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दिल्ली सीमा शुल्क अधिकारियों ने 6 अप्रैल, 2022 की रात को भारत में किसी हवाई अड्डे पर सबसे ज्यादा 5.85 किग्रा हेरोइन जब्त की


पिछले छह महीनों में दिल्ली हवाई अड्डे के सीमा शुल्क विभाग ने आईजीआई हवाई अड्डे पर 33.70 किग्रा हेरोइन और 12.60 किग्रा कोकीन जब्त की है

 वित्त वर्ष 2021-22 में ही आईजीआई हवाई अड्डे पर 35 मामले दर्ज;  सीमा शुल्क अधिकारियों ने 887.35 करोड़ रुपये अनुमानित मूल्य के नशीले पदार्थ जब्त किए; 34 यात्री गिरफ्तार किए गए

Posted On: 07 APR 2022 5:34PM by PIB Delhi

दिल्ली हवाई अड्डा सीमा शुल्क अधिकारियों ने 6 अप्रैल, 2022 की रात को 5.85 किग्रा कोकीन जब्त की है, जो आईजीआई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोकीन की सबसे बड़ी बरामदगी का मामला है। जब्ती की इस कार्रवाई से भारतीय सीमा शुल्क विभाग द्वारा नशीले पदार्थों के खतरों के खिलाफ जारी लड़ाई का भी पता चलता है।

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आईजीआई हवाई अड्डे पर 6 अप्रैल, 2022 को दिल्ली सीमा शुल्क विभाग द्वारा जब्त की गई 5.85 किग्रा कोकीन

प्रमुख स्रोत माने जाने वाले देशों से लगातार प्रवाह से नशीले पदार्थों की पहुंच आसान हो गई है। प्रमुख राजधानी हवाई अड्डा होने के कारण आईजीआई हवाई अड्डे पर सालाना लाखों यात्री आते हैं, जिनमें से कुछ सक्रिय रूप से नशीले पदार्थों के कैरियर बने हुए हैं। आईजीआई हवाई अड्डे के सीमा शुल्क अधिकारी ऐसे कैरियर्स और उनके हैंडलर्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।

पिछले छह महीनों में, सिर्फ आईजीआई हवाई अड्डे के सीमा शुल्क अधिकारी ही एनडीपीएस अधिनियम के 16 मामले दर्ज कर चुके हैं, जो देश में किसी भी हवाई अड्डे पर सबसे ज्यादा मामले हैं। इस प्रक्रिया में, अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों से 33.70 किग्रा हेरोइन और 12.60 किग्रा कोकीन जब्त की जा चुकी है, जिनमें ज्यादातर अफ्रीकी मूल के नागरिक हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में आईजीआई हवाई अड्डे के सीमा शुल्क अधिकारी 887.35 करोड़ रुपये अनुमानित मूल्य के नशीले पदार्थ जब्त कर चुके हैं। इस प्रक्रिया में 34 यात्री गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

जब्ती के इन मामलों में दो खास मॉडस ऑपरेंडी यानी काम के तरीके देखने को मिले हैं। कुछ यात्री नशीले पदार्थों को लेटेक्स के कैप्सूलों में पैक करते हैं, फिर वे हवाई अड्डे के सीमा शुल्क अधिकारियों को चकमा देने के लिए उन्हें निगल लेते हैं। बाद में वे लैक्जेटिव्स खाकर इन कैप्सूलों को निकालते हैं, जिससे उनके अपने जीवन के लिए बड़ा खतरा पैदा होता है। इस मॉडस ऑपरेंडी को न सिर्फ पता लगाना, बल्कि इन्हें निकालना भी खासा मुश्किल है। संदिग्ध यात्रियों को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराना होता है, जहां चिकित्सकीय निगरानी में निकासी का काम किया जाता है। इस प्रक्रिया में अक्सर 4 से 5 दिन और कभी कभार ज्यादा समय लग जाता है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि इन यात्रियों को लगातार कड़ी निगरानी में रखा जाता है और सीमा शुल्क अधिकारी दिन रात पहरा देते हैं, जो कोविड-19 महामारी के चलते अपने आप में जोखिम भरा काम है। हवाई अड्डे पर नशीले पदार्थों की जब्ती एक कठिन और लंबी कानूनी लड़ाई की शुरुआत होती है, जिससे बाद में गुजरना पड़ता है।

दूसरे तरीके में, यात्रियों द्वारा अपने साथ लाए जा रहे हैंड बैग या चेक्ड-इन बैगों में बनाई गई गुहाओं में इन नशीले पदार्थों को छिपाया जाता है। ऐसे मामलों का कस्टम्स कैनाइन स्क्वैड और हाई रिजॉल्युशन एक्सरे के सम्मिलित इस्तेमाल के द्वारा पता लगाया जाता है। आईजीआई हवाई अड्डे पर इन दोनों मॉडस ऑपरेंडी का पता लगाया गया है। इसके बढ़ते बाजार और आकर्षक कमाई के चलते भारत में हवाई अड्डों के जरिये नशीले पदार्थों की तस्करी में कोई कमी नहीं आई है।

 

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