संस्कृति मंत्रालय
संस्कृति मंत्रालय ने #ब्रेक द बायस और #शेयरिंग इज केयरिंग थीम के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 मनाया
पूर्वाग्रहों को तोड़ने वाली महिलाओं ने न केवल अपना बल्कि अपने आसपास के लोगों का भी जीवन बदल दिया है: श्रीमती मीनाक्षी लेखी
Posted On:
08 MAR 2022 9:53PM by PIB Delhi
केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, जनपथ, दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 मनाया।
इस कार्यक्रम में गुयाना, वेनेजुएला, पोलैंड, बुल्गारिया, मेडागास्कर जैसे देशों की महिला राजदूत, संस्कृति मंत्रालय की महिला अधिकारी और ब्रिक्स-सीसीआई के प्रतिष्ठित सदस्य मौजूद थे।
ब्रिक्स-सीसीआई के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को बहुत उत्साह के साथ मनाया गया। इसमें हिंदू कॉलेज, दिल्ली के बैंड और श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूमन एक्सीलेंस, वेसटर्न एंड क्लासिकल म्यूजिक के छात्रों द्वारा वैदिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। इसमें एआईआईए की निदेशक प्रोफेसर तनुजा नेसरी ने जीवन शैली प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में शक्ति पर्व मना रहे हैं और यह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महिलाओं के बलिदान को याद करने का समय है। उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि भारतीय समाज में महिलाएं पुजारी होने के साथ-साथ साम्राज्ञी भी बन सकती हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि यहां मौजूद सभी महिलाओं ने किसी न किसी तरह से पूर्वाग्रह को तोड़ा है और यह 'पूर्वाग्रह को तोड़ना' आज के कार्यक्रम का विषय है। उन्होंने अपने और अपने आसपास के कई अन्य लोगों के जीवन को भी बदल दिया है। श्रीमती लेखी ने आग्रह किया कि पुरुषों को आगे आना चाहिए और महिला सशक्तिकरण का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उन सभी अच्छे लोगों को याद रखना महत्वपूर्ण है जिनसे हम अपने जीवन में आए हैं।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी का दर्शकों के साथ सीधी बातचीत था। श्रीमती लेखी ने खुद महिलाओं को पूर्वाग्रह तोड़ने की अपनी कहानियों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। भारत में रवांडा की राजदूत सुश्री जैकलीन मुकांगिरा, वेनेज़ुएला की राजदूत कोरोमोटो गोडॉय काल्डेरोन ने अपनी बात साझा की कि कैसे उन्होंने पूर्वाग्रहों को तोड़ा और अपनी मौजूदा हैसियत हासिल करने के लिए संघर्ष किया।
श्रीमती लेखी ने भारत की प्रमुख महिलाओं पर कला प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और संस्कृति मंत्रालय की उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को स्मृति चिन्ह सौंपे।
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