वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

भारत का सामान और सेवाओं का कुल निर्यात चालू वित्त वर्ष में 650 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल


"पीएलआई योजना और पीएम गति शक्ति भारत को बड़ी पहुंच प्रदान करेंगे"

"आत्मनिर्भर भारत दुनिया के सामने मजबूती के साथ खड़े होने वाले आत्मविश्वासी भारत के बारे में है"

केंद्रीय मंत्री ने मुंबई में एफई सीएफओ ऑफ द ईयर अवार्ड्स 2022 प्रदान किये

Posted On: 25 MAR 2022 11:14PM by PIB Delhi

केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में कहा, "भारत को विकसित दुनिया में अपने विस्तार पर नजर रखनी चाहिए, यहीं पर जहां भविष्य की विकास गाथा है"।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री ने कहा कि लगभग 1.350 लाख करोड़ डॉलर के कुल अंतरराष्ट्रीय व्यापार के साथ, भारत के वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के मामले में 650 अरब डॉलर का स्तर पार करना, देश को एक बड़ी पहुंच प्रदान करेगा। माननीय मंत्री आज मुंबई में फाइनेंशियल एक्सप्रेस के एफई सीएफओ ऑफ द ईयर अवार्ड्स 2022 को संबोधित कर रहे थे।

"हम सेवा निर्यात में 250 अरब डॉलर से अधिक का स्तर पा सकते हैं"

400 अरब डॉलर की निर्यात उपलब्धि के महत्व को स्वीकार करने के लिए उद्योग के सदस्यों और मीडिया को धन्यवाद देते हुए, माननीय मंत्री ने कहा कि उन्हें साल खत्म होने तक इसके 410 अरब डॉलर या उसके आसपास रहने की उम्मीद है।

कृषि निर्यात पर उन्होंने कहा, 'पिछले 12 महीनों में हमने 40 अरब डॉलर से अधिक का कृषि निर्यात हासिल किया है। जब तक साल खत्म होगा हमें 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह हमारे किसानों और इससे जुड़े पूरे इकोसिस्टम के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।"

हमारा इंजीनियरिंग निर्यात 100 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। आभूषण और रत्न, टेक्सटाइल, लेदर- ये सभी वापस पटरी पर आ रहे हैं। पेट्रोलियम निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस्पात क्षेत्र ने भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।"

हम सेवाओं के निर्यात में अद्भुत लक्ष्य तक पहुंचेंगे; हम संभवत: 250 अरब डॉलर के सेवा निर्यात का आंकड़ा पार करेंगे।"

आत्मनिर्भर भारत और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

जब पीएम मोदी एक आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो वह निश्चित रूप से ऐसे भारत के बारे में बात नहीं कर रहे हैं जो दुनिया भर के लिए अपने दरवाजे बंद कर देता है। आत्मनिर्भर भारत आत्मविश्वास, स्वयं की पूर्णता के बारे में है, यह दुनिया से मजबूत स्थिति में रहकर जुड़ने के बारे में है”, माननीय मंत्री ने कहा।

"दुनिया का कोई भी देश महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव के बिना विकसित नहीं हुआ है। उस दिशा में, हमें आत्म निर्भर भारत की अपनी यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण तत्वों पर नजर रखनी चाहिए। राज्यों के साथ सरकार का हर मंत्रालय और विभाग इस लक्ष्य पर काम कर रहा है।

मुक्त व्यापार समझौते

"हम ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ, इज़राइल के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत कर रहे हैं और बहुत जल्द, हम इसे गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी- मध्य-पूर्वी देशों) के साथ शुरू करने की उम्मीद करते हैं".

हाल ही में संपन्न भारत-यूएई एफटीए के बारे में बोलते हुए, माननीय मंत्री ने कहा, "हमारा अपना अनुमान है कि कारोबार जो कि लगभग 60-65 अरब डॉलर का है, बहुत तेजी से 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।"

माननीय मंत्री ने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों पर नजर डालने और यह देखने की आवश्यकता की ओर इशारा किया कि हम विशेष रूप से विकसित देशों में कैसे विस्तार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए तैयार है।

भारत लागत-प्रतिस्पर्धी है, देश में प्रतिभाएं है, भरोसेमंद है, अन्य देश मजबूत और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए हमारी ओर देखते हैं। भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखा जाता है। हमारा उद्योग बाकी दुनिया के साथ काम करने के लिए तैयार है जो नियम-आधारित और पारदर्शी प्रणालियों पर काम करता है।

जब भारत आरसीईपी से बाहर चला गया, तो हमें पूरे उद्योग, किसानों, हर किसी से सर्वसम्मति से समर्थन मिला। हर कोई चीन की उपस्थिति के बारे में चिंतित था क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था बहुत खुली नहीं है, जो कि भारतीय उद्योग का स्वागत नहीं करती है और जहां गैर-पारदर्शी मूल्य निर्धारण होता है।

पीएलआई योजना और पीएम गति शक्ति होगी गेम चेंजर

"उत्पादन आधारित प्रोत्साहन कार्यक्रम, जिसे सरकार के द्वारा बनाई गई एक उद्योग के नेतृत्व वाली समिति ने दिया, और जिसमें 24 क्षेत्रों के सावधानीपूर्वक से हुए विश्लेषण के बाद 14 क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर उत्पादन स्तर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा हासिल करने में मदद के लिये चयन किया गया। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना ने उन क्षेत्रों की पहचान की है जिनके पास दुनिया भर में अवसर हैं लेकिन जहां भारत की हिस्सेदारी सीमित है।

टेक्सटाइल के संबंध में, हम अक्सर बाजार के एक तत्व पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और टेक्निकल टेक्सटाइल और जियो-टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों की अनदेखी करते हैं, जहां वैश्विक व्यापार का अधिकांश हिस्सा है, लेकिन वहां हमारी हिस्सेदारी सीमित है। पीएलआई योजना इस असंतुलन को दूर करने का प्रयास करती है।

"स्पेशलिटी स्टील कम घरेलू मांग वाला एक और क्षेत्र है जहां कीमत को लेकर कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है जहां पीएलआई योजना लाई गई है। खाद्य प्रसंस्करण और ड्रोन निर्माण अन्य क्षेत्र हैं जहां पीएलआई लाया गया है"।

पहली बार, सरकार सिर्फ सेमी-कंडक्टर क्षेत्र के लिए एक योजना लेकर आई है, जिसमें घरेलू विनिर्माण को आकर्षित करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये का पीएलआई समर्थन है, माननीय मंत्री ने कहा।

पीएम गति शक्ति

पीएम गति शक्ति नामक अभिनव पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री गोयल ने कहा, “यह भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को अधिक सोच समझ के साथ, संगठित और समझदारी भरे तरीके से विकसित करने में मदद करेगा। यह बेहतर निगरानी और निर्धारित लागत पर इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से तैयार करने में मदद करेगा, जिससे सामान को लाने ले जाने की लागत को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वो आम आदमी के लिए इस योजना का अध्ययन करें और इसकी जानकारी उन तक पहुंचाएं

एफई सीएफओ पुरस्कार

श्री गोयल ने जेएसडब्ल्यू ग्रुप के सीएफओ और ज्वाइंट एमडी श्री शेषागिरी राव को एफई सीएफओ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022 सौंपा। उन्होंने तीन श्रेणियों में उद्योग के 28 विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए।

इस अवसर पर द फाइनेंशियल एक्सप्रेस के संपादक श्री श्यामल मजूमदार, इंडियन एक्सप्रेस के कार्यकारी निदेशक श्री अनंत गोयनका और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के अध्यक्ष और एमडी श्री संजीव मेहता और मुख्य वित्तीय अधिकारी और उद्योग जगत के प्रमुख उपस्थित थे।

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