विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम प्रयोगों के लिए सार्वभौमिक प्रोग्राम योग्य सेटअप प्रदान करने वाली मौलिक भौतिकी का परीक्षण करने में मदद कर सकते हैं

Posted On: 13 APR 2022 2:32PM by PIB Delhi

क्वांटम कंप्यूटरों के आमतौर पर ज्ञात उपयोग से परे जाकर - विशिष्ट  कंप्यूटरों की तुलना में कुछ कार्यों को तेजी से तेज गति से करते हुए, वैज्ञानिकों ने पहली बार एक अनूठे उद्देश्य के लिए क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग किया है। उन्होंने नए युग के कंप्यूटरों का उपयोग सीधे उस सिद्धांत की नींव का परीक्षण करने के लिए किया है जिस पर उनका काम आधारित है।

क्वांटम यांत्रिकी किसी भी भौतिक सिद्धांत की तरह प्रयोगों पर आधारित है। इसका अर्थ यह है कि प्रयोगों का उपयोग कुछ स्वयंसिद्ध तथ्यों  को सही ठहराने के लिए किया जाता है जिससे पूर्ण सिद्धांत को तार्किक रूप से निकाला जा सकता है। जबकि वैज्ञानिक समुदाय का एक बड़ा वर्ग क्वांटम कंप्यूटिंग अनुप्रयोगों के लिए उपकरणों के निर्माण में व्यस्त  रहता  है,  वहीं एक अलग समुदाय को क्वांटम सिद्धांत के मौलिक पहलुओं के सटीक परीक्षणों में जुटा रहता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) के वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक सहयोगी शोध में क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग क्वांटम सिद्धांत के उन मूलभूत पहलुओं के कुछ सटीक परीक्षण करने के लिए किया है जिसे सॉर्किन और पेरेस परीक्षण कहा जाता है। पहला क्वांटम यांत्रिकी के संभाव्य पहलू का एक परीक्षण है जो किन्हीं घटनाओं की संभावनाओं की गणना करने में मदद करता है जबकि दूसरा सुपरपोजिशन सिद्धांत के एक पहलू का परीक्षण है, जो इस तथ्य को व्यक्त करता है कि क्वांटम ऑब्जेक्ट तरंगों के रूप में व्यवहार कर सकते हैं -  जैसे दो पत्थरों को एक तालाब में फेंकना एक तरंग पैटर्न देता है जो दो तरंगों का योग होता है।

जनवरी 2020 में आरआरआई बंगलुरू द्वारा आयोजित क्वांटम फ्रंटियर्स एंड फंडामेंटल्स (क्यूएफएफ 2020) सम्मेलन के दौरान आरआरआई बंगलुरू की  प्रोफेसर उर्वशी  सिन्हा और पाविया विश्वविद्यालय, इटली के सम्मेलन प्रतिनिधि प्रो लोरेंजो मैककोन के बीच एक चर्चा के माध्यम से परस्पर सहयोगात्मक कार्य शुरू हुआ। अगले दो वर्षों में प्रो. सिन्हा ने क्वांटम यांत्रिकी के सटीक परीक्षणों के क्षेत्र में लंबे समय से विशेषज्ञता और योगदान के साथ, अपने शोध पश्चात कार्य के  बाद क्वांटम सूचना सिद्धांत के विशेषज्ञ प्रो मैककोन के साथ क्वांटम कंप्यूटर पर प्रयोग करने की संभावना का पता लगाया।

फिजिकल रिव्यू रिसर्च  पत्रिका में एक त्वरित  संचार पत्र के रूप में प्रकाशित शोध में महत्वपूर्ण क्वांटम सिद्धांतों के परीक्षण करने के लिए क्वांटम कंप्यूटर के उपयोग से भौतिकी समुदाय के लिए एक पूरी तरह से नई शोध दिशा का प्राकृतिक उदय हुआ है जो विभिन्न अनुसंधान विषयों को एक साथ एक एकीकृत छाते के भीतर ले लाता है।

चूंकि क्वांटम कंप्यूटर मापनीय (स्केलेबल) क्वांटम सिस्टम हैं और  यह क्वांटम प्रयोगों के लिए एक सार्वभौमिक प्रोग्राम योग्य सेटअप प्रदान कर सकता है। एक क्वांटम सर्किट, जो क्वांटम कंप्यूटरों के लिए एक निम्न-स्तरीय कार्यक्रम की तरह है जो एक ऐसा रोसेटा स्टोन हो सकता है जो एक भौतिक प्रणाली से दूसरे में प्रयोगों के परिवर्तन की अनुमति देता है।

एक परिणाम के रूप में, वैज्ञानिकों ने यह भी दिखाया है कि क्वांटम यांत्रिकी सत्य है और क्वांटम कंप्यूटर कितना अच्छा प्रदर्शन करता है, इसका मूल्यांकन करने के लिए परीक्षणों का उपयोग बेंचमार्क के रूप में किया जा सकता है। प्रोफेसर सिन्हा ने कहा, "हमारी पद्धति क्वांटम कंप्यूटरों के लिए अच्छी तरह से परिभाषित बेंचमार्क बनाने का एक अच्छा तरीका प्रदान करती है ताकि बेंचमार्किंग टूल के रूप में मूलभूत क्वांटम सिद्धांत का उपयोग करके हम यह जान सकें कि वास्तव इन कम्प्यूटरों से भी कोई गलती कैसे हो सकती है।"

प्रकाशन:

 

डीओआई: 10.1103/PhysRevResearch.4.L022001

क्वांटम कंप्यूटर के साथ टेस्टिंग क्वांटम फ़ाउंडेशन, एस. सदाना, एल. मैककॉन, यू. सिन्हा, फिजिकल रिव्यू रिसर्च, 4 L022001, 2002।

 

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