किया है।
यह बताते हुए कि निर्यात भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, उन्होंने कहा कि हमारे निर्यातकों को सम्मानित करना और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को मान्यता देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार समारोह का आयोजन इससे बेहतर समय पर नहीं हो सकता था क्योंकि भारत फिलहाल निर्यात के मोर्चे पर अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन का जश्न मना रहा है। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और उद्यमिता, कड़ी मेहनत, नियोजन एवं प्रबंधन कौशल में उनकी उत्कृष्टता की सराहना की।
श्री गोयल ने कहा कि भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) ने अभूतपूर्व काम किया है और वह एक मॉडल निर्यात संवर्द्धन परिषद है। उन्होंने निर्यात प्रोत्साहन के अलावा प्रौद्योगिकी उन्नयन, गुणवत्ता, प्रमाणन सहित क्षमता निर्माण में उद्योग के साथ लगातार काम करने के लिए ईईपीसी इंडिया की सराहना की।
श्री गोयल ने निर्यातकों से आग्रह किया कि वे गुणवत्ता के मोर्चे पर कोई समझौता न करने का रुख अपनाएं। उन्होंने कहा कि एक देश के तौर पर हमें गुणवत्ता और उत्पादकता पर ध्यान देना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि गुणवत्ता के मामले में हम दुनिया में किसी से पीछे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हर बार अच्छी गुणवत्ता पर जोर दिया जाना चाहिए। श्री गोयल ने कहा कि हमें देश में अलग-अलग गुणवत्ता वाले दो तरह के उत्पाद नहीं बनाना चाहिए। गुणवत्ता मानक स्पष्ट, एकसमान और सख्त होने चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि हमें देश में गुणवत्ता संस्कृति को कमजोर नहीं होने देना चाहिए।
श्री गोयल ने कहा कि निर्यात लक्ष्य केवल शीर्ष स्तर पर निर्धारित नहीं किए गए थे बल्कि उसके लिए निर्यात संवर्धन परिषद सहित सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया गया था।
श्री गोयल ने कहा कि सरकार की भूमिका व्यापार को सुगम बनाने की है न कि उसमें व्यवधान डालने की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने, अनुपालन बोझ में कमी लाने, गैर-अपराधीकरण आदि पर जोर दे रहे हैं ताकि कारोबार के फलने-फूलने के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम गतिशक्ति से देश में संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण वाली संस्कृति विकसित हो रही है।
श्री गोयल ने कहा कि दुनिया अब भारत जैसे विश्वसनीय भागीदार के साथ जुड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि भारत ने आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए ईपीसी एवं एमएसएमई के साथ बड़े प्रतिनिधिमंडल को संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया भेजे थे ताकि व्यापार से व्यापार संबंधों का निर्माण हो सके और श्रम बहूल क्षेत्रों के लिए बाजार विकसित करने में मदद मिल सके। मंत्री ने कहा कि दुनिया भर में भारतीय मिशनों को व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी आदि को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने का निर्देश दिया गया है।
श्री गोयल ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए का विभिन्न हितधारकों ने स्वागत किया है और किसी भी क्षेत्र या एक हितधारक ने कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह रेखांकित करते हुए कि हाल ही में समाप्त हुए एफटीए के तहत भारतीय वस्तुओं को शून्य शुल्क पहुंच प्रदान की गई थी, श्री गोयल ने कहा कि इससे भारतीय फार्मा क्षेत्र को उल्लेखनीय लाभ हुआ है।
मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि भारत प्रतिस्पर्धा से नहीं डरता बल्कि वह गुणवत्ता और लागत पर किसी भी देश के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात हासिल करने की क्षमता है। उन्होंने पूरी दुनिया में, विशेष रूप से अफ्रीकी संघ के देशों में समान विचारधारा वाले देशों के साथ मजबूत साझेदारी करने का आह्वान किया।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमें श्रम कानूनों सहित अपने कानूनों में सुधार करना चाहिए और समकालीन एवं आधुनिक कानूनी ढांचे के तहत काम करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने निर्यातकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे सपनों को पंख होने चाहिए और हमारे पास उड़ान भरने का इरादा, साहस और आत्मविश्वास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूरदृष्टि और नेतृत्व कौशल के साथ सामान्य लोग भी असाधारण परिणाम दे सकते हैं। उच्च लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ईईपीसी के पास असाधारण प्रदर्शन, प्रतिभा एवं कौशल, युवा शक्ति और ज्ञान एवं अनुभव के लिए मंशा, नेतृत्व, आत्मविश्वास एवं इच्छा शक्ति है।
गौरतलब है कि भारत का वस्तु निर्यात 419 बिलियन अमरीकी डालर के पार पहुंच गया है जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। इसी प्रकार सेवाओं का निर्यात भी 250 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मंत्री ने कहा कि पिछला सर्वाधिक मूल्य 213 बिलियन अमरीकी डॉलर था जिसे 2019-20 में हासिल किया गया था।
गौरतलब है कि भारत के 400 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक के निर्यात में इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात का हिस्सा 25 प्रतशत से अधिक है। पहली बार इंजीनियरिंग निर्यात एक महीने (मार्च 2022) में लगभग 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र ने वैश्विक महामारी में जबरदस्त लचीलापन दिखाया और उसके बाद काफी तेजी से सुधार दर्ज किया। इसने 2021-22 में सालाना आधार पर 45 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए लगभग 111 बिलियन अमरीकी डॉलर को छू लिया।
श्री गोयल ने आगाह किया कि उपरोक्त उपलब्धियां वास्तव में पूरे देश के लिए जश्न का विषय है लेकिन हमें आत्मसंतुष्टि की कोई गुंजाइश नहीं छोड़नी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसे ऊंचाई तक पहुंचने के लिए सीढ़ी पर एक कदम ऊपर चढने के रूप में देखा जाना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया के साथ हस्ताक्षरित आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते (ईसीटीए) का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि एक दशक के बाद किसी विकसित देश के साथ हुआ यह पहला समझौता है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से वार्ता के साथ होने वाला द्विपक्षीय एफटीए है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ, इजराइल आदि के साथ एफटीए वार्ता चल रही है और जल्द ही खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के साथ शुरू होने की उम्मीद है।
श्री गोयल ने आश्वस्त किया कि एफटीए वार्ता अब साइलो में नहीं की जा रही है बल्कि हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के साथ की जा रही है।
34 उत्पाद समूहों के 111 निर्यातकों ने 7 श्रेणियों में ईईपीसी इंडिया नेशनल अवार्ड 2018-19 प्राप्त किया। पुरस्कार विजेताओं में बीएचईएल, नाल्को, एचएएल, टाटा मोटर्स, आरआईएनएल जेएसडब्ल्यू स्टील, तोशिबा, टोयोटा किर्लोस्कर, भारत फोर्ज और बजाज ऑटो शामिल थे।
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