स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अलवर और नागौर में दो नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी
इससे न केवल सस्ती स्वास्थ्य सुविधाओं को लोगों के घर तक पहुंचाने में तेजी आएगी बल्कि चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा: डॉ. मनसुख मंडाविया
Posted On:
08 MAR 2022 6:46PM by PIB Delhi
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने आज राजस्थान के अलवर और नागौर में दो नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी। इस मौके पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रसादी लाल और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "यह बहुत गर्व की बात है कि राजस्थान की ऐतिहासिक भूमि पर आज अलवर और नागौर में दो नए मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया जा रहा है। यह वास्तव में राजस्थान के लोगों के लिए खुशी का एक महान क्षण है।"
देश में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा, "प्रत्येक मेडिकल कॉलेज की अपने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने और साथ ही अपने नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह न केवल कल्याण के लिए बल्कि मानव संसाधन विकास के लिए भी एक जीवंत ईकोसिस्टम बनाने के उद्देश्य से कार्य करता है।" उन्होंने आगे कहा कि, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसी परिकल्पना के तहत राजस्थान में ये दो मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं।" उन्होंने कहा कि इससे न केवल लोगों के दरवाजे तक सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में तेजी आएगी बल्कि देश में चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
डॉ. मंडाविया ने यह भी कहा कि राजस्थान में 23 मेडिकल कॉलेज तीन चरणों में स्थापित किए जा रहे हैं। पहले चरण में 7 कॉलेजों का काम पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में राजस्थान में 1 मेडिकल कॉलेज और तीसरे चरण में देश भर के 75 मेडिकल कॉलेजों में से 15 मेडिकल कॉलेज राजस्थान में स्थापित किए जा रहे हैं।
डॉ. मंडाविया ने सभा को सूचित किया कि "2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2013 में 387 मेडिकल कॉलेज थे जो 2021-22 में 596 हो चुके हैं। यूजी और पीजी सीटों में भी 2013-14 के बाद से क्रमश: 75 प्रतिशत और 93 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। राजस्थान में भी, स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 2013-14 के मुकाबले 2021-22 तक दोगुने से अधिक हो गई है। यह देश में स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार की पारस्परिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।"
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की समय-सीमा का पालन किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षेत्र के लोगों को समयबद्ध तरीके से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सके।
राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने में भारत सरकार के निरंतर समर्थन का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ काम कर रही है, जो राज्य के स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, डॉ. मनोहर अगनानी, अपर सचिव (स्वास्थ्य), सुश्री वी. हेकाली झिमोमी, संयुक्त सचिव, राजस्थान की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री कुलदीप रांका, प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा विभाग, राजस्थान) श्री वैभव गलरिया, आयुक्त, (चिकित्सा शिक्षा विभाग, राजस्थान) सुश्री शिवांगी स्वर्णकार भी वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और चिकित्सा बिरादरी के सदस्यों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुईं।
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एमजी/एएम/पीके
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