उप राष्ट्रपति सचिवालय
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हमारी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन का उत्सव मनाना हमारा कर्तव्य है - उपराष्ट्रपति


उपराष्ट्रपति ने युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए स्कूलों की पाठ्यपुस्तकों में स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों के जीवन से जुड़ी कहानियों को शामिल करने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने कारीगरों को समय पर और किफायती ऋण और मार्केटिंग के अवसर उपलब्ध कराने का आह्वान किया

सुनिश्चित करें कि हमारे कलाकारों और शिल्पकारों को मान और सम्मान के साथ जीवन जीने के साधन मिलें - उपराष्ट्रपति

संगीत और नृत्य का हमारा सांस्कृतिक खजाना दुनिया के लिए भारत के सबसे महान उपहारों में से एक है - उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने आज हैदराबाद में 12वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का उद्घाटन किया

Posted On: 01 APR 2022 8:55PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज कहा कि, गर्वित भारतीयों के रूप में, हम देश को दमनकारी ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त करने के लिए असंख्य बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन का उत्सव मनाने के कर्तव्य से बंधे हैं। उन्होंने लोगों से इन महान नेताओं के जीवन पर फिर से गौर करने और युवाओं को उनकी प्रेरक कहानियों से अवगत कराने का आह्वान किया।

आज हैदराबाद में संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे 12वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के उद्घाटन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस महोत्सव के 'दोहरे उद्देश्य' पर प्रकाश डाला- पहला स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करना, और दूसरा समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक विरासत और कला रूपों को बढ़ावा देना और उनका संरक्षण करना। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता हमेशा 'सर्वजन सुखिनो भवन्तु' और 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना के अनुरूप सभी का कल्याण चाहती है।

भारत में सांस्कृतिक कला रूपों की विविधता और समृद्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने संस्कृति महोत्सव के माध्यम से इस विविधता को मनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय की सराहना की।

यह देखते हुए कि हमारी समृद्ध और विविध भाषाएं हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का एक अविभाज्य अंग हैं, श्री नायडु ने जीवन के हर क्षेत्र में भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि लोगों को देश के प्रत्येक क्षेत्र की सांस्कृतिक विशिष्टता और विविधता को समझने और उसकी सराहना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में जाना चाहिए। वह यह भी चाहते थे कि लोग हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बारे में जानने के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और सेल्युलर जेल जैसी जगहों सहित ऐतिहासिक स्मारकों का दौरा करें। श्री नायडु ने युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों के स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों के जीवन से जुड़ी कहानियों को स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने का भी आह्वान किया।

भारत के संगीत और नृत्य के सांस्कृतिक खजाने को दुनिया के सबसे महान उपहारों में से एक बताते हुए, उपराष्ट्रपति ने इन समृद्ध कला रूपों को संरक्षित और प्रचारित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस संबंध में, उन्होंने कारीगरों को अपने पैरों पर खड़े होने में सक्षम बनाने के लिए समय पर और किफायती ऋण और मार्केटिंग के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे कलाकारों और शिल्पकारों को मान और सम्मान के साथ जीवन जीने के साधन मिलें।"

हमारी समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की प्रशंसा करते हुए, श्री नायडु ने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव पारंपरिक कलाकारों और शिल्पकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक छत के नीचे आने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा, "यह त्योहार हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध कला रूपों का उत्सव है जो सदियों के दौरान विकसित हुए हैं, जिन्हें हमारे पूर्वजों ने सावधानीपूर्वक बढ़ाया और संरक्षित किया है।"

यह देखते हुए कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव दुर्लभ और लगभग विलुप्त कला और शिल्प रूपों की प्रस्तुति और प्रदर्शन के लिए एक मंच के रूप में विकसित हो रहा है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह त्योहार लोगों, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को भारत की संस्कृति और परंपरा की समृद्धता के बारे में जागरूक करने में एक लंबा सफर तय करेगा। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि महोत्सव हमारे कारीगरों को कलाकृतियों और अन्य पारंपरिक सामानों की बिक्री के माध्यम से अपनी आजीविका कमाने में सक्षम बनाएगा।

आज से शुरू हुए बारहवें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा हैदराबाद, राजमुंदरी और वारंगल में किया जा रहा है। इस महोत्सव में 35 लोक समूहों के लगभग 550 लोक कलाकार और क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के लगभग 150 कारीगर भाग लेंगे। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से समान संख्या में स्थानीय कलाकार और कारीगर इस विशाल सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।

इस अवसर पर, श्री नायडु ने संस्कृति मंत्रालय और क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो (आरओबी) हैदराबाद द्वारा प्रमुख तेलुगु स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित  एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति का प्रदर्शन करने वाले अन्य स्टालों का भी संक्षिप्त दौरा किया और शुरुआती चरण के स्टार्टअप को मदद करने के लिये एक 'स्टार्टअप जोन' का भी उद्घाटन किया ।

इस अवसर पर, उपराष्ट्रपति ने 400 लोक कलाकारों द्वारा विशेष रूप से तैयार किये गए प्रदर्शन को देखा जिसमें 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोक नृत्य शामिल किये गये थे।

इस कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल, श्री बंडारू दत्तात्रेय, पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, श्री जी किशन रेड्डी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

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एमजी/एएम/एसएस


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