रक्षा मंत्रालय
डीआरडीओ में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह मनाया गया
प्रविष्टि तिथि:
28 FEB 2022 9:30PM by PIB Delhi
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने वैज्ञानिक और कर्मचारियों की व्यापक भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- 2022 मनाया। इस अवसर पर रक्षा विज्ञान फोरम ने डीआरडीओ भवन में एक विशेष समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन थे। वहीं, इसकी अध्यक्षता रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (डीडीआरएंडडी) के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने की।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन ने अपने प्रमुख संबोधन में महासागर अनुसंधान को लेकर इसके संसाधनों की खोज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एकीकरण की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने पहले मानवयुक्त महासागर मिशन का उल्लेख किया। सचिव ने इस बात को रेखांकित किया कि इस मिशन का उद्देश्य समुद्रयान परियोजना के तहत 5,000 मीटर तक गहरे समुद्र में गोता (डीप डाइव) लगाना है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक गहरे समुद्र में खोज, स्वच्छ ऊर्जा और नीली अर्थव्यवस्था (महासागरीय संसाधनों से संबंधित अर्थव्यवस्था) में सहायता करेगी।
रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने अपने संबोधन में वैज्ञानिक समुदाय को उत्कृष्टता और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए जारी अन्वेषण के लिए बधाई दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिक स्वभाव, मानवतावाद और जांच की भावना, वे सिद्धांत हैं जिनके साथ हम अपने सशस्त्र बलों को स्वदेशी उत्पाद व तकनीकों से युक्त करने के लिए डिजाइन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की विषयवस्तु "एक टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण" के अनुरूप डीआरडीओ हमेशा राष्ट्र की रक्षा के लिए विश्व स्तरीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करेगा और एक आत्मानिर्भर भारत के मिशन को प्राप्त करेगा।
इस कार्यक्रम में डीआरडीओ विज्ञान दिवस व्याख्यान के लिए विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं/प्रतिष्ठानों से 29 शोध पत्र प्राप्त हुए थे। इनमें से तीन शोध पत्रों का चयन किया गया और कार्यक्रम में इन्हें प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों ने प्रयोगशालाओं से प्राप्त सभी वैज्ञानिक पत्रों का संकलन - रक्षा विज्ञान स्पेक्ट्रम का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर डीआरडीओ स्थित उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) के पूर्व एससी-जी हरपाल सिंह यादव की लिखित 'इंट्रोडक्शन टू एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर' शीर्षक से एक मोनोग्राफ का भी विमोचन किया गया। यह मोनोग्राफ, एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) के बुनियादी कामकाज व विस्फोट की गतिशीलता और शॉक वेव्स (तरंगों) के मूल सिद्धांतों का वर्णन करता है, जो ईआरए के बुनियादी तंत्र को समझने के लिए प्रासंगिक व आवश्यक है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को सर चंद्रशेखर वेंकट रमन के 1928 में "रमन प्रभाव" की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस खोज के लिए उन्हें साल 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना, लोगों में वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा देकर विज्ञान को लोकप्रिय बनाना व लोगों में अभिनव गतिविधियों को प्रोत्साहित करना और एक सकारात्मक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्कृति का निर्माण करना है।
रक्षा विज्ञान फोरम, डीआरडीओ का एक मंच है। इस फोरम में वैज्ञानिक विभिन्न विषयों के फेलोशिप को प्रोत्साहन देने पर चर्चा करते हैं और विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। साथ ही, उन अंतर्विषयक परियोजनाओं की व्यवहार्यता पर विचार-विमर्श भी करते हैं, जहां विशेषज्ञ विचार की जरूरत होती है।
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एमजी/एएम/एचकेपी
(रिलीज़ आईडी: 1807223)
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