कोयला मंत्रालय
अप्रैल 2022 से जनवरी 2022 के दौरान सभी श्रेणी के गैर कोकिंग कोयले का आयात वित्तीय वर्ष 2020 के 163.85 एमटी की तुलना में घटकर 125.61 मिलियन टन हो गया
अप्रैल 2022 से जनवरी 2022 के दौरान कोयले का कुल आयात वित्तीय वर्ष 2020 के 207.24 एमटी की तुलना में घटकर 173.20 एमटी रह गया
Posted On:
26 MAR 2022 6:27PM by PIB Delhi
कोयले के घरेलू उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ, भारत ने बिजली की मांग में वृद्धि के बावजूद कोयले के आयात में उल्लेखनीय कमी हासिल की है। अप्रैल 2022 से जनवरी 2022 की अवधि के दौरान सभी श्रेणी के गैर कोकिंग कोयले का आयात वित्तीय वर्ष 2020 के इन्हीं महीनों के दौरान 163.85 एमटी की तुलना में घटकर 125.611 मिलियन टन (एमटी) हो गया है। यह गिरावट लगभग 23.33 प्रतिशत की है।
जनवरी 2022 तक घरेलू कोयला-आधारित बिजली उत्पादन 815.72 बीयू (बिलियन यूनिट) है, जोकि वित्तीय वर्ष 2020 की इसी अवधि के दौरान 724.746 बीयू थी। इस प्रकार, बिजली उत्पादन में 12.55 प्रतिशत की वृद्धि रही। आयातित कोयला-आधारित बिजली उत्पादन, जोकि अप्रैल 2020 से जनवरी 2020 के दौरान 78.07 बीयू था, में 55 प्रतिशत की कमी आई है और यह चालू वित्तीय वर्ष 2022 के इन्हीं महीनों के दौरान 35.13 बीयू रह गया है।
वित्तीय वर्ष 2022 के जनवरी माह तक बिजली क्षेत्र में मुख्य रूप से उपयोग किए जाने वाले गैर-कोकिंग कोयले का आयात वित्तीय वर्ष 2020 की इसी अवधि की तुलना में 60.87 प्रतिशत कम होकर 58.09 एमटी से 22.73 एमटी तक आ गया है। अप्रैल 2022 से जनवरी 2022 के दौरान कोयले का कुल आयात भी वित्तीय वर्ष 2020 की इसी अवधि के दौरान 207.235 एमटी की तुलना में घटकर 173.20 एमटी हो गया है। इस प्रकार, कोयले के कुल आयात में लगभग 16.42 प्रतिशत की कमी हुई है जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष विदेशी मुद्रा भंडार की महत्वपूर्ण बचत हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार में यह बचत खासकर ऐसे समय में हुई है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमतें उच्च स्तर पर हैं। घरेलू कोयले के उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए सभी प्रयास जारी हैं क्योंकि अतिरिक्त कोयले की उपलब्धता से आयात-प्रतिस्थापन में मदद मिलेगी।
ऊर्जा की खपत की दृष्टि से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है और बिजली की मांग हर वर्ष 4.7 प्रतिशत बढ़ती है। कोयले के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए, कोयला मंत्रालय द्वारा “आत्मनिर्भर भारत” की दृष्टि से सुधार की व्यापक पहल की गई है। मंत्रालय ने एमएमडीआर (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत खनिज रियायत (संशोधन) नियम, 1960 में संशोधन किया है ताकि कैप्टिव खानों के पट्टेदार को अंतिम उपयोग वाले संयंत्रों की जरूरतों को पूरा करने के बाद कुल अतिरिक्त उत्पादन का 50 प्रतिशत तक कोयला या लिग्नाइट को बेचने की अनुमति मिल सके। इस संशोधन के जरिए, कोयला मंत्रालय (एमओसी) ने कैप्टिव कोयला ब्लॉकों की खनन क्षमता के अधिक उपयोग द्वारा बाजार में अतिरिक्त कोयले को जारी करने का मार्ग प्रशस्त किया है, जिसके कारण जनवरी 2020* तक 51.73 एमटी के कोयले के उत्पादन में वित्तीय वर्ष 2022 की इसी अवधि के दौरान 37.85 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 71.31 एमटी तक पहुंच गया है। इससे कोयले के घरेलू उत्पादन में जनवरी 2022 तक 8.38 प्रतिशत की समग्र वृद्धि हुई है और उत्पादन 601.97 एमटी हो गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2020 के इन्हीं महीनों में यह उत्पादन 555.41 एमटी था। यह उम्मीद की जाती है कि वित्तीय वर्ष 2023 के दौरान बिजली क्षेत्र की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में घरेलू थर्मल कोयले की आपूर्ति होगी।
वित्तीय वर्ष 2020-21 को तुलना के लिए शामिल नहीं किया जा रहा है क्योंकि यह अवधि कोविड-19 महामारी से प्रभावित थी।
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एमजी/एएम/आर
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